हेलो दोस्तों, मेरा नाम Nirmal है और मैं 23 साल का हूँ Antarvasna Story की सभी भाभियों और जवान लडकियों को मेरे खड़े लण्ड का सलाम है.
दोस्तों, मैं अजमेर का रहने वाला हूँ और अच्छी हाइट और हृष्ट – पुष्ट शरीर का मालिक हूँ. दोस्तों, मेरे लण्ड का साइज 5 इंच का है. मेरी इस कहानी को पढ़ते समय अब आप सब लण्ड वाले मुठ मारने के लिये और चूत की मालकिन अपनी चूत में उंगली चलने के लिए तैयार रहें.
दोस्तो ये कहानी आप अपने Antarvasna Story पर Injoy कर रहे है ।
दोस्तों, अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों मेरे यहाँ अजमेर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थान बहुत कम हैं इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मैं जयपुर आ गया. जयपुर में मेरे भैया रहते हैं.
मेरे भैया की शादी हुए अभी 2 साल ही हुए हैं और मेरी भाभी शक्ल और सूरत में किसी मॉडल से बिल्कुल भी कम नहीं थीं. उनके एक दम दूध जैसे गोरे बदन को देख कर तो बूढ़े का भी लन्ड खडा हो जाए. पहले मैं उनके बारे में बुरा नहीं सोचता था पर जब से मैं जयपुर आया तब से मेरा मन उन्हें चोदने का करने लगा. ये भैया मेरे सगे भैया न होकर दूर की रिश्तेदारी के भैया हैं. पहले मैं भाभी से कम ही मिलता था इसलिए उनके बारे में मैंने कभी गलत नहीं सोचा था. लेकिन जब से यहाँ आया हूँ उनको देख – देख कर बस हाथ से ही अपना काम चलाया है.
दोस्तों, मैं अपने संस्थान जाने के लिए सुबह भैया के साथ ही निकलता हूँ. वो मुझे सेन्टर पर छोड़ देते हैं और उसके बाद आफिस चले जाते हैं और फिर 8 बजे ही वापस आते हैं लेकिन मैं 3 बजे ही आ जाता हूँ और खाना खाने के बाद भाभी से बात कर लेता हूँ और इस दौरान उनकी जवानी को भी देख लेता हूँ.
मेरे भैया, भाभी को लगभग रोज ही पेलते हैं पर भैया अपना काम 5 मिनट में ही पूरा कर देते हैं और झड़ जाते हैं और फिर उसके बाद सो जाते हैं. लेकिन उधर भाभी अधूरी ही रह जाती हैं और फिर भाभी अपनी उंगली से ही अपना काम चलाती हैं. ये सब मैं रोज रात को खिड़की से देखता था और उनको उँगली चलते देख कर मुझे लगा कि अब मेरा काम हो जाएगा. फिर मैंने धीरे – धीरे सेन्टर जाना कम कर दिया और भाभी को पटाने के तरीके सोचने लगा. दोस्तों, भैया के जाने के बाद ही भाभी रोज नहाती थी और फिर साडी आधी लपेट कर बाहर आ जाती. इसके बाद फिर अपने रूम में जाकर तैयार होती थी.
जिस दिन मैं सेंटर नहीं जाता था उस दिन मैं भाभी को नहा कर जाते समय कम कपड़ों में ताड़ता रहता था. एक दिन मैं उन्हें देख रहा था कि पता नहीं कैसे भाभी को पता चल गया और वो मुझे गुस्से से देखती हुई बिना कुछ बोले निकल गईं.
