ईद में आंटी की चुत की ईदी- Muslim Sex Story

मेरा नाम आरव है। उस वक्त की बात है जब मैं उन्नीस वर्ष का था। दिखने में ठीक ठाक था। मेरी एक गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी. उसका नाम सोनाली था। वो बहुत खूबसूरत थी। जहाँ हम लोग रहते थे, वहाँ से सोनाली का घर थोड़ी ही दूरी पर था। उसकी मम्मी को मैं आँटी कह कर बुलाता था। वास्तव में वो लोग कश्मिरी थे, और आप लोग तो जानते ही हैं कि कश्मिरी औरतें कितनी हॉट और सैक्सी लगती हैं।

सोनाली से ज्यादा अच्छी उसकी मम्मी लगती थी। उनका नाम भावना था। आँटी की उम्र लगभग चालीस-बयालीस के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी चालीस-बयालीस की नहीं लगती थीं। गोरी लंबी और बहुत खूबसूरत थी। वो अपने सैक्सी चाल-चलन और नाजायज़ संबंधों के लिए काफी मशहूर थीं। कईं लोगों के साथ उनके नाजायज़ संबंध थे, शायद इसलिए कि उनके शौहर काफी व्यस्त रहते थे और शायद आँटी की शारिरिक जरूरतें भीपूरी ना कर पाते होंगे।

जुलाई का महीना था और एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने ड्रिंक करने का प्रोग्राम दिन में ही बनाया। पहले हम लोगों ने ड्रिंक की और उसके बाद हमलोगों ने ब्लू फ़िल्म देखने का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी देर बाद हम लोग ब्लू फ़िल्म देखने लगे और फ़िल्म देखने के बाद हम लोग बहुत उत्तेजित हो गये थे।

यार! काश हमें भी कोई चूत मिल जाती चोदने के लिये! मैंने आह भरते हुए कहा।

तेरी तो गर्ल फ्रेंड है. सोनाली . तू तो उसके साथ मज़े कर सकता है! मेरे दोस्त ने कहा!

कहाँ यार. कईं बार कोशिश कर चुका हूँ. लेकिन सोनाली तो किसिंग और स्मूचिंग के आगे बढ़ने ही नहीं देती! मैं बोला।

लेकिन उसकी मम्मी तो एक नंबर की चालू छिनाल औरत है! वो हंसते हुए बोला तो अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना भावना आँटी को ही पटाया जाय और उनके साथ चुदाई की जाये। दरअसल भावना आँटी मेरे साथ काफी फ्रेंडली थीं और मज़ाक वगैरह भी कर लेती थीं और उनकी रेप्यूटेशन भी खराब थी! इसलिये मुझे लगा कि शायद वो मान जायें और अगर नहीं भी मानी तो बात का बतंगड़ तो नहीं बनायेंगी।

मैंने वहीं से उन्हें फोन किया और कहा कि, आँटी! मैं आरव बोल रहा हूँ और आप से कुछ बात करना चाहता हूँ!

उन्होंने कहा, बोलो?

मैंने कहा, आँटी ये बात फोन पर नहीं हो सकती. मैं आपके घर आ जाऊँ?

आँटी ने कहा, मैं तो अभी मर्किट में आयी हुई हूँ. तुम कहाँ हो इस वक्त?

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मैं तो अपने दोस्त के घर पे हूँ. जो मार्केट के नज़दीक ही है और आपके रास्ते में ही है. अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आप यहाँ मेरे दोस्त के घर पर आ जाइए! मैंने कहा।

उन्होंने कहा, कोई बात नहीं.अभी थोड़ी देर में आती हूँ।

मैंने उन्हें पता बता दिया। उसके बाद हम लोग फिर से फ़िल्म देखने लग गये और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उस समय दरवाजे पर बेल बजी तो मेरा दोस्त दूसरे रूम में थोड़ी देर के लिए चला गया। मैंने कहा, आँटी दरवाजा खुला है. आप अंदर आ जाइए। वो अंदर आ गयी और अंदर मैं बैठा ब्लू फ़िल्म देख रहा था।

आँटी फिरोज़ी रंग की सलवार कमीज और काले हाई हील के सैंडल में बहुत सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने हल्का सा मेक-अप भी किया हुआ था। वो आते ही मुस्कुराते हुए बोलीं, तो कॉलेज जाने की बजाय ये सब देख रहे हो.?

