हेलो दोस्तों कैसे है आप लोग इस वेबसाइट पर ये मेरी पहली कहानी है, तो आप लोगो का ज्यादा समय न ख़राब करते हुए मैं अपनी कहानी शुरू करता हो, मेरा नाम रमित है मैं रामपुर (ऊ. प्र.) का रहने वाला हूँ, मेरे घर में मेरी माँ मेरी बड़ी बहन और मैं ही रहते है, मेरी दो बहनो की शादी हो चुकी है, मेरे पिताजी ने हमारी माँ को छोड़कर एक दूसरी महिला से शादी कर ली थी और दूसरे शहर में जाकर रह रहे थे मैं उस समय 14 साल का था
जबकि मेरी बहने क्रमशः 16,18 और 22 साल की सबसे छोटी पूनम, मंझली वाली शिखा जबकि बड़ी वाली कामिनी दीदी थी, पिताजी के यु इस तरह दूसरी शादी करने से हमारे घर पर दुखो का पहाड़ टूट गया माँ सदमे में रहने लगी, माँ ज्यादा पड़ी लिखी नहीं थी उन्हें चिंता रहने लगी की अब घर का गुजारा कैसे करे साथ ही उन्हें अपनी जवान जवान बेटियों की भी चिंता सताने लगी थी, इसी चिंता में वो बीमार भी रहने लगी थी, मेरे पापा के एक दोस्त युसूफ अंकल थे जो माँ के काफी करीब थे
उन्होंने कुछ दिनों तक रुपयों से हमारी मदद की पर माँ ने ज्यादा दिन तक मदद लेने से मना कर दिया और उनसे कोई काम तलाशने को कहा,उन्होंने माँ के लिए तो नहीं पर बड़ी दीदी के लिए अपने एक रिश्तेदार के यहाँ ऑफिस में क्लर्क की जॉब तलाश दी, बड़ी दीदी ने माँ को समझाया जब रमित बड़ा हो जायेगा और उसे जॉब लग जाएगी तो मैं शादी कर लुंगी माँ मान गयी, इसी तरह ३ साल निकल गए अब मेरी दोनों बहनो की शादी हो गई थी
चूँकि ये कहानी कामिनी दीदी के बारे में है अतः मैं अपनी दोनों बहनो के बारे ज्यादा कुछ नहीं बताऊंगा हां, यदि आप लोग ज्यादा रिस्पांस मेल द्वारा भेंजेगे तो मैं उन दोनों की चुदाई की कहानी भी जरूर भेजूंगा, मेरा घर एक महिला प्रधान घर होने से मेरी माँ बहनो ने कभी मुझसे पर्दा नहीं किया वो मेरे सामने ही अपने कपड़े बदलते नहाते थे, मेरे घर में कच्चा बाथरूम था
मेरी माँ बहने उसी में नंगे होकर नहाते थे और मैंने उन्हें कई बार पुरे नग्न अवस्था में देखा था पूनम की शादी के बाद जब पूनम ६ महीने बाद घर आयी. एक दिन वो हमेशा की तरह नंगी होकर नहा रही थी, मैं बाथरूम में सुसु करने गया उस समय पूनम अपनी चूत में ठंडा ठंडा पानी डाल रही थी मैंने पूनम से कहा की क्या कर रही है तो वो बोली कुछ नहीं इसको गर्मी हो रही थे तो उसे ठंडा कर रही हूँ, मैंने गौर से देखा तो पाया की पूनम की चूत पहले की अपेक्षा ज्यादा खुली थी साथ ही वो लाल लाल भी हो गई थी
