हाय फ्रेंड्स मेरा Antarvasna नाम सुरेन्द्र है और मैं Kamukta पटियाला का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 21 साल है और मैं कामलीला पर पिछले 3 महीनों से कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे कामलीला पर प्रकाशित आज तक की सभी कहानियाँ बहुत अच्छी लगी है और मैनें भी फैसला किया है कि क्यूँ ना अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव है जो आप सभी को बताया जाए तो यह मेरी एकदम सच्ची कहानी है और यह कामलीला पर मेरी पहली कहानी है इसलिए इसमें अगर कोई ग़लती हो जाए तो मुझे माफ़ जरूर कर देना।
यह कहानी मेरी और मेरी चाची की चुदाई की कहानी है तो दोस्तों अब मैं अपनी कहानी को शुरू करता हूँ जो कि कुछ इस तरह से है।
पहले तो मैं आपको अपने और अपनी चाची के बारे में थोड़ा विस्तार से बताना चाहूँगा मेरा नाम तो आप सभी को पता चल ही गया है मेरी लम्बाई 5.9 फुट है और मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है मेरी चाची का नाम परमजीत कौर है और सभी प्यार से उनको पम्मी कहते है वह बहुत ही सेक्सी है उनका फिगर 34-30-36 का है बड़े-बड़े बब्स, बड़ी-बड़ी गांड, सेक्सी होंठ वह बिल्कुल ही एक सेक्स की मूरत लगती है उनकी उम्र 34 साल है पर देखने में वह 27-28 की ही लगती है जब वह चलती है तो ऐसा लगता है कि अभी पकड़कर उसकी गांड मार दूँ हमारे मोहल्ले में भी कई लड़के उसको चोदने का सपना देखते है और कई तो उसके नाम की मूठ भी मारते है मैनें भी कई बार उसके नाम की मूठ मारी है। Antarvasna Story
यह तो हो गया परिचय अब मैं अपनी असली कहानी पर आता हूँ मेरा मेरी चाची पर दिल तब से आया था जब मैं 11 वीं में था और मैं उसे चोदने के सपने भी तभी से देखा करता था लेकिन मेरा सपना सच नहीं हो पा रहा था क्यूंकी एक तो मैं डरता था कि कहीं मेरे मम्मी-पापा को पता ना चल जाए और दूसरा मेरी चाची बहुत ही हरामी किस्म की औरत थी वह अक्सर मेरी शिकायत करती रहती थी पता नहीं वह मुझसे किस बात से नाराज़ थी इसलिए मैं उनसे बहुत चिढता था और उनसे बदला भी लेना चाहता था मैं अक्सर मेरी चाची को नंगा देखने का मौका तलाश करता रहता था और जब वह नहाने के लिए जाती थी तो मैं बाथरूम की खिड़की से उसको नहाते हुए देखा करता था मेरी चाची थोड़ी रंडी किस्म की भी थी वह अक्सर अपनी चूत और बब्स पर हाथ लगाती रहती थी और मेरा यह सब देखकर लंड खड़ा हो जाता था और मैं बाथरूम में जाकर मूठ मारने लग जाता था।
मैं अक्सर चाची को चोदने के सपने देखा करता था और मेरा यह सपना तब सच हुआ जब मेरे घर वालों को मेरी बुआ की लड़की की शादी में जाना था और मैं परीक्षा होने की वजह से शादी में ना जा सका और मेरी चाची भी नहीं गई वह भी यह कहकर रुक गई कि मैं सुरेन्द्र का ध्यान रखूँगी फिर अगले दिन सभी सुबह ही शादी में चले गए तब तो मैं सो ही रहा था और फिर जब मैं उठा तो मैनें देखा कि घर पर कोई नहीं था तो चाची ने मुझे आवाज़ दी और कहा कि सब शादी में चले गये है और तुम नहाकर कुछ खा लो फिर मैं नाश्ता करने के बाद अपने दोस्त के पास चला गया और शाम को वापस घर आया रात को चाची ने और मैनें साथ में ही खाना खाया और हम दोनों सो गये। Aunty Sex Story
रात को सोते हुए जैसे मेरी आँख खुली मैनें देखा कि चाची सो रही थी और घर में कोई और ना होने की वजह से बिल्कुल सन्नाटा था फिर मैनें सोचा कि यह मौका अच्छा है चाची से अपना बदला लेने का और मैं दूसरे कमरे से एक रस्सी ले आया और चाची के हाथ बांध दिए तो चाची एकदम से उठ गई और कहने लगी कि यह क्या कर रहा है तू इतने में मैनें चाची के पैर भी बाँध दिए चाची कुछ और बोल पाती इससे पहले मैनें चाची के मुहँ में चादर ठूस दी और चाची के चेहरे पर किस करने लगा चाची अपने मुहँ को इधर-उधर करके मेरा विरोध करती रही थी लेकिन मैं नहीं रुका इतने में मैं अपना एक हाथ चाची के बब्स पर ले गया और उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके बब्स को दबाने लगा और फिर मैनें चाची के कुर्ते को फाड़ दिया अब चाची के मोटे-मोटे बब्स सिर्फ़ ब्रा में ही थे और फिर मैनें ब्रा को भी उतार दिया क्या बब्स थे मैं तो उनको देखकर पागल सा हो गया एकदम नरम, मुलायम और दूध जैसे गोरे जिनपर भूरे