बस आँटी आज ऐसे ही मूड हो गया! मैंने जवाब दिया।

कोई बात नहीं. मैं समझती हूँ. तुम्हारी उम्र के लड़के तो ये सब करते ही हैं लेकिन अपनी आँटी के सामने कुछ तो लिहाज करो.अब बंद करो इसे.। उन्होंने फिर मुस्कुराते हुए कहा तो मैंने सी.डी प्लेयर बंद कर दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली, क्या बात करनी है. बोलो।

इतनी देर में मेरा दोस्त भी वहाँ आ गया। भावना आँटी का अच्छा मूड देख कर मेरा हौंसला बढ़ा और मैंने हिम्मत करके बोल दिया,भावना आँटी आप बहुत खूबसूरत लगती हो और मैं आप के साथ चुदाई करना चाहता हूँ।

मेरे बात सुनकर वो चौंक गयी और बोली, तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या. मेरे लिए तू अभी बहुत छोटा है। वास्तव में वो मेरे दोस्त के सामने कोई बात नहीं करना चहा रही थी।

जब उन्होंने कहा कि उनके लिये मैं बहुत छोटा हूँ तो ये सुनकर नशे की खुमारी में मैंने कहा, भावना आँटी! मैं तो आपके लिए शायद छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड आपके लिये छोटा नहीं है।

यह सुनकर वो गुस्से से बोली, तूने मुझे समझ क्या रखा है. तुझसे हंस-बोल कर मज़ाक वगैरह कर लेती हूँ तो इसका मतलब तू. नशे में अभी तुझे होश नहीं है कि तू क्या कह रहा है.! और भावना आँटी वहाँ से चली गयी। मैंने रोकने की कोशिश भी नहीं की।

जब वो चली गयीं तो हम लोगों का मूड खराब हो गया और उसके बाद हमलोग फिर से ड्रिंक करने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त बाथरूम चला गया और उस समय भावना आँटी ने मुझे फोन किया और कहा, तू अभी कहाँ है. वहीं है क्या अभी भी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है. क्या तू अभी मेरे घर आ सकता है.लेकिन किसी को बता कर मत आना!

मैंने कहा, ठीक है मैं थोड़ी देर में आपके पास आता हूँ!

थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त भी बाथरूम से आ गया। हम लोगों का ड्रिंक भी खतम हो चुका था और उसको नशा भी चढ़ चुका था। तभी मैंने कहा कि यार इसमें मज़ा नहीं आया. मैं अभी एक बोतल और लेकर आता हूँ, तो उसने कहा, नहीं यार! बहुत हो गयी है।

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लेकिन मुझे तो भावना आँटी के घर जाना था, इसलिए मैंने उसके मना करने के बाद भी कहा, नहीं यार मुझे मज़ा नहीं आया. मैं एक बोतल और लेने जा रहा हूँ! और मैं वहाँ से चला गया और उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।

उस समय करीब तीन बज रहे थे। मैं भावना आँटी के घर गया। वो घर पर अकेली थीं। उनकी बेटी (यानी मेरी गर्ल फ्रेंड) उस समय कॉलेज गयी थी और वो साढ़े चार बजे कॉलेज से आती थी। भावना आँटी ने अभी भी वही कपड़े पहने हुए थे। मैंने उनसे पूछा, घर में कोई है नहीं क्या? तो वोह बोली, नहीं इसलिए तो तुझे बुलाया है!

ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान हो गया। वो आँटी सॉरी आपसे बदतमीज़ी करने के लिये. मैं पता नहीं. बस कैसे बहक गया था! मैंने माफी माँगते हुए कहा।

तब उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं. मैं समझती हूँ. तेरी उम्र ही ऐसी है.अगर तू मुझे चोदना ही चाहता था तो ये बात तुझे अकेले में कहनी चाहिए थी. तूने तो अपने दोस्त के सामने ही कह दिया! ये कहते हुए वोह मेरे गाल पर हाथ रख कर सहलाने लगी। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। मैं थोड़ा नशे में भी था, इसलिए कुछ अलग ही लग रहा था। उसके बाद उन्होंने कहा, मैं तुझे अच्छी लगती हूँ क्या?

मैंने कहा, हाँ आँटी. आप बहुत खूबसूरत और सैक्सी हो।

तब भावना आँटी कहा, लेकिन तू तो मेरे बेटी को पसंद करता है!

मैंने कहा, आँटी आपको कैसे पता?

तब वो बोलीं, बेटा मुझे सब कुछ पता है। उसके बाद मुझसे पूछा कि कोल्ड ड्रिंक पीयोगे?

मैंने कहा, हाँ! प्यास तो लग रही है!