मैंने जब उसकी चूचियों को देखा तो वो भी काफी बड़ी बड़ी हो गई थी उसकी गांड भी बहार को निकल आयी थी, मैंने कहा की अगर तकलीफ है तो डॉक्टर को दिखा दे तब बोली – अब इसके डॉक्टर तो तेरे जीजाजी ही है वही इसको ठीक कर पाएंगे ये बात मुझे अजीब लगी खैर ये बात मैंने अपने जिगरी दोस्त नावेद को बताई तब वो मुझपर हसने लगा और बोला – अबे चूतिये इतना भोला मत बन वरना तेरी शादी के बाद तेरी बीबी को कोई और बजायेगा साले तेरी बहन की जमकर चुदाई हुई है,
इसलिए उसकी चूत बड़ी और लाल हो गई है, और उसने मुझे विस्तार से बताया की कैसे तेरे जीजा ने पूनम को नंगा कर के चोदा होगा साथ ही उसने ये भी बताया की अब कुछ दिनों के बाद चुदने के कारन पूनम भी शिखा की तरह बच्चा जनेगी उसने मुझे अपने फ़ोन में नंगे नंगे चुदाई के वीडियो दिखाए और मेरे सामने मुठ मारने लगा साथ ही उसने मुझे भी मुठ मरना सिखाया जब मैं झड़ा तो मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आया अब मैं जानबूझकर अपनी बहनो को नंगा देखने लगा और उनके नाम से मुठ मरने लगा,
दो चार दिन रहने के बाद पूनम भी ससुराल चली गई अब घर में मैं दीदी और मम्मी ही रहते थे ऐसे ही दिन कटने लगे ये कहानी आज से दो साल पहले की है उस समय मैं २० और दीदी २८ की थी और ये मेरी बड़ी बहन और मेरे बिच चुदाई की कहानी है मैं पहले दीदी के बारे में बता देता हूँ कामिनी दीदी नाम के विपरीत एकदम काली कलूटी है,
वो बिलकुल भी खूबसूरत नहीं है शायद इसी कारन उनके लिए कोई अच्छे रिश्ते नहीं आ रहे थे पर इतनी बदसूरत होने के बावजूद भी उनकी गांड जो की बहुत बड़ी थी और वो शादीशुदा खूब चुदी चुदाई औरतो की तरह बहार की ओर निकली हुयी थी जो की बहुत ही सेक्सी थी साथ ही उनकी चूचिया तो शहर की सबसे ज्यादा बड़ी और सेक्सी चूचिया थी मैं उन्हें लगभग रोज ही नंगा देख कर मुठ मार रहा था
उनकी चुत कुल मिलकर सूरत की कमी बाकि बदन ने पूरी कर दी थी, बात गर्मियों के दिनों की है, हम लोग अपनी छत के ऊपर सोते थे हम लोग छत पर बिस्तर बिछा के सोते थे माँ बिच में जबकि मैं और दीदी माँ के अगल बगल में सोते थे, एक बार माँ मामा के घर २० – २५ दिन के लिए गई उस रात मैं और दीदी दोनों रात में छत पर सो गए पहली बार दीदी मेरे बगल में सोयी थी, मेरा लंड तनतना गया था
हालाँकि मैं दीदी को नग्न देखकर सपनो में चुदाई करता था पर कभी भी रियल में चुदाई के बारे में नहीं सोचा था एक रात करीब २ बजे जब थोड़ी ठंडी बढ़ गई तो दीदी मुझसे पीछे से चिपक गई दीदी उनकी नोकदार चूचिया मेरी पीठ में गढ़ने लगी साथ ही वो अपनी जांघ मेरे जांघो में फसा कर घिसने लगी मेरा तो लंड तनने लगा करीब १५ मिनट बाद दीदी पलट कर सो गई,
