मेरा नाम सुजाता है, मैं एक आदिवासी परिवार से हूं, इसलिए न तो गोरी चिट्टी हूं, न ही चेहरा बहुत सुन्दर है. पर क्योंकि मैं मेहनती हूं, इसलिए मेरा बदन भरा भरा और फिगर जबरदस्त है. मेरे स्तन के उभार किसी को भी ललचा देने के लिए काफी हैं. मैं ज्यादा फैशन में विश्वास नहीं करती हूँ … ज्यादातर सिम्पल कपड़े ही पहनती हूं. मैं प्यार व्यार के चक्कर में कभी नहीं पड़ी, पर जब एक हैन्डसम से लड़के मुझे प्रपोज किया, तो मैं मना नहीं कर पाई. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
मेरे घर से मुख्य शहर लगभग पच्चीस किलोमीटर दूर है. वहीं मैं पढ़ाई भी करती हूं और जॉब भी करती हूं. आने जाने के लिए बस से आना जाना होता है.
टाईम मिलता है तो बॉयफ्रेंड के साथ गुजारती हूं. हालांकि इतना टाईम कभी नहीं मिलता था कि कुछ ज्यादा कर पाएं … पर हम ज्यादातर किस विस कर लेते हैं. कभी कभी वो मेरी ब्रा के नीचे हाथ ले जाकर मेरे स्तनों को मसल लेता था. Antarvasna
घर वापस जाने के लिए मुझे काफी देर तक रोड के किनारे खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है, तो हम दोनों खड़े होकर बातें करते रहते हैं.
ऐसे ही एक दिन मुझे घर जाने की जल्दी थी और कोई साधन नहीं मिल रहा था.
तो मेरे बॉयफ्रेंड ने कहा- क्यों न तुम लिफ्ट ले लो.
मैंने कहा भी- यार, मैं ऐसे कैसे किसी से लिफ्ट ले सकती हूं?
तो उसने मुझे सुझाव दिया- तुम किसी ट्रक में लिफ्ट ले लो.
मैंने गुस्से से कहा- पागल हो गए हो क्या. किसी भी टाईप की लड़की ट्रक में लिफ्ट नहीं लेती. फिर ट्रक वाला न जाने क्या कर जाए.
उस दिन तो बात आई गई हो गई, पर फिर अक्सर मेरा बॉयफ्रेंड इस टापिक को लेकर मुझे छेड़ने लगा. वो अक्सर मुझे बोल देता- ट्रक में लिफ्ट ले लो.
मैं मना करती, तो कहता कि तुम्हारे अन्दर हिम्मत नहीं है क्या … डरती हो आदि आदि.
एक दिन मेरे बॉयफ्रेंड को बहुत ज्यादा फुर्सत थी, तो उसने मुझे जल्दी बुला लिया.
मैं उसके पास जाने के लिए घर से निकल रही थी तो मेरी बहन ने मुझसे पूछा- कहां जा रही हो?
मेरी बहन से मेरी खुलकर बात होती है इसलिए मैंने उसे बताया कि मैं अपने बॉयफ्रेंड से मिलने जा रही हूं.
उसने मुझसे कहा- कभी तो संज संवर कर जाया करो.
मैंने उससे इस बात का मतलब पूछा तो उसने कहा- मतलब कुछ मॉडर्न से कपड़े पहन कर जाओ.
मैंने कहा- मुझे पसंद नहीं है.
उसने कहा- हर चीज अपने पसंद से नहीं करते, एक बार पहन कर तो देखो … तुम्हारे बॉयफ्रेंड के होश उड़ जाएंगे.
मैंने भी सोचा कि एक बार ट्राई किया जाए. मैंने हामी भरी तो उसने मेरे लिए एक ड्रेस निकाल दी.
ये ड्रेस एक बिना कंधों के टॉप और टाईट जींस थी. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
मैंने कहा- ये बिना कंधों वाला टॉप है … तो ब्रा कैसे पहनूंगी?
बहन ने कहा- तो मत पहन न, तेरे बॉयफ्रेंड का हाथ अन्दर जाएगा, तो उसे भी मजा आ जाएगा.
मैंने सोचा- चलो ये भी कर लेते हैं. मैंने बिना ब्रा के टॉप पहन लिया. जब मैं जींस पहन रही थी, तो ख्याल आया कि पेन्टी भी नहीं पहनती हूं.