भावना आँटी अंदर चली गयी और लगभग दस मिनट बाद बाहर आयी। मैं उनको देख कर हैरान रह गया। मेरा सारा नशा जैसे गायब हो गया हो। वो एक सफ़ेद रंग की पतली सी पारदर्शी ड्रेस पहने हुए थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, जिससे उनकी चूंची और चूत साफ़-साफ़ दिख रहे थे।

साथ में ऊँची पेन्सिल हील के काले सैंडल पहने हुए उनका उनका हुस्न क्या कहूँ. बस पटाखा लग रही थी भावना आँटी। मैं उनको बहुत ध्यान से देखने लगा तो वो बोली, क्या देख रहा है. कभी किसी को इस तरह देखा नहीं है क्या?

मैंने कहा, नहीं भावना आँटी, आप बहुत अच्छी लग रही हो. दिल कर रहा है कि मैं आपको अपनी बाँहों में लेकर खूब चुदाई करूँ।

तो उन्होंने कहा, कर ना! किसने रोका है?

मैंने कहा, लेकिन आपने हीतो मना कर दिया था!

वोह बोली कि क्या तेरे दोस्त के सामने चुदवाती तुझसे! और ये कहते हुए वो मेरे पास आ गयी और मेरे गले में अपनी बाँहें डाल दीं। मैं उनके चेहरे को हाथ में लेकर उनके होठों को किस करने लगा। पहले तो धीरे-धीरे किस कर रहा था,

लेकिन जब मैंने देखा कि भावना आँटी भी किस करने में मेरा साथ दे रही हैं तो मैं और जोर से उनके होठों पर किस करने लगा। उसके बाद उन्होंने कहा कि अपना लंड तो दिखा. जरा मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की पसंद कैसी है!

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तब मैंने उनसे कहा कि मैंने सोनाली के साथ आज तक कुछ नहीं किया तो वोह बोली कि क्यों नहीं किया? यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड को मेरी जीन्स से बाहर निकाल कर अपने हाथ में ले लिया और बोली, हाय अल्लाह. ये तो हकीकत में काफी बड़ा है।

फिर वो मेरे लंड को धीरे-धीरे अपने हाथों से सहलाने लगी। फिर मैं धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाने लगा तो वो बोली, ज़रा जोर से दबाओ. मैंने तीन चार दिनों से चुदाई नहीं करवायी है। मैं उनकी चूंची को जोर से दबाने लगा और वो ऊँऊँहह ऊँऊँहहह की आवाज़ निकालने लगी। ये देखकर मुझे अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उनकी सफेद ड्रेस को उतार दिया। अब वो बिल्कुल नम्गी थीं और काले रंग के ऊँची पेंसिल हिळ वाले सैंडल में उनका गोरा बदन कयामत लग रहा था।

मैं उनके बूब्स के निप्पल को अपने होठों के बीच में रख कर उन्हें चूसने लगा। वो आआहहआआहहह करने लगी। एक हाथ से मैं उनकी दूसरी चूंची को दबा रहा था और दूसरा हाथ उनकी जाँघों पर था और मैं उनकी जाँघों को सहला रहा था। उसके बाद उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहलने लगी। मेरा लंड एकदम टाईट हो चुका था। आँटी बोली कि बहुत दिनों के बाद जवान लड़के कालंड नसीब हुआ है.आज चुदाई का मज़ा आयेगा!

मैंने कहा, हाँ आँटी, लेकिन आज तक मैंने कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की है.!

तो वो बोली, तू चिंता मत कर. मैं सिखा दूँगी।

मैंने कहा, ठीक है! और उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और अपने मुँह के अंदर बाहर करने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं आँटी के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर जोर से दबाने लगा। ये देखकर आँटी बोली, तू झूठ बोल बोल रहा है कि तूने किसी के साथ चुदाई नहीं की है।

मैंने कहा, नहीं आँटी! मैं सच कह रहा हूँ। ये सब तो मैंने ब्लू फ़िल्मों में देखा था।

वोह बोली, और क्या देखा था. बता.।

मैंने कहा कि मैं बताऊँगा नहीं. करके दिखाऊँगा।

वो बोली, ठीक है! और वो और जोर से मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगी। करीब दस मिनट तक वो लगातार मेरे लंड को अपने मुँह में लिये चूसती रही। चूँकि मेरा पहली बार था, इसलिए मैं उनके मुँह में ही हल्का हो गया। आँटी बोली, कोई बात नहीं. पहली बार में ऐसा होता है, और वोह अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ़ चाटने लगी