अब मैं दीदी से पीछे से चिपक कर सो गया मैंने अपना लंड जैसे ही दीदी की गांड में लगाया दीदी ने अपनी गांड को पीछे की तरफ करने लगी मैंने पीछे से ही दीदी की चूचिया जोरो से पकड़ ली और अपना लंड दीदी की गांड में जोरो से सटा दिया दीदी की सांसे अब जोर जोर से चलने लगी इसी तरह मैं और दीदी चिपक कर सो गए ये दीदी की साथ मेरा पहला अनुभव था
उस दिन दीदी के ऑफिस जाने के बाद मैंने न जाने कितने बार मुठ मारा उस रात को मैं और दीदी फिर एक साथ सोये आज दीदी चित सोयी थी मैं दीदी से फिर चिपक गया और अपना एक पर उनके ऊपर रख घुटने से चुत को दबाने लगा, मैंने अपना मुँह उनके गालो से सटा कर उनकी चूचियों को हल्का हल्का दबाने लगा दीदी तेज तेज गर्म सांसे छोड़ने लगी,
अब मैं अपने एक हाथ को दीदी के पैजामे के तरफ निचे की तरफ लाया और कपङे के ऊपर से ही उनकी चुत को हल्का से दबा दिया दीदी उफ्फ्फ्फ़ ऐसे करते हुए अपनी जांघो को विपरीत दिशा में फैला दी, मैंने अपने हाथ को और निचे करते हुए दीदी की चुत को अपनी मुठी में दबा दिया, दीदी ने फिर हलके से अह्ह्ह किया पर वो अभी भी सोने का नाटक रही थी
इस बात से मेरी हिम्मत बढ़ गई की दीदी को भी मजा आ रहा था तो मैंने अपने हाथ से दीदी के पैजामे के नाड़े को खोलने लगा नाडा बहुत ही टाइट था जो खुल नहीं पाया मैं हार मानकर दीदी से चिपक कर सो गया, दूसरे दिन दीदी की छुट्टी थी मैं दीदी से नजरे नहीं मिला पा रहा था पर दीदी सामान्य थी, रात में खाना खा कर हम फिर सोने ऊपर चले गए आज दीदी ने पहली बार सलवार कुरता न पहन कर एक टॉप और स्कर्ट पहनी हुयी थी
दीदी ५ मिनट के अंदर ही सोने का नाटक करने लगी मुझमे आज हिम्मत काफी बढ़ गई थी मैं दीदी से सटकरदीदी की चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा दीदी की सांसे धोकनी की तरह जोर जोर से चलने लगी वो अब ओह्ह्ह उफ़ उफ्फ्फ्फ़ इस तरह की आवाजे भी धीरे धीरे निकाल रही थी करीब २० मिनट तक दीदी की चुकी मींजने के बाद मैंने अपने हाथ से दीदी के स्कर्ट को उनके जांघ घुटने तक उतार दिया
दीदी थोड़ी कसमसाई और अपने स्कर्ट को पैरो से निचे खिसका कर पूरा उतार दिया और अपनी टाँगे पूरी तरह फैला दी और जोर जोर से सांसे लेने लगी मैं अपने हाथ को दीदी की चड्डी के ऊपर ले गया चड्डी चुत की जगह गीली हो गई थी तब मैंने उनकी चुत को जोर से जकड़ लिया दीदी ने आइइइइइइ उफ्फ्फ्फ़ ऐसे आवाज निकली और चुप हो गई तब मैंने दीदी की चड्डी को हल्का सा निचे किया और अपनी दो उंगलियों से उनकी चुत कुरेदने लगा, बाप रे ! दीदी की चुत बेतहाशा पानी छोड़ रही थी
मैंने आव देखा ना ताव और अपनी दोनों उंगलियों को उनकी चुत के अंदर कर दिया, चुत में उंगलिया आसानी से चली गई मतलब दीदी वर्जिन नहीं थी दीदी जैसी काली कलूटी लड़की का भी कोई बॉयफ्रेंड होगा ये मुझे थोड़ा आश्चर्य लगा खैर मैंने एक हाथ से दीदी को जकड़ा और एक हाथ दी उनकी चुत में फिंगरिंग करने लगा मैं दीदी के चुत के दाने को रगड़ने लगा दीदी के लिए ये बर्दाश्त से बहार था