ये सोच कर मुझे पहले तो खुद पर हंसी आई … फिर मैंने बिना पेन्टी के जींस पहन ली. हल्का मेकअप किया और चल पड़ी.
रास्ते में जितने लोग मुझे देख रहे थे, सब पलट पलट कर घूर रहे थे. मैं बस स्टैण्ड गई और बस से सिटी पहुंच गई. जैसे ही मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे देखा, वो पागल हो गया. उसने मेरी बहुत तारीफ की.
वो मुझे इन कपड़ों में देख कर बहुत खुश था, पर उसकी खुशी ज्यादा देर नहीं रही. उसके घर में अचानक किसी की तबीयत खराब हो गई और उसे जाना पड़ गया.
हम दोनों बस स्टॉप पर खड़े होकर बस का इंतजार करने लगे. काफी देर तक बस नहीं आई तो मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे मजाक में कहा- ट्रक में लिफ्ट ले लें?
मैंने उसे गुस्से से देखा, तो उसने ताना मारने के अंदाज में कहा- आज इतनी हिम्मत दिखाई है, तो ये भी करके देख लो.
मुझे गुस्सा आ गया और मैंने भी ताव से कहा- तुमको क्या लगता है कि मैं ट्रक से लिफ्ट नहीं ले सकती?
उसने कहा- है हिम्मत … तो करके दिखा!
मैंने कहा- ठीक है … आज लेकर दिखाती हूं.
वो थोड़ा दूर खड़ा हो गया और मैं किसी ट्रक के आने का इन्तजार करने लगी. एक ट्रक निकला, पर मुझसे रोकने की हिम्मत नहीं हुई. वो दूर में खड़े होकर हंस रहा था. मुझे चिढ़ हो रही थी.
फिर एक और ट्रक गुजरा, तो फिर मेरी हिम्मत डोल गई. पर जैसे ही अगला ट्रक आया, मैंने हाथ दिखा दिया.
ट्रक बगल में आ कर रूक गया. बगल की खिड़की से दो लोग झांक रहे थे. दूसरी तरफ से ड्राईवर उतर कर नीचे आया.
उसने घूर कर देखा और मुझसे पूछा- क्या बात है?
मैंने अपने एरिया का नाम बता कर लिफ्ट मांगते हुए कहा कि क्या मुझे वहां तक छोड़ सकते हो.
ट्रक ड्राईवर ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और जोश में बोला- छोड़ देंगे जी, चढ़ जाओ जी. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
ट्रक का गेट खुला और दोनों लोग अन्दर सरक गए. मैं कभी ट्रक में चढ़ी नहीं थी, तो मुझे ऊपर चढ़ने में काफी दिक्कत आ रही थी. मैं खुद को ऊपर खींच नहीं पा रही थी. ट्रक ड्राईवर ने मेरे चूतड़ों पर एक हाथ लगाया और ऊपर ढकेल दिया.
मैंने अपने बॉयफ्रेंड की तरफ देखा, तो वो फोन पर बात कर रहा था. शायद वो इधर नहीं देख रहा था.
मैं अन्दर बैठ गई और दरवाजा बंद हो गया. ट्रक ड्राईवर ड्राईविंग सीट पर आ गया और ट्रक चल पड़ा.
दोनों लड़के जो खलासी थे, मुझे ललचाई नजरों से घूर रहे थे. मैं उतरना चाहती थी, पर बोलने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी. उनकी नजरें भी ठीक नहीं लग रही थीं.
थोड़ी दूर जाने के बाद ट्रक ने बाई पास रूट पकड़ लिया.
मैंने धीरे से पूछा- इधर किधर?
ट्रक ड्राईवर बोला- बहन जी, मेन रूट से हमें परमिशन नहीं है, इसलिए बाई पास से जाना पड़ता है.
उसने बहन जी बोला तो मुझे थोड़ा चैन आया. मैं चुपचाप बैठ गई.
ट्रक जब सुनसान एरिया में आ गया, तो अचानक एक खलासी ने पूछा- तेरा रेट क्या है?
मैंने हड़बड़ा कर पूछा- मतलब?
उसने कहा- मुझे पता है, तुम धंधे वाली हो. इसलिए तेरा रेट पूछ रहा हूं.
