हैलो दोस्तों, मेरा नाम रिकी है मै 23 साल का हूं और मै मध्यप्रदेश का निवासी हूं। मै आपको बता दूं कि मै आज पहली बार ये सेक्स कहानी लिख रहा हूं इससे पहले मैने काफ़ी कहानियां पढ़ी हुई हैं। जब मै 15 साल का था तब से ऐसी कहानियां पढ़ रहा हूं और काफ़ी लड़कियों और औरतों के साथ ऑनलाइन सेक्स चैट भी किया है। और लगभग रेगुलर सेक्स कहानी और सेक्स चैट करता रहता हूं।
इससे पहले आप सभी ने मेरी इस कहानी का भाग 1 जरूर पढ़ा होगा जिसमें मैने बताया कि कैसे मैने गांव की गोरी माल भाभी को बस में गर्म करके उसका पानी निकाला, और उसने भी अपने मुलायम हाथों से मेरे लंड को सहला कर मेरा पानी अपने चिकने शरीर पर निकाला, पर अफसोस कि हम दोनों की वासना चुदाई तक नहीं पहुंच पाई और हम दोनों एक दूसरे से बिछड़ गए
अब कहानी के आगे…
बस मेरे स्टॉप तक पहुंच गई और मै भी उतार गया पर अभी भी मेरे दिल और दिमाग में शिखा भाभी की चुदाई चल रही थी, और मेरा लंड अभी भी ये सब सोच कर लोहे की रॉड जैसा तना हुआ था पर मेरा ध्यान तो बस शिखा भाभी की मोटी गान्ड पर ही था अभी भी मैने देखा भी नहीं की मेरे पैंट में तम्बू बना हुआ है, कुछ लोगों को नजर मेरे तम्बू पर पड़ गई थी शायद इसीलिए वो सब मुझ पर हंस रहे थे, मैने नजर अंदाज़ कर दिया और साइड में जा कर मेरे मौसा जी का इंतजार करने लगा क्यूंकि वो मुझे लेने आने वाले थे Anatarvasna
वहीं पास में ही एक लड़की खड़ी हुई थी और वो बार बार मुझे देखे ही जा रही थी, तो मुझे लगा शायद लाइन दे रही थी, फिर मैने उसे देखा तो उसने मूंह फेर लिया मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों किया उसने, खैर मुझे क्या मै तो अभी शिखा के ही सपने देख रहा था और इयरफोन लगाए हुए गाने सुन रहा था, तभी वो लड़की फिर से छुप छुप के मुझ पर नजरें मार रही थी, वैसे मै काफी फिट था तो मुझे लगा शायद इसीलिए उसकी नजर मुझसे नहीं हट रही हो, तब मैने उससे पूछ लिया
मै: क्या हुआ ??
वो: कुछ भी तो नहीं
मै: तो ये सब क्या है..??
वो: क्या, सब..??
मै: आप बार बार ऐसे क्यों देख रही हो..??
वो: क्योंकि आपने अपना हुलिया नहीं देखा शायद
मै: क्यों क्या हुआ, ऐसा क्या है
वो: पब्लिक प्लेस में ऐसे घूम रहे हो, शर्म nhi आती आपको
मै: यहां गांव में पब्लिक प्लेस में अलग तरीके से घूमते हैं क्या, क्यूंकि मुझे तो सब सही lg रहा है..??
वो: जरा अपने नीचे देखो
मै (नीचे देखने के बाद): कुछ भी तो नहीं है
वो: ये तम्बू लिए घूम रहे हो और बोल रहे हो सब ठीक है
मुझे थोड़ा अजीब लगा और मै अपना लंड छुपा कर एडजस्ट करने लगा, और वो फिर भी तिरछी नजरों से देखे जा रही थी, पता नहीं क्यों पर मुझे शर्मिंदगी सी महसूस होने लगी,
मैने उससे माफी मांगी
मै: सॉरी वो मेरा ध्यान नहीं गया इसपे, आप गलत मत समझिए
वो: अब इसमें समझने के लिए बचा ही क्या ही, सब कुछ तो दिखा दिया आपने
मै: अरे वो मुझे पता ही नहीं चला कब हुआ ये सब, वो तो अच्छा हुआ आपने बता दिया नहीं तो मेरी बेइज्जती हो जाती
वो: जाने दीजिए जो भी हुआ
इतने में मेरे मौसा मुझे लेने आ गए और मै उनकी तरफ बढ़ने लगा तभी अचानक से मुझे पीछे एक आवाज सुनाई दी “मामा जी आपने तो बहुत देर कर दी, मै एकदम थक गई हूं यहां खड़े खड़े” और ये आवाज मुझे जानी पहचानी लगी, पलट कर देखा तो ये वही लड़की थी जो मेरे तम्बू पर नजर लगाए हुए थी, मै चौंक गया और वहीं खड़े हो कर देखने लगा की ये सब चल क्या रहा है, इतने में मौसा जी ने आवाज दी
मौसा: अरे रिकी घर नहीं चलना है क्या, या यहीं पर रहोगे
मै: आया मौसा जी