निपप्ल एकदम मस्त लग रहे थे अब मैनें बब्स को चूसना शुरू कर दिया क्या गजब का स्वाद था उनका मैं आज तक नहीं भूल पाया बब्स को चूसने का सिलसिला 10 मिनट तक चलता रहा चाची का विरोध भी अब कुछ कम हो गया था और अब वह भी उह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी थी और मैं बोला कि चुप कर रंडी आज तो मैं तुझे चोदकर ही रहूँगा और अपना बदला भी लूँगा बहुत शिकायत करती है ना तू मेरी इतना कहकर मैं अपने एक हाथ को उसकी चूत पर सलवार के ऊपर से फेरने लगा क्या मस्त चूत थी चाची की और मैं ज़्यादा देर तक सब्र नहीं कर सका और चाची की सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी पैन्टी को भी सलवार के साथ ही उतार दिया तो मैं उसकी चूत को देखता ही रह गया चाची की चूत पर एक भी बाल नहीं था और एकदम फूली हुई चूत थी और मैं फिर चाची कि चूत के पास अपना मुहँ ले जाकर चाची की चूत को सूंघने लगा तो उसमें से बहुत ही मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी अब मैं चाची की चूत को चाटने लगा तो मैनें देखा कि चाची भी अब मजा लेने लगी थी तो मैनें चाची के मुहँ से चादर निकाल दी तो चाची बोलने लगी कि और चाट मेरे राजा चाट मेरी इस चूत को तेरे चाचा ने आज तक कभी मेरी चूत को नहीं चाटा आज से पहले मुझे भी नहीं पता था कि चूत को चटवाने में इतना मजा आता है बना ले मुझे अपनी रंडी और चाट मेरी चूत को उहह माहह मज़्ज़ाआआआ आ गया रे…… अब मैनें चाची के हाथ पैर भी खोल दिए।
और चाची के होठों को चूमने लगा और एक लम्बा सा किस कर दिया जिसमें चाची ने भी मेरा पूरा साथ दिया और अब चाची बोली कि अब मुझे और मत तड़पा, डाल दे अपने लंड को मेरी चूत में डाल दे ना प्लीज़ फिर मैनें ज़्यादा समय ना लगाते हुए चाची की गांड के नीचे एक तकिया रखा और उसकी टाँगों को फैलाया और उसकी टाँगों के बीच में बैठकर अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में अपना पूरा लंड चाची की चूत में घुसा दिया जिससे चाची की एक जोरदार चीख निकल गई उईईईईई माआआ मररररर गईईईई धीरे कर ना ऐसे भी कोई करता है क्या, तो मैनें बोला कि चुप कर रंडी बहुत शिकायत करती है ना तू मेरी अब देख कैसे चोदता हूँ तुझे और मैं धक्के पे धक्के लगाता रहा चाची भी अब मेरा पूरा साथ दे रही थी अपनी गांड को हिला-हिलाकर मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अन्दर ले रही थी और चाची की साँसे अब तेज़-तेज होने लगी थी और वह नीचे से और ज़ोर लगाने लगी तो मैं समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है तो फिर मैनें अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल कर अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डालकर उसकी चूत को चोदने लगा और चाची झड़ गई और उसकी चूत ने काफ़ी पानी छोड़ा लेकिन मैं अभी तक नहीं झड़ा था और मैनें फिर से अपना लंड चाची की चूत में डाल दिया और अपने झटकों की रफ़्तार और बढ़ा दी और 10 मिनट बाद मैं चाची की चूत में ही झड़ गया मैनें अपना सारा का सारा माल चाची की चूत में ही छोड़ दिया। Desi Sex Kahani
फिर मैनें चाची की गांड भी मारी पहले तो चाची ने गांड मरवाने से मना किया और कहा की मैनें आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है लेकिन फिर वह मान गई और मैनें चाची की खूब गांड भी मारी उस रात को मैनें चाची को 3 बार चोदा आगे और पीछे दोनों तरफ से फिर तो चाची कहने लगी कि मेरे राजा अब तुम्हारा जब भी मन करे मुझे चोद लिया करो और आज के बाद मैं तुम्हारी कभी कोई शिकायत भी नहीं करूंगी और मैं बहुत खुश हो गया और नंगा ही चाची से चिपककर सो गया और सुबह उठकर हम दोनों साथ में ही नहाए और मैनें बाथरूम में भी चाची की जमकर चुदाई करी थी फिर मैनें चाची से यह भी पूछा कि वह मुझसे नाराज़ क्यों रहती थी तो उन्होनें बताया कि तुम्हारे चाचा मेरे जिस्म की प्यास को ठीक से बुझाते ही नहीं है जिससे मैं चिडचिडी सी रहती थी लेकिन अब मुझे तुम मिल गए हो तो मेरी सारी कमी पूरी हो गई है आई.लव.यू. मेरी जान।
यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक मेरे घर वाले शादी में से वापस नहीं आ गये थे उसके बाद भी हम मौका मिलते ही चुदाई कर लेते थे।
धन्यवाद प्यारे पाठकों !!