मैंने और ज्यादा हड़बड़ा कर कहा- मैं धंधे वाली नहीं हूं.
ट्रक ड्राईवर ने कहा- हमें पता है कि तू धंधे वाली है … क्योंकि कोई आम लड़की ट्रक में लिफ्ट नहीं लेगी. मैंने बहुत जगह देखा है, ऐसे ही धंधे वाली ट्रक में लिफ्ट लेती हैं. पहनावे से भी तू धंधे वाली लग रही है … या तुझे अपने जिस्म की नुमाईश करने का शौक है शायद.
मैंने हकलाते हुए कहा- आप ऐसा इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं?
ट्रक ड्राईवर ने कहा- मेरे पास ये साबित करने का एक तरीका है. ज्यादातर धंधे वालीं जब इस टाईप से लिफ्ट लेती हैं तो वे अन्दर कुछ नहीं पहनती हैं. मेरा मतलब ब्रा पेन्टी नहीं पहनती हैं. अपने कपड़े खोल कर दिखा दे कि ब्रा पेन्टी पहनी है, मैं तेरी बात मान लूंगा. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
उसकी बात सुनकर मुझे तो काटो तो खून नहीं, जैसी हालत हो गई थी. मुझसे कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था.
ट्रक ड्राईवर ने कहा- अब खोल कर दिखा न.
मैंने हकलाते हुए कहा- पर अभी तो आप मुझे बहन जी कह रहे थे?
ट्रक ड्राईवर ने कहा- तो क्या हुआ, इससे तेरा रेट बदल जाता है क्या? चल खोल न … कुछ ज्यादा ले लेना.
इतना कहते ही एक खलासी मेरे बाएं बगल आ कर बैठ गया. एक खलासी मेरे दाएं बगल पहले से बैठा हुआ था. हम तीनों ट्रक की पिछली सीट पर बैठे थे. ड्राईवर अगली सीट के कोने पर था.
मैंने मिमियाते हुए कहा- मैं धंधे वाली नहीं हूं.
ट्रक ड्राईवर ने मुझे घूरा और अपने एक खलासी से बोला- छोटू … देख तो लौंडिया सच बोल रही है या झूठ?
खलासी ने कहा- पर गुरू कैसे चैक करूं? ड्राईवर ने उसे डपटते हुए कहा- साले ऊपर का कपड़ा उठा कर देख न कि इसने ब्रा पहनी है कि नहीं?
एक खलासी ने कहा- उठाना नहीं पड़ेगा गुरू … पीछे से चैन लगी है.
उसने एक झटके से चैन को नीचे खींच दिया. मेरा टॉप पीछे से खुल गया और मैंने दोनों हाथ से सामने से टॉप पकड़ लिया कि कहीं गिर न जाए. दोनों खलासी ने मेरा एक एक हाथ पकड़ कर खींचा और मेरा टॉप नीचे गिर गया.
मैंने ब्रा तो पहनी ही नहीं थी, तो एक खलासी चिल्लाया- गुरू … इसने ब्रा नहीं पहनी है.
ड्राईवर चिल्लाया- साली अभी तक नौटंकी चोद रही थी … है धंधे वाली और शरीफ बन रही है. चल हर एक के हिसाब से साढ़े तीन ले लेना, कुल मिला कर तीनों का एक हजार रूपए दे देंगे.
सम्भोग मेरे लिए नया नहीं था. कमसिन उम्र में जीजा जी दीदी को लेने आये थे. उस वक्त मैं बाथरूम में नहा रही थी, तो वे दीदी समझ कर घुस गए. मेरा बदन देख कर बहक गए और मुझे बहला फुसला कर और थोड़ा जबरदस्ती करके उन्होंने मेरा कौमार्य भंग कर दिया था. वो मेरा पहला पुरूष संसर्ग था.
इसके बाद एक हफ्ते के लिए मेरे घर वाले बाहर गए थे, मैं किसी कारणवश नहीं जा पाई, तो मेरे साथ रहने के लिए मेरे मामा के लड़के को छोड़ कर गए थे. मेरा मामा का लड़का मेरी हम उम्र था. रात में उसने मौके का फायदे उठाया और मेरे साथ संसर्ग कर लिया.