और मेरा लंड धीरे-धीरे फिर से खड़ा होने लगा। इस सब में समय का पता ही नहीं चला और देखते-देखते सोनाली के आने का समय हो गया। लेकिन वो अभी तक आयी नहीं थी और हम दोनों अपने आप में मस्त थे। दुनिया की कोई चिंता नहीं थी।

भावना आँटी ने अपनी वो पारदर्सी ड्रेस उतार कर फेंक दी और ऊँची हील वाले सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी हो गयी। अब मैं भावना आँटी की चूत को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूंची को दबा रहा था। उसके बाद आँटी ने कहा, मेरी चूत को चूस और मैं उनकी चूत को जोर-जोर से चूसने लगा।

उनकी चूत गीली हो चुकी थी और उसमें से कुछ पानी जैसा निकल रहा था। मैं उसे चूसने लगा और वो जोर-जोर से आआआआआहहहहह कर रही थी और फिर बोली, अब मुझे चोद. अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है। मैंने भी बिना समय बर्बाद किये अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में बहुत आसानी से चला गया।

फिर मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो हल्की आवाज़ में चिल्लाने लगी, आआहह आआहहहह आआआआआ और कर.. बहुत मज़ा आ रहा है मेरे जानू. मुझे ऐसे ही चोदते रह.. ऊऊऊऊ ओहहहह आआआआहहहह। मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा और करीब सात मिनट तक मैं लगातार झटके लेता रहा। उसके बाद उन्होंने कहा कि, अब मैं तेरे ऊपर आती हूँ।

मैंने कहा ठीक है, और मैं लेट गया। वो मेरे ऊपर आ गयी और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत से मिलाया और मेरे लंड पर अपनी चूत को दबाती चली गयी। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था। अब वो जोर-जोर सी झटके मारने लगी और मैं उनकी गाँड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। फिर मैंने अपना हाथ उनकी चूंची पर रखा और उसे दबाने लगा।

वो और जोर-जोर से आवाज़ निकालने लगी, ऊँऊँऊँऊँहहहह आआआआआहहहह ओहहह आँआँआँ और बोलने लगी, आज बहुत दिनों बाद ऐसा कोरा जवान लंड मिला है! हम लोग अपने आप में इस तरह खोये हुए थे कि कब सोनाली आ गयी पता ही नहीं चला। जब सोनाली आयी थी तो भावना आँटी मेरे ऊपर थी और जोर-जोर से झटके मारते हुए कह रही थी कि आज बहुत मज़ा आ रहा है. तू रोज आकर मुझे चोदा कर!

सोनाली ये सब अपनी आँखों से देख रही थी और फिर सोनाली चुपचाप अंदर चली गयी। अपने मम्मी को किसी गैर-मर्द से चुदते देखना सोनाली के लिए कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि भावना आँटी तो हमेशा किसी नये लंड की तलाश में ही रहती थी। करीब पंद्रह मिनट के बाद भावना आँटी मेरे ऊपर से हटी और बोली, आज बहुत मज़ा आया!

तब मैंने कहा, आपको तो मज़ा आ गया लेकिन मेरा तो अभी बाकी है! और ये कहते हुए मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो सिसकते हुए बोली, बस कर. अब और नहीं. तुम जवान लड़कों को तो तसल्ली ही नहीं होती.!

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तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा। अब वो आवाज़ नहीं कर पा रही थी और मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा। तभी मैंने देखा कि सोनाली कमरे के दरवाजे के पीछे से सब कुछ देख रही है और अपने चूंची को अपने हाथों से दबा रहे है। ये देख कर मैं और जोश में आ गया और भावना आँटी को जोर-जोर से चोदने लग।

करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं भी हल्का हो गया और हल्का होकर भावना आँटी की बगल में ही लेट गया। वो अपने लिपस्टिक वाले होठों से मेरे होठों को चूमते हुए बोली, आज बहुत मज़ा आया. तेरा दिल जब भी चोदने को करे तो तू मेरे पास आ जाया कर!

मैंने कहा, ठीक है! फिर मैंने आँटी से कहा कि क्या लड़की को चोदने में और ज्यादा मज़ा आता है? तो वो बोली कि तू चिंता मत कर. तेरा इशारा मैं समझ रही हूँ. तू ईद की रात में करीब बारह बजे के आस पास घर आना। उस समय तेरे अंकल भी घर पर नहीं रहेंगे क्योंकि वो दस बजे की ट्रेन से कुछ दिनों के लिये टूर पे जा रहे हैं और मैं तुम और सोनाली . तीनों एक साथ चुदाई करेंगे!

ये सुनकर मैं चौंक गया और उनसे कहा कि क्या आप को खराब नहीं लगेगा जब मैं आपके सामने ही सोनाली को चोदूँगा?