वो मुझे ऐसे घूर रही थी जैसे बहुत जोर का शोक लगा हो, खेर मुझे बस उसकी आंखे दिख रही थीं तो मुझे पता नहीं चला कि उसकी क्या प्रतिक्रिया थी ये जान कर, फिर हम बाइक पे बैठे.. मौसा चला रहे थे उनके पीछे मै था और मेरे पीछे वो लड़की, हम घर की ओर निकल पड़े गांव की रोड तो आप सब जानते ही हैं इतने गड्ढे होते हैं की आदमी बाइक पर ठीक से बैठ ही न पाए, Bhabhi Sex Story
ट्रिपल होने की वजह से मैने बैग साइड में अपने पैर पर रखा हुआ था जिस वजह से उस लडकी और मेरे बीच में ज्यादा गैप नहीं था, अब जैसे ही गाड़ी गड्ढे में जाती उसकी चूचियां मेरी पीठ पे रगड़ जाती, मुझे तो बहुत मजा आ रहा था इसमें ऐसे ही बार बार गड्ढों की वजह से मेरे और उस लडकी के बीच में ज्यादा फासला नहीं बचा अब उसकी चूचियां मेरे पीठ से चिपकी हुईं थीं और इस स्पर्श से मेरे लंड फिर से खड़ा हों गया, इतने में उसने आवाज दी
वो: मामा जी गाड़ी रोको ना, मुझे पीछे बैठने में प्रॉबलम हो रही है
मौसा जी: क्या हुआ डिंपी
डिंपी: मामा यहां इतने गड्ढे हैं तो पीछे बैठने में प्रॉबलम हो रही है
मौसा जी: ठीक है फिर तुम बीच में बैठ जाओ रिकी पीछे बैठ जाएगा
मुझे समझ आ गया कि इसे ये सब पसंद नहीं आया, तो मै थोड़ा दूरी बना कर बैठ गया पर रोड को ये सब मंजूर नहीं था, गड्ढों की वजह से हमारे बीच का फासला काम होता जा रहा था, और मेरा लंड जो डिंपी की चुचियों की वजह से खड़ा हुआ था अब बस डिंपी की गान्ड तक पहुंचने वाला था, तभी अचानक से सामने गाय आ गई और मौसा जी ने अचानक ब्रेक मारा जिससे मै एक झटके में आगे खिसक आया और मेरा लंड डिंपी की गान्ड से चिपक गया और झटके की वजह से मैने उसकी कमर को कस के पकड़ लिया, अब मेरा लंड फूल मूड में आ चुका था और डिंपी की गान्ड के मजे ले रहा था, ऐसे ही करते हुए हम घर पहुंच गए
डिंपी उतरते ही सीधा अंदर चली गई मेरी तरफ देखा भी नहीं, मुझे लगा कहीं गड़बड़ ना हो जाए कि ये किसी को बता ना दे कि मैने ये सब किया उसके साथ, मै उस पर नजरें बनाए हुए था फिर शाम को जब वो अकेली दिखी तो मै उसके पास गया और जाते ही सॉरी बोल दिया, पर वो मुंह फेर के जाने लगी, मैने उसका हाथ पकड़ कर रोका और कान पकड़ कर सॉरी बोल कर उठक बैठक करने लगा, तो वो हंस पड़ी मै समझ गया कि वो मान गई है. Desi Sex Kahani
मै: अब तो माफ कर दो
डिंपी: अभी नहीं, 20 और लगाओ
मै: कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा
डिंपी: अच्छा जी, और जो सब गाड़ी में हुआ वो देख कर क्या सोचेगा कोई
मै: अरे सॉरी ना, जान के थोड़ी किया गलती से हुआ
डिंपी: हां तो अब जान के ही 30 और लगाओ
मै: अरे पहले 20 अब 30, ये तो चीटिंग है
डिंपी: जितना बोला उतना करो नहीं तो बुलाऊं मामा जी को
मै: नहीं मत बुलाना, मै करता हूं
डिंपी: गुड बॉय, वैसे भी तुम तो इतने फिट हो रोज जिम में इससे ज्यादा ही करते होगे
मै: हां पर ऐसे किसी लड़की के सामने करने की आदत नहीं है
डिंपी: आदत डाल लो फिर इसकी, क्योंकि अभी और भी बहुत कुछ करना पड़ेगा तुम्हें
मै: क्या मतलब
डिंपी(शैतानी मुस्कुराहट के साथ): जस्ट वेट एंड वॉच
इसके बाद हम नॉर्मल बातें करने लगे कहां से हो, क्या करते हो इंट्रोडक्शन टाइप..बात फिर bf gf पर आ गई
मै: तुम्हारे तो काफी सारे bf होंगे
डिंपी: हां 10 को छोड़ चुकी हूं और अभी 3 और हैं
मै: मतलब कुछ भी, इतने bf कैसे हो सकते हैं
डिंपी: जैसे तुम लड़के लोग 4 5 लडकियां एक साथ घूमते हो, वैसे ही
मै: अरे मजाक मत करो
डिंपी: हां तो ऐसे सवाल भी मत करो
मै: अच्छा ठीक है bf होगा ही न
डिंपी: नहीं हमारे नसीब में कहां है ये सब, खुद से ही काम चलाना पड़ता है
(मै समझ गया था ये चूत में उंगली करने की बात कर रही है फिर भी मैने अंजान बनते हुए पूछा)
मै: खुद से ही, मतलब..??