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एक दिन भाभी पीछे घूम गई औऱ मुझे बुलाते हुए बोली, “इधर आ.” यह सुनते ही मैं पूरा हिल गया औऱ उनके पैर पकड़ कर बोला, “प्लीज भाभी, भैया को मत बोलना”. उस दिन उन्होंने भैया से कुछ नहीं बोला लेकिन उसके बाद मैंने भाभी को नहा कर जाते हुए देखना बंद कर दिया पर रात में मैं दोनों को सेक्स करते हुए जरूर देखता था. एक दिन मैं घर पर ही था तो भाभी नहा कर अपने रूम में गईं और अंदर जाकर मुझे आवाज दी औऱ बोली, “मेरा ब्लाउज़ नया है इसमें चैन ऊपर नही हो रहा है, तू कर दे न.” फिर मैंने उनकी चैन ऊपर कर दी औऱ जाने लगा तो भाभी बोली – छुप कर बहुत देखते हो, अब सामने बुलाया है तो भाग रहे हो. तो मैंने बोला – नहीं भाभी, ऐसी बात नहीं है.| अब मेरा लन्ड खडा हो गया था. जिसे भाभी ने देख लिया था. फिर अचानक मुझे पकड कर बोली – अब देखती हूँ, कितना दम है इसमें? या फिर तू भी उनके जैसे ही छक्का है. यह सुन कर मैंने बोला – भाभी, भैया को छक्का मत बोलो, बस उनका जल्दी हो जाता है.
अब भाभी बोली कि मतलब तू रात को भी देखता है और गुस्सा होकर फिर कुछ बोलने ही वाली थी कि मैंने कुछ सोचे बिना ही उनको पकड़ा औऱ उनके होंठ चूसने लगा. भाभी अब विरोध करती रही औऱ गाली देती रही कि तुम दोनों भाई छक्के हो. लेकिन फिर भी मैंने उनको नहीं छोड़ा औऱ चूमता रहा. अब भाभी भी मीठा साथ देने लगी औऱ धीरे – धीरे गरम हो गई और मादक आवाजें करने लगी. फिर मैंने उनके और अपने सारे कपड़े उतार दिये और अब हम दोनों एक दम नंगे हो गए थे. अब मैं भाभी को ऊपर से नीचे तक गरम कर रहा था और भाभी मेरे लण्ड से खेल रही थी.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गये और भाभी मेरे लण्ड को लॉलीपोप कि तरह चूस रही और मैं उनकी चूत में उंगली डाल कर उनकी चूत चाट रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी ने पानी छोड़ दिया. जिसे मैं सारा का सारा पी गया.
उनका नमकीन पानी बड़ा ही मस्त था. अब भाभी चूत मराने को तड़प रही थी और लगातार बोल रही थी, “फक मी, फक मी फास्ट” कर रही थी. लेकिन मैं उनकी कोई भी बात सुन बिना उनकी चूत चाट रहा था. लेकिन तभी भाभी ने घूम कर मेरे लण्ड को अपने चूत पर लगाया तो मैंने जोर से धक्का दिया और मेरा लन्ड उनकी चूत में घुसा दिया.
अचानक हुए इस तेज हमले से भाभी की आंखों आंसू आ गये. फिर नॉर्मल होने पर वो गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी. आवाज आ रही थी चोद अअअअअअअअअअममम्अमम्म अअअहहहहह् फक मी, फक मी फास्ट” जोर से धक्का लगा हहहहहहहहममममम् अमममम्अअअमम् अम्मा, चोद आज फाड़ कर रख दे बुर फिर करीब 10 मिनट बाद मैंने उनकी चूत में पानी छोड़ दिया. अब वो बहुत खुश थी. फिर हम दोनों नंगे साथ ही सो गये.
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बाद में शाम 4 बजे वो जाग गई और फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी जिससे मेरा लन्ड महाराज फिर तैयार हो गया और फिर भाभी ने खुशी – खुशी गाण्ड भी मराई. अब भाभी बहुत खुश थी. अब भाभी रोज भैया से कराने के बाद मेरे से अपनी चूत और गाण्ड दोनों मरवाती थी. इस दौरान करीब 4 महीने मैंने भाभी को खूब ठोका.
आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? मुझे मेल जरूर कीजिए. इस कहानी में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो उसके लिए क्षमा करें.
Achhi thi lekin likhne me kanjusi kar di pregnant bhi kar deta jise unki help ho jaati koi or chut chat kar maza aaya hoga na makhan ya jelly laga kar try kar