भावना आँटी बोली, खराब क्यों लगेगा.? सैक्स के मामले में मैं बेहद ओपन हूँ. और आखिर मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की चूत चोदने में तुझे ज्यादा मज़ा आता है या मेरी चूत चोदने में!

तब मैंने कहा, ठीक है आँटी. मैं बारह बजे आ जाऊँगा!

ईद की रात को मैं जल्दी से बारह बजने का इंतज़ार करने लगा। मन में उत्तेजना थी कि आज सोनाली को भी चोदूँगा। सोनाली की चूत कैसी होगी, यही सोच कर उत्तेजित हो रहा था मैं। बड़ी मुश्किल से रात के बारह बजे। मैं किसी तरह से चुपचाप सोनाली के घर गया। मैं घर के पीछे वाले दरवाज़े से गया था जिससे कोई देख ना सके।

जब मैं घर में गया तो देखा कि ड्राइंग रूम में भावना आँटी मैरून रंग का बहुत ही सैक्सी गाऊन और मैरून रंग के ही हाई पैंसिल हील के सैंडल पहन कर बैठी थी और एक हाथ में शराब का ग्लास पकड़े किसी से फोन पर बातें कर रहे थी। मुझे देख कर बोली, आ गये तुम!

मैंने कहा, हाँ! बहुत मुश्किल से तो रात के १२ बजे हैं. मैं बहुत बेचैनी से रात के बारह बजने का इंतज़ार कर रहा था!

मैंने पूछा, आँटी! सोनाली कहाँ है?

भावना आँटी बोली,इतने बेचैन क्यों हो रहे हो, आज की रात तुम्हें जो कुछ भी करना है, सब कुछ कर लेना, आज सोनाली को ऐसे चोदो कि उसे भी मज़ा आ जाये!

मैंने कहा, हाँ आँटी! आप ही का शागिर्द हूँ.. आज सोनाली को मैं ऐसे ही चोदूँगा!

उसके बाद आँटी बोली कि, शराब तो तू पीता ही है. है ना? और एक ग्लास में थोड़ी शराब निकाल कर मेरी तरफ़ बढ़ा दिया। मैं चुपचाप उसे पीने लगा। मैंने उनका ग्लास खाली देखा तो मैंने कहा, आँटी आप भी पियो ना.तो भावना आँटी बोली, ठीक है एक पैग और पी लेती हूँ. वैसे मैं व्हिस्की के चार पैग तो पी चुकी हूँ और नशा भी हो रहा है. कहीं टुन्न होके लुढ़क ना जाऊँ!

मैंने कहा, कुछ नहीं होगा आँटी. वैसे भी शराब की पूरी बोतल से ज्यादा नशा तो आपके हुस्न में है.!

इसमें तो कोई शक नहीं. तो ले फिर हो जाये! भावना आँटी अपना ग्लास भरके हंसते हुए बोली और हम दोनों चीयर्स करके पीने लगे।

तभी मैंने दरवाज़े के पास देखा कि सोनाली वहाँ खड़ी है और मुझे बहुत ध्यान से देख रही है। मुझ पर शराब का हल्का सा नशा हो गया था। मैं वहाँ से उठा और सोनाली के पास गया और उसे ईद की मुबारक बोल कर उसके होठों पर किस कर लिया।

वोह कुछ नहीं बोली। मैंने कहा की, कम से कम सोनाली तुम मुझे ईद की बधाई ही दे दो जैसे मैंने तुम्हें दी है.! वो शरमा गयी और वहाँ से जाने लगी। तभी भावना आँटी ने उसे रोक और कहा, सोनाली बेटा! आरव को ईद मुबारक तो बोल दो, जैसे वो कह रहा है!

तब सोनाली ने कहा कि मम्मी मुझे आपके सामने शरम आती है. मैं किस नहीं करूँगी!

तो भावना आँटी ने कहा, बेटा मुझसे कैसी शरम? मैं तो तुम्हारी अम्मी हूँ और हम दोनों को सहेलियों की तरह रहना चाहिए. कभी मैंने तुमसे शरम की है क्या?

ये सुनकर सोनाली थोड़ी सी मेरी तरफ़ बढ़ी और बोली, यहाँ नहीं। अंदर के रूम में चलो!