उसका बदन ऐंठने लगा और वो भरभरा के झड़ने लगी दीदी का सारा माल बिस्तर में और मेरे हाथ पर लग गया झड़ने के बाद दीदी थोड़ी ढीली पड़ गई और अपनी चड्डी को ऊपर कर के मेरे से छिटक कर सो गई, मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाया और वही बिस्तर पर मुठ मार कर अपना माल दीदी की माल के ऊपर ही डाल कर सो गया, सुबह हम दोनों की नींद खुली तो मुझे बहुत ग्लानि होने लगी पर दीदी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी
उसने चुपचाप बिस्तर उठाया और बाथरूम में गई नहा कर ही बहार आयी करीब ९ बजे दीदी ऑफिस जाने को तैयार हो गई आज उनके चेहरे पर अजीब सा सुकून था. दीदी की इस हालत से मेरे भी हौसले बुलंद हो गए मैंने सोच लिया कुछ भी हो जाये आज दीदी को चोद के ही रहूंगा. रात हमने साथ खाना खाया मैंने बातो ही बातो में दीदी से पूछा की – दीदी क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
दीदी मेरे प्रश्न से अवाक् रह गई और मुझसे बोली – तू ये क्यों पूछ रहा है? मैंने कहा – बस ऐसे ही तब दीदी बोली – हां मेरे ऑफिस का ऑफिस बॉय साकिब के साथ मैं दो साल रिलेशन में थी पर उसकी पिछले महीने एक्सीडेंट में डेथ हो गई तो मैं फ़िलहाल अकेली हूँ, मैंने बोलै – ऑफिस बॉय से ?? तब दीदी बोली -क्या ऑफिस बॉय आदमी नहीं होते क्या? और साकिब ने तो मुझ जैसी काली लड़की को भी बहुत बहुत प्यार दिया उसके जाने के बाद तो मैं प्यार पाने के लिए तड़प गई हूँ,
ये बोलकर दीदी ने अपने दुप्पटे को अपनी चूचियों पर से हटा दिया और बोली- पर तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है मुझे मालूम है और वो झुककर मुझे चुची दिखाने लगी मैं ये देखकर पागल हो गया मैं अपना आपा खो बैठा और दीदी के करीब जा के बोला – तूने बहुत त्याग किया है मैं तेरी हर इच्छा पूरी करूंगा और दीदी को अपनी बाहो में भर कर उसे चुम लिया, दीदी तुरंत बोली – कंडोम है या गोली खाना पड़ेगा, उसके बाद मैंने दीदी को बेतहाशा किस करना चालू कर दिया
मैंने दीदी को बेड पर लेके चला गया फिर मैं ने दीदी को चित लिटा दिया और उसके ऊपर छा गया मैं दीदी के पुरे बदन के चुम रहा था जबकि दीदी जोर जोर से सांसे ले रही थी अब मैं ने दीदी की टी शर्ट को ऊपर उठा कर निकल दिया, आश्चर्य दीदी ने टीशर्ट के अंदर कुछ नहीं पहना था दीदी की काले रंग की बड़ी बड़ी चूचिया आजाद हो गई, मैं आंखे फाड़कर दीदी की चूचिया देख रहा था दीदी ने पूछा – क्या हुआ?