एक हफ्ते तक वो मेरे साथ रहा और उसने लगभग चौदह बार मेरे बदन का सुख लिया. इसलिए संसर्ग मेरे लिए नया नहीं था, पर यहां तो साले मुझे एक रंडी समझ रहे थे. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
ड्राईवर फिर चिल्लाया- साली का पैंट भी उतार … देख तो पेन्टी पहनी है या नहीं?
दोनों खलासी मेरा हाथ पकड़े थे, उनमें से एक ने मेरी जींस का बटन खोल दिया और चैन को खींच दिया. बेल्ट पहनने की तो आदत शुरू से नहीं रही थी. उसका नुकसान ये आज हुआ कि इतने आसानी से वो मेरी जींस उतारने में कामयाब हो गया.
जैसे ही जींस की कमर ढीली हुई, वो एक झटके से जींस नीचे खिसकाने लगा. नीचे पैंटी न देख कर उन सबको मस्ती आ गई और आखिर में जींस तलवे तक पहुंच गई.
उस लड़के ने जींस को मेरी सैंडल के साथ मेरे बदन से अलग कर दिया. उसने सारे कपड़े उठा कर पिछली सीट के कोने में फेंक दिए. दोनों ने मेरे हाथ छोड़ दिए और मैंने अपने स्तनों को दोनों हाथ से छुपा लिया.
यूं तो मेरी चुत भी नग्न था, पर क्योंकि मैं बैठी हुई थी और मेरी जांघें आस पास थीं … तो मेरी चुत काफी हद तक छुपी हुई थी.
एक खलासी ने कहा- गुरू … देखा नीचे पेन्टी भी नहीं है.
ड्राईवर ने कहा- हां देखा … ये साली बोल रही थी कि धंधे वाली नहीं है.
फिर थोड़ा रूक कर ड्राईवर ने कहा- तुम लोग मजे लेना चालू करो, फिर मैं आता हूं.
चलते ट्रक में चुत चुदवाई
दोनों खलासियों ने मेरे दोनों हाथों को खींच कर अलग किया, मैंने ताकत लगाई, तो एक बोला- पैसे पूरे दे रहे हैं, मजा भी पूरा लेंगे. साली अब नौटंकी मत कर.
मैंने हाथ ढीला छोड़ दिया. ये तो तय था कि मैं चाहे जितना भी समझाती, पर ये लोग मानते नहीं कि मैं धंधे वाली नहीं हूं … और अगर मान भी लेते, तो मुझे ये जान कर भी मुझे छोड़ते भी नहीं … और छोड़ने वाली हालत भी नहीं थी.
मैंने भी अपनी चुदाई का पूरा मजा लेने का मन बना लिया.
दोनों खलासियों ने मेरे एक एक स्तन को एक एक हाथ से पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगे. ऐसा लग रहा था कि किसी लड़की का नहीं, साले किसी गाय के थन दुहने की कोशिश कर रहे थे.
दोनों ने अब तक मेरी जांघें भी फैला दी थीं और मेरी चुत पर उंगली फिराने लगे. दोनों ने मेरे गले और गाल को चूमना भी शुरू कर दिया. अचानक दोनों ने मेरे दोनों स्तनों के निप्पलों को अपने अपने मुँह में लिया और कसके चूसने लगे.
उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनमें सच में दूध भरा हुआ है और वो लोग सच में दूध पी रहे हैं.
वो लोग दस मिनट तक ऐसे ही हरकतें करते रहे और बीच बीच में उंगली मेरी गांड के छेद में घुसाने की कोशिश करते. दस मिनट के बाद ड्राईवर ने गाड़ी रोक दी. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
दोनों पलटे तो ड्राईवर ने कहा- अबे अब क्या पूरी मलाई उतार लोगे तुम दोनों, साले तुम लोगों के पैसे भी मुझे ही देने हैं … आगे आ साले … आकर गाड़ी चला.
एक खलासी उठ कर ड्राईवर की सीट पर चला गया और ड्राईवर पिछली सीट पर आ गया. ट्रक फिर चलने लगा.
ड्राईवर ने सीट पर बैठ कर मुझे अपनी गोद में खींच लिया. मैं उसकी गोद में इस तरह बैठी थी कि मेरी पीठ ड्राईवर की छाती से सटी हुई थी. ड्राईवर ने मेरी दोनों बगलों के बीच से अपने दोनों हाथ आगे लाए और मेरे दोनों स्तनों को अपने हाथों में भर लिया.