भावना आँटी ने भी कहा, ठीक है तुम लोग अंदर चले जाओ, मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ।

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उसके बाद सोनाली मुझे अंदर के रूम में ले गयी। सोनाली ने उस समय सिर्फ़ स्कर्ट और एक हल्के रंग की शर्ट पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक ही थी जिससे उसकी गोरी-गोरी टाँगें दिख रही थी। भावना आँटी की तरह सोनाली ने भी आज हाई हील के बेहद सैक्सी सैंडल पहन रखे थे। मैंने सोनाली को पकड़ कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसे किस करने लगा। मैं उसके होठों को चूसता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी।

वैसे हम पहले भी कईं दफा किस कर चुके थे। फिर मैं धीरे से अपने हाथ से उसकी शर्ट के बटन खोल कर उसकी एक चूंची अपने हाथ से दबाने लगा। जब मैं उसकी चूंची को दबा रहा था तो उसका चेहरा बहुत ही उत्तेजित लग रहा था। उसके बाद मैंने उसकी शर्ट खोल दी। अब उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने थीं क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं देख कर हैरान रह गया कि सोनाली की चूचियाँ कितनी अच्छी हैं। मैं यही सोचने लगा कि सोनाली के कपड़ों के ऊफर से मैंने इन्हें मसला था लेकिन कभी नंगी नहीं देखी थीं।

उसके बाद मैंने सोनाली को उसी तरह से बेड पेर लिटा दिया और मैं उसकी बगल में लेट कर उसकी एक चूंची को चूसने लगा और दूसरी चूंची को अपने एक हाथ से दबाने लग। वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थी। धीरे-धीरे मैंने उसकी स्कर्ट भी खोल दी। अब सोनाली सिर्फ़ पैंटी और हाई हील सैंडलों में थी।

मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लग। वो उत्तेजित होकर मुझसे लिपट गयी और मैं उसके होठों को जोर से चूसने लग गया, और फिर मैंने उसके पैंटी भी खोल दी। उसके चूत क्लीन शेव्ड थी। उसकी क्लीन शेव्ड चूत देखकर तो मेरा लंड रॉड के तरह टाईट हो गया। मैं उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर उसकी चूत पर अपना मुँह लगाकर उसकी चूत को चूसने लगा।

मैं उसकी चूत को चूसता जा रहा था और वो सिसक रही थी, जोर से. आआआहहह आआहहह और जोर से चूसो मेरे आरव . और जोर से! तभी मेरा ध्यान दरवाज़े के तरफ़ गया तो मैंने देखा कि वहाँ सिर्फ मैरून रंग के हाई-हील सैंडल पहने बिल्कुल नंगी, भावना आँटी दरवाजे के सहारे खड़ी होकर सब कुछ देख रही है और अपने हाथों से अपनी चूत में अँगुली कर रही है। फिर वो नशे में लड़खड़ाती- सी बेड के पास आ गयी और गाँड पर हाथ फेरने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।

सोनाली उन्हें देख कर चौंक गयी और बोली, मम्मी मुझे आपके सामने शरम आ रही है. मैं आपके सामने कुछ नहीं करूँगी! तब भावना आँटी मेरे लंड पर से अपना हाथ हटाकर बोली, तू मुझे अपनी अम्मी नहीं. अपनी सहेली समझ. मुझे भी तो तूने ऐं मर्तबा ये सब करते हुए देखा है.!

फिर भावना आँटी सोनाली की तरफ़ चली गयी और उसके होठों को चूसने लगी। पहले तो सोनाली कुछ नहीं बोली। फिर वो भी अपने मम्मी का साथ देने लगी। मैं सोनाली की चूत को चूस रहा था। तभी सोनाली ने मेरे चेहरे को अपनी चूत के पास जोर से सटा दिया और कहने लगी, आरव आज पूरा चूस लो मेरी चूत को. पूरा निचोड़ लो. और मैं उसकी चूत को चूसता रहा।

फिर भावना आँटी ने कहा, अब तू सोनाली की चूत चोद!

मैंने अपना लंड अपने हाथ में लेकर सोनाली की चूत के छेद पर जैसे ही रखा, सोनाली डर गयी और कहने लगी धीरे-धीरे करना. नहीं तो बहुत दर्द होगा!

मैंने कहा, ठीक है, और मैंने धीरे से एक धक्का लगाया। मेरा आधा लंड सोनाली की चूत में घुस चुका था और वो जोर से चिल्लायी, ईईईईईईईईईईईई आआआआहहहह ऊऊऊऊऊऊऊहहहह. बस करो. अब नहीं आआआआआआआहहहहहह ओहह ओहहह मैं मर जाऊँगी. बस करो!

तभी भावना आँटी मेरे पास आयी और बोली, अपना पूरा लंड सोनाली की चूत में डाल दे. मैं देखना चाहती हूँ कि सोनाली कि चूत में जब तेरा लंड जाता है तो उसे कैसा लगता है!