मैं बोला – दीदी तुम्हारी चूचिया रामपुर की सबसे बड़ी और सेक्सी चूचिया है, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है की अब ये मेरी है तुझे चोदने में वाकई बहुत मजा आएगा, मैं उसे जोर जोर से चूमने काटने लगा दीदी के मुँह से अब कामुक सिसकारी निकल रही थी वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी, मैं ने अब दीदी को अपने सीने से चिपका लिया, दीदी की चूचिया मेरे सीने से पीसकर रह गयी,
दीदी को भी अब सेक्स चढ़ गया था उसने भी मुझे जगह जगह चूमना चालू कर दिया, अब मैं ने दीदी को लिटा दिया और उसकी स्कर्ट को निकल फेंका अब दीदी सिर्फ चड्डी में लेटी हुयी थी मैं चड्डी के ऊपर से ही दीदी की चुत को चूमने लगा, दीदी की चड्डी गीली हो गई थी इसका मतलब दीदी अब चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी, मैं ने दीदी की चड्डी को निकाल फेंका,
मैं ये देखकर सरप्राइज हो गए की दीदी ने आज अपनी चुत को क्लीन सेव कर लिया था मतलब उसे भी पता था की आज मैं उसे चोदने वाला है, बिना झांटो की चुत और भी सुन्दर लग रही थी मैं अपने हाथो से चुत के ओठो को फैलाते हुए उसकी चुत के दाने को चाटने लगा दीदी अब जोर जोर से आआआआह उउउउउउउउउ इस्स्स्सस एआईईईई कर रही थी
अचानक मैं ने हमला तेज किया और वो उसके चुत के दाने को अपने दांतो से काटने लगा, ये हमला दीदी बर्दाश्त नहीं कर पायी और भरभरा कर मैं के मुँह में झड़ने लगी, मैं ने भी मुँह खोल कर दीदी के माल को सारा का सारा पि गया, दीदी झड़ कर निढाल पड़ी थी, मैं ने अपना बरमूडा और चड्डी को उतार कर रख दिया मेरा ७ इंच लंड बहार आ गया, अब हम दोनों ही जन्मजात नंगे थे,
दीदी को चित लिटा दिया और उसकी दोनों टांगो को विपरीत दिशा में फैला दिया दीदी की चुत अब खुलके सामने आ गयी थी, मैं ने दीदी की गांड के निचे एक तकिया लगा दिया और अपने हाथ से दीदी के चुत को फैलाते हुए अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चुत के छेद पर रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया दीदी के मुँह से आआआह की आवाज निकल गई मैं ने दीदी की चूचियों पर किस किया और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और दीदी के चीखने के पहले ही उसके ओठों से अपने ओठ भिड़ा दिया दीदी की चीखे दब कर रह गई,
मैं ने फिर अपने लंड को थोड़ा खींचा और फिर से एक धक्का लगाया इस धक्के से मेरा पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत के अंदर समां गया मेरा हर धक्का दीदी की बच्चेदानी तक चोट कर रहा था चुदाई के कारन होने वाली फक फक पच पच की जोरो की आवाज से कमरा फिर गूंजने लगा मैं अब दीदी को काफी तेजी से चोदने लगा अब दीदी भी चुदाई का मजा लेने लगी थी वो अब सिसकारियों की जगह जोर जोर से आआआहहहह उफ्फ्फ्फ़ एसससस इस तरह से आवाजे निकाल रही थी,
अचानक मैं ने धक्को की स्पीड दुगुनी कर दी और इधर दीदी का बदन भी फिर से अकड़ने लगा और वो आआआहहहह उफ्फ्फ्फ़ एसससस आआआआह ऊऊऊह्ह्ह करते हुए झड़ने लगी और इधर मैं के लंड ने भी वीर्य की पिचकारी दीदी की चुत में मारना चालू कर दिया दोनों साथ साथ झड़ने लगे मेरे वीर्य से दीदी की चुत लबालब भर गयी, मैं दीदी के ऊपर ही लुढ़क गया,
दोनों करीब १५ मिनट ऐसे ही पड़े रहे फिर मैं ने दीदी की चुत से अपना लंड निकाला, लंड के चुत के निकलते ही हम दोनों का प्यार मिश्रित कामरस निचे की ओर बहने लगा, उस रात के बाद मैं दीदी को जब चाहे तब चोदने लगा
तो दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे आप अपनी प्रतिक्रिया जरूर जरूर मेल करे मेरा मेल आई डी है

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