एक खलासी अभी भी बगल में बैठा हुआ था.
ड्राईवर चिल्लाया- अबे, तू क्या चोदना सीखने के लिए बैठा है, मादरचोद सामने जा … मैं पहले इसको भसका लूं फिर दोनों निपट लेना.
वो हड़बड़ाते हुए आगे की सीट पर चला गया. ड्राईवर ने मेरे दोनों स्तनों को कस कसके मसलना शुरू किया. वो इतने कसके मसल रहा था कि मेरी कराह फूट रही थी.
ड्राईवर ने धीरे से मेरे कान में कहा- तेरी चूचियां तो बहुत मस्त हैं, लगता है नई नई धंधे में आई है … चुत भी टाईट होगी. साढ़े तीन सौ में सस्ती पड़ी. चल अब तेरे को चख लेता हूं.
अब मेरी चुत में ड्राईवर साब लंड डाल कर मुझे चोदेंगे … पूरा किस्सा अगली सेक्स कहानी में लिखूंगी.
चलते ट्रक में चुत चुदवाई-2
ड्राईवर ने मुझे झटके से अलग किया और मुझे सीट पर लिटा दिया. वो जल्दी से अपनी लुंगी खोलने लगा.
लुंगी के खुलते ही उसका आठ इंच लम्बा लंड सामने था. उसका लंड देख कर मुझे पसीना आ गया. ड्राईवर ने मेरी जांघें फैला दीं और अपने लंड को मेरी चुत पर टिका दिया.
उसने एक झटका दिया और आधा लंड अन्दर चला गया. मेरी जान सूख गई. बिना रूके उसने दूसरा झटका दिया और लंड पूरा अन्दर चला गया. मेरी दबी दबी सी चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
अब ड्राईवर ने मुझे बांहों में कसके लिपटा लिया और मेरे कान में कहा- जैसा सोचा था वैसा पाया, तेरी चूत मस्त टाईट है.
इतना कह कर वो धक्के लगाने लगा. हर एक धक्के से मेरी सिसकी फूटने लगती और वो धीरे धीरे धक्के लगाता रहा. धीरे धीरे धक्के की गति बढ़ती गई और चरम पर पहुंच कर ड्राईवर ने अपना सारा वीर्य अन्दर छोड़ दिया. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
वो उठा और लुंगी सम्भाल कर आगे चला गया.
मैं टांगें फैला कर लेटी हुई थी. इतने में एक खलासी लुंगी उतार कर पीछे आ गया.
वो भी मेरी टांगों के बीच आया और उसने मेरी चुत पर अपना लंड लगा दिया. एक झटके से अपना लंड अन्दर डाल कर वो जल्दी जल्दी धक्के लगाने लगा. उसको इतनी हड़बड़ी थी कि पांच मिनट के अन्दर ही सारा वीर्य अन्दर छोड़ दिया.
वो गया तो दूसरा खलासी पीछे आया. उसने भी झटके से अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया. लंड ज्यादा लम्बा नहीं था पर मोटा इतना था कि मेरी चुत फाड़ने के लिए काफी था. मेरी चीख निकल गई. मैं इतने कसके चीखी कि ट्रक के अन्दर मेरी आवाज गूंज गई.
वो बोला- कैसा लगा लंड रानी, आज तक तेरे किसी ग्राहक का इतना मोटा नहीं रहा होगा.
वो दबादब धक्के लगाने लगा. उसको लंड को चुत से बाहर निकालने में तो दो सेकण्ड लगते थे और उसे फिर अन्दर घुसाने में दस सेकण्ड लगाता था.
लगभग पांच मिनट लग गए उसको मेरी चुत फैलाने में. उसके बाद ही वो जल्दी जल्दी धक्के लगाने लगा. उसके बाद भी वो लगभग बीस मिनट तक लगा रहा. उसने भी सारा वीर्य मेरे अन्दर छोड़ दिया और आगे चला गया. मैं उठी और एक कपड़े से अपनी चुत साफ की और कपड़े पहनने लगी.
जैसे ही मैंने कपड़े पहने तो ड्राईवर ने मुझे सौ सौ के दस नोट दिए. मैंने उससे पैसे ले लिए और नीचे उतर आई.
नीचे उतर कर जैसे ही मैंने आस पास देखा, तो मुझे झटका लगा. चारों ओर जंगल था.