मैंने तुरंत ही अपना पूरा लंड सोनाली की चूत में डाल दिया और सोनाली चिल्ला उठी ऊँऊँऊँऊँम्म्म्म अल्लाहहऽऽऽ मैं मर गयी. बस छोड़ दो. अब नहीं!

गाँव वाली भाभी की चुदाई की कहानी- भाग 1

लेकिन तब तक तो मैं जोश में आ चुका था और मैं जोर-जोर से झटके मारने लगा। तब तक सोनाली को भी अच्छा लगने लगा था। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। जब मैं और सोनाली चुदाई कर रहे थे तब भावना आँटी भी मेरे पास आकर मेरे होठों को चूसने लगी और अपनी चूत को सोनाली के तरफ़ कर दिया और सोनाली से कहा, सोनाली ! मेरी चूत को चूसो!

सोनाली उनकी चूत को चूसने लगी और तब तक सोनाली छूट चुकी थी और हल्की पड़ गयी थी। इतने में मेरा वीर्य भी सोनाली की चूत में छूट गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। ये देख कर भावना आँटी सोनाली की चूत पे मुँह लगाकर अपनी बेटी की चूत को चूसने लगी और चूसते हुए बोली कि सोनाली तेरी चूत तो बेहद लज़ीज़ है, मैं तेरी चूत रोज़ चूसा करूँगी!

मम्मी आपकी चूत भी बेहद रसीली है. ऑय लव इट! सोनाली ने कहा। दोनों माँ-बेटी इस वक्त ६९ की पोज़िशन में एक दूसरे की चूत चाट रही थीं।

थोड़ी देर बाद सोनाली बाथरूम में चली गयी। मैंने आँटी से कहा कि, आँटी मैं तो सोनाली की चूत में ही हल्का हो गया कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये!

भावना आँटी बोली, तू फिक्र ना कर मुझे बहुत तजुर्बा है इस मामले में मैंने उस दिन से ही सोनाली को बर्थ-कंट्रोल पिल्स देनी शुरू कर दी थी! उसके बाद भावना आँटी मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी जीभ से चाटने लगी। जब वो मेरे लंड को चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मेरा लंड फिर से उनके मुँह में सख्त हो गया।

थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य उनके मुँह में छूट गयाऔर मैं हल्का पड़ गया। भावना आँटी ने मेरे लंड को अपनी जीभ से ही साफ़ किया और कहा कि आज सोनाली को अपने सामने चुदते हुए देख कर अच्छा लग रहा था और खुशी इस बात की है कि तूने मेरी सोनाली और मुझे दोनों को एक साथ चोदा!

तब मैंने भावना आँटी से कहा कि अभी तो मैंने सिर्फ़ सोनाली को चोदा है. अभी आपको कहाँ चोदा है?

यह सुनकर भावना आँटी बोली, चोद ले आज जितना चोद ससकता है। आज की पूरी रात तेरी है. तुझे जैसे-जैसे चोदना है, वैसे चोद ले! भावना आँटी की आवाज़ नशे में थोड़ी सी बहक रही थी।

मैंने भावना आँटी से कहा कि मैंने सुना है कि गाँड मारने में बहुत मज़ा आता है. मैं आपकी गाँड मारना चाहता हूँ. आप मुझसे अपनी गाँड मरवाओगी?

भावना आँटी ने कहा कि कुछ साल पहले दो अफ्रीकी लड़के हमारे पड़ोस में रहते थे जिनके साथ मैं ऐश करती थी। उन दोनों नीग्रो से पहली बार मैंने गाँड मरवायी थी और उन नामकुलों ने अपने हब्शी लौड़ों से इतनी बेरहमी से मेरी गाँड कि मैं बता नहीं सकती. तब से मैंने कभी अपनी गाँड नहीं मरवायी। लेकिन तुझे मैं मन नहीं कर सकती. इसलिए आज मैं तुझसे अपनी गाँड भी मरवा लूँगी!

फिर वो वहाँ से उठकर हाई हील सैंडलों में खटखट करती हुई नशे में लड़खड़ाती हुई दूसरे कमरे में चली गयी, और जब वो लौट कर आयी तो उनके हाथ में एक क्रीम की ट्यूब थी। वो मेरी तरफ़ ट्यूब बढ़ाते हुए बोली कि सूखी गाँड मरवाने में दर्द होता है. इसलिए ये के-वॉय जैली मेरी गाँड के छेद पर लगा देना और उसके बाद तू मेरी गाँड मारना!

सोनम की चूत से खून निकल आया (Hindi Sex Story)

मैंने कहा, ठीक है. लेकिन पहले मेरे लंड को एक बार आप चूस लो जिससे मेरा लंड और टाइट हो जाये।

भावना आँटी झुक कर अपने मुँह से मेरे लंड को चूसने लगी। वो बहुत अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी। उनके होंठों और ज़ुबान में जादू था! एक मिनट में ही मेरा लंड पूरा टाइट होकर खड़ा हो गया। उसके बाद भावना आँटी उल्टी होकर लेट गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी गाँड के छेद को फ़ैलाने लगी।

मैंने के-वॉय जैली निकाली और उनकी गाँड के छेद में भर दी। उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा स थूक लगाया और गाँड के छेद पर अपना लंड रखकर हल्का सा धक्का दिया। मैंने जैसे ही धक्का दियातोवो चिल्ला उठी, नाआआआआईईईईईईईईईईई. बस कर. हाय अल्लाहहह.. बहुत दर्द हो रहा है।

लेकिन तब मैं कहाँ रुकने वाला था, और मैंने एक धक्का और लगाया और मेरे लंड का तीन-चौथाई भाग उनकी गाँड के अंदर चला गया और वो जोर से चिलायी, आआआआआहहहहह. मैं मर जाऊँगी।

तभी मैंने पूरे जोर से झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी गाँड में घुस गया। थोड़ी देर तक तो वो दर्द से चिल्लाती रही लेकिन बाद में कहने लगी, बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे नहीं पता था कि इसमें भी इतना मज़ा आता है. तो मैं तुझसे रोज़ अपनी गाँड मरवाऊँगी!

तब तक सोनाली भी बाथरूम से आ चुकी थी और वो ये सब देख रही थी कि मैं उसकी मम्मी की गाँड मार रहा हूँ। वो हमारे पास आ गयी। भावना आँटी ने उसको अपने पास बुलाया और उसे अपने आगे लेटने के लिए बोली। सोनाली लेट गयी और भावना आँटी सोनाली की चूत चाटने लगी। मैं उनकी गाँड मार रहा था और मेरा लंड तेजी से उनकी गाँड में अंदर-बाहर हो रहा था।

सोनाली की चूत चूसते-चूसते भावना आँटी बीच में चिल्ला उठी, ननाआआआआआहहहहह ऊईईईईईईईईईई धीरे कर. दर्द हो रहा है।

लेकिन मैं तो अपने पूरे जोश में उनकी गाँड में अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था। उसके बाद मैंने भावना आँटी से कहा कि सोनाली से कहो कि मेरे लंड को वो चूसे। ये सुनते ही सोनाली वहाँ से उठकर मेरी तरफ़ आ गयी और मैंने अपना लंड भावना आँटी की गाँड से निकाल लिया और मैं लेट गया।

सोनाली मेरी बगल में आकर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोलने लगी, इतना बड़ा लंड कैसे मेरी चूत में घुस गया? और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। पहले सोनाली लंड को ठीक से नहीं चूस पा रही थी। तब भावना आँटी ने कहा, अरे ऐसे नहीं चूसते हैं. मैं तुझे बताती हूँ कि कैसे लंड चूसते हैं! फिर वो सोनाली को वहाँ से हटाकर खुद आकर मेरे लंड को चूसने लगी।

सोनाली उन्हें बहुत ध्यान से देख रही थी। फिर वो मेरी बगल में आयी तो मैं उसके होठों को चूसने लगा और वो वहाँ से उठकर मेरे लंड के पास आयी और मेरे लंड को चूसने लगी। इस बार वो मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूस रही थी। दस मिनट के बाद मैं सोनाली के मुँह में ही झड़ गया।

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वो जल्दी से उठकर बाथरूम में गयी और अपना मुँह धोने लगी। तब भावना आँटी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को पूरा साफ़ किया और मैं हल्का होकर वहीं बेड पर लेटा रहा। उसके बाद सोनाली भी मेरी एक तरफ़ आकर लेट गयी और दूसरी तरफ़ भावना आँटी लेट गयी। भावना आँटी कहने लगी कि ईद की ये मुबारक रात उन्हें हमेशा याद रहेगी।

सोनाली ये सुनकर हँसने लगी तो मैंने अपने एक हाथ से जोर से उसकी चूंची को दबा दिया और वो मुझसे लिपट गयी। मैंने रात में सोनाली को तीन बार चोदा और सुबह होते ही पीछे के ही दरवाज़े से मैं अपने घर चला गया।

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