मैंने ड्राईवर से पूछा कि ये कौन सी जगह है?
उसने बताया कि हम शहर से बीस किलोमीटर बाहर आ गए हैं.
मैंने घिघियाते हुए कहा- अब मैं वापस कैसे जाऊंगी?
तो ड्राईवर बोला- यहां से बहुत से ट्रक वापस जाते हैं. किसी से लिफ्ट ले लेना, वापसी में भी तेरा धंधा हो जाएगा.
इतना कह कर उसने हंसते हुए ट्रक आगे बढ़ा दिया.
मुझे ड्राईवर पर बहुत गुस्सा आ रहा था, पर कर भी क्या सकती थी. मैंने सोचा कि मोबाईल से काल करती हूं, मोबाईल निकाल कर देखा, तो टावर गायब था.
फोन में एक मैसेज जरूर आया था. मैंने मैसेज देखा तो मेरे बायफ्रेंड का था.
उसने लिखा था- चल बहुत होशियारी हो गई, अब उतर जा ट्रक से … वरना तू कहां पहुंचेगी … पता नहीं, पर ट्रक वाले तेरे साथ जंगल में मंगल जरूर कर देंगे.
मुझे उस पर इतना गुस्सा आ रहा था कि मैं ही जानती थी. पर अभी तो सबसे ज्यादा जरूरी वापस जाना था. मैं वहीं खड़े होकर इंतजार करने लगी. कई ट्रक गुजरे और मैंने रूकने का इशारा भी किया, पर कोई ट्रक नहीं रूका. दोपहर भी ढल रही थी. थोड़े देर सोचने के बाद मैंने जल्दी जल्दी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपने बैग में रख लिया. मैं नंगी होकर रोड के किनारे खड़ी हो गई गई. थोड़े देर इंतजार करने के बाद एक ट्रक आया तो मैंने रूकने का इशारा किया. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
ट्रक एक झटके से पास आकर रूक गया. ड्राईवर नीचे उतरा और मेरे पास आ गया.
उसने मुझे देखा और पूछा- क्या है?
मैंने बताते हुए कहा कि मुझे इस जगह तक जाना है.
उसने मेरे नग्न बदन को देखा और कहा- धंधा करती है.
मैंने हां कहा और ये भी कहा कि साढ़े तीन सौ रूपये एक आदमी का लगता है.
उसने कहा- ज्यादा है … पीछे वाला ट्रक देख ले.
वो जाने लगा, तो मैंने कहा- मुझे मेरी मंजिल तक छोड़ दो और मुफ्त में कर लेना.
उसने ऊपर देखा, तो दो सर बाहर देख रहे थे. उसने कहा- दो लोग और हैं साथ में?
मैंने कहा- कोई बात नहीं, इनके लिए भी मुफ्त.
वो मुस्कुराया और ऊपर इशारा किया, ऊपर से दरवाजा खुला और दो हाथ बाहर आए.
मैंने हाथ पकड़े, तो दोनों ने एक एक हाथ से मेरे दोनों स्तनों को पकड़ लिया और मुझे ऊपर खींच लिया. मैं अन्दर घुसी, तो दरवाजा बंद हो गया और ट्रक चल पड़ा.
इस ट्रक में भी दो खलासी और एक ड्राईवर था. एक खलासी ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और एक खलासी मेरे सामने बैठ गया, दोनों मेरे बदन से खेलने लगे. कभी मेरे स्तन को मसलते, कभी मेरी जांघों को सहलाते. कभी मेरे गले और गाल को चूमते. कभी निप्पल चूसते. ड्राईवर बहुत तेजी से ट्रक चला रहा था.
फिर अचानक से ड्राइवर ने एक जगह ट्रक रोक दिया. मैंने झांक कर आगे देखा तो पाया कि जिस जगह मुझे जाना था, उससे आधा किलोमीटर पर एक बैरियर है. ट्रक उसके कुछ ही दूर एक साईड में खड़ा था.
ड्राईवर ने कहा- तुझे यहीं तक जाना था न, चल तेरी मंजिल आ गई. अब यहां से पैदल चली जाना, हम वापस जाएंगे.
मैंने सहमति में सर हिलाया. ड्राईवर ने थोड़ा डपट कर कहा- अब जल्दी से लेट जा, हमें अपना मेहनताना वसूलने दे.
दोनों खलासियों ने मुझे छोड़ दिया. मैं खुद से सीट पर लेट गई और अपनी टांगें फैला दीं. ड्राईवर अपने कपड़े उतार कर मेरे ऊपर आ गया. उसने अपना लंड मेरी चुत पर लगाया और एक धक्का दिया और लंड एक बार में ही पूरा अन्दर चला गया.
यूं तो उसका लंड कुछ ज्यादा बड़ा नहीं था, पर क्योंकि तीन लोगों ने पहले से मेरी चुत की दुर्गति की हुई थी इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही थी. मेरे स्तनों को मसलते हुए ड्राईवर धक्के लगाता रहा और एक चरम पर पहुंच कर अपना वीर्य मेरी चुत में छोड़ कर खड़ा हो गया.
इसके बाद एक खलासी मेरे ऊपर चढ़ा, उसने अपना पूरा वजन मेरे ऊपर छोड़ कर मुझे अपने बांहों में भर लिया. मेरे गले को लगातार चूमता रहा और अपने लंड से छोटे छोटे धक्के लगाने लगा. उसका असर ये हुआ कि मेरे बदन में गुदगुदी सी महसूस होने लगी और न चाहते हुए भी मैंने अपनी जांघें उसके कमर के आस पास लपेट लीं. चलते ट्रक में चुत चुदवाई
वो लगातार अपने धक्के लगा रहा था और मुझे इतना अलग लग रहा था कि मैं उसकी पीठ भी सहला रही थी. मेरा चेहरा खिड़की की तरफ था.
तभी मैंने देखा कि कोई खिड़की से अन्दर झांक रहा है.
वो एक टोपी लगाया हुआ आदमी था, जैसे गार्ड लगाते है. थोड़े देर तक वो अन्दर झांकता रहा, फिर गायब हो गया. मुझे बहुत अजीब और डर सा लगा, पर जब वो वापस नहीं आया … तो मैंने उसे अपने दिमाग से निकाल दिया. मेरा विचार तब टूटा, जब मेरी चुत में धक्के लगाता खलासी मेरी चुत में अपना वीर्य छोड़ रहा था.
वो उठा, तो मेरे ऊपर तीसरा सवार हो गया. उसने जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाला और तेजी से धक्के लगाने लगा. धक्कों के तेजी से उसकी बेसब्री झलक रही थी. शायद इतनी देर तक इंतजार ने उसे ऐसा कर दिया था. बेसब्री ज्यादा थी, तो वो खुद को ज्यादा देर रोक भी नहीं पाया और अपना वीर्य छोड़ कर खड़ा हो गया.
मैंने पास पड़े एक कपड़े से अपनी चुत पौंछी और कपड़े पहन कर नीचे उतर गई. ट्रक वापस मुड़ा और चला गया.
मैं टहलते हुए बैरियर की तरफ चल दी. जैसे भी मैं बैरियर को क्रास कर रही थी अचानक एक गार्ड सामने आ गया. उसे देखते ही पहचान गई कि वो वही था, जो ट्रक के अन्दर झांक रहा था.
उसने मुझे रोक कर कहा- कहां जा रही हो मैडम, इस बैरियर को पार करने के लिए टैक्स लगता है.
मैं जानती थी कि वो सब कुछ देख चुका है, तो मैंने एक झटके से अपना टॉप ऊपर उठा कर अपनी नंगी चूचियां उसके सामने कर दीं और कहा- तो टैक्स ले लो.
उसने मुझे एक तरफ खींचा और मेरे दोनों स्तनों थाम कर उन्हें मसलने लगा.
थोड़ी देर में वो मुझे स्तनों से खींचते हुए एक केबिन की तरफ ले जाने लगा. हम दोनों जैसे ही केबिन में घुसे, तो वहां एक और गार्ड बैठा था.
पहले वाले ने उससे कहा- तू बाहर बैठ … मैं जब बाहर आ जाऊं तो तू अन्दर आ जाना.
वो मुझे देख कर हालात समझ गया और बाहर चला गया. केबिन छोटा सा था और एक टेबल और एक कुर्सी रखी थी. उसने मुझे देखा तो मैंने जल्दी जल्दी कपड़े उतार दिए.
Badhiya kahani hai, kaash mere ko bhi aisi koi mil jaye lift lene.