डिंपी: मतलब अकेले ही रहती हूं ना, आपके जैसे थोड़ी की दिन भर अपनी gf के ख्यालों में खोए रहो
मै: कुछ भी, आपको किसने कहा ऐसा
डिंपी: वो तो मैने दिन में देख ही लिया था सब
मै: अरे आप भी ना, छोड़ो उस बात को
डिंपी: छोड़ने वाली बात ही नहीं मतलब, कोई इतना कैसे खो सकता ही की उसे अपना तम्बू ही महसूस ना हो
मै: मेरा ध्यान ही नही गया उस पर
डिंपी: मतलब इतनी हॉट लड़की पटाई हुई है तुमने
मै: अरे नहीं, मै तो सिंगल हूं और वैसे भी हॉट लडकियां तो सिंगल ही रहती हैं, आपको ही देख लो
डिंपी: अच्छा जी, तुम कह रहे हो कि मै हॉट हूं
मै: हां जी, इसमें कोई शक की बात ही नहीं है, आपके जितनी हॉट लड़की तो मेरे क्लास में भी नहीं है
डिंपी: फिर भी देखो मेरी किस्मत में कोई नहीं है, क्या फायदा ऐसी हॉटनेस का
मै: सिंगल रह कर ही मजे करो फिर
डिंपी: अच्छा ऐसा भी होता है क्या
मै: हां जी आज कल सब होता है, मेरी फ्रेंड तो एकदम फुल मजे करती है, वो भी अकेले
डिंपी: सारे मज़े अकेले नहीं होते, कुछ के लिए bf gf होना जरूरी होता है
मै: उसके bf gf नहीं, बस बॉय और गर्ल की जरूरत होती है
डिंपी: लगता है तुम्हें बहुत एक्सपीरियंस है इसका
मै: जी, बहुत ज्यादा, मेरी उसी फ्रेंड के साथ एक्सपीरियंस शेयर भी करता हूं
डिंपी: ओह फिर तो बहुत लकी हो तुम, मेरी किस्मत में तो वो भी नहीं है
मै: वैसे ऐसा फ्रेंड आपको आपके आस पास भी मिल सकता है
डिंपी: अच्छा वो कैसे
(मै उसके पास खिसक कर उसकी जांघ पे हाथ रख कर)
मै: जी मै हूं ना
डिंपी: अरे तुम तो अलग ही दुनिया में रहते हो, और तुम्हारी तो पहले ही फ्रेंड है, फिर क्या फायदा
मै: फायदा देना मेरा काम है, आप तो बस फायदा लो
(धीरे धीरे उसकी जांघ को सहलाने लगा, उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी फिर मै उससे चिपक कर बैठ गया और दोनों जांघों के बीच में हाथ डाल कर सहलाने लगा, उसने एक लंबी सांस भरी)
डिंपी: रिकी कोई देख लेगा
मै: शश्श… इतने अंधेरे में कोई कुछ नहीं देख पाएगा तुम बस एंजॉय करो
मैने उसकी एक जांघ उठाकर अपनी जांघ पर रख ली और अपना हाथ और अंदर ले जा कर उसकी चूत के ऊपर रख कर सहलाने लगा, उसने फिर लंबी सांस भरी और आंखे बंद कर लीं, फिर मैने धीरे से हाथ उसकी जींस के अंदर डाल कर उसकी चूत को रगड़ने लगा, वो सिसकारियां भरने लगी तब मैने उसके मुंह में अपनी जीभ डाल कर किस करने लगा.
अब मैने उसको वहीं लेटा दिया और जींस नीच करके उसकी नंगी चूत में उंगली करने लगा, क्या मस्त गीली और चिकनी चूत थी उसकी जैसे बस मेरे लिए तैयार की हो उसकी आंखें अभी भी बंद थीं तब मैने जोर से अपनी उंगली अंदर तक डाल दी जिससे उसकी आह निकली और आंखें खुली रह गईं और साथ में उसकी चूचियों भी दबाने लगा, अब वो भी मेरे मुंह में जीभ डाल कर किस करने लगी तब मैने भी जोर से उसकी चूचियां दबाने लगा
मेरा लंड अब एकदम लोहे की रॉड जैसा गरम और हार्ड हो चुका था मैने उसका हाथ अपने शॉर्ट्स के अंदर डाल दिया और उसने एक झटके में लंड को जकड़ लिया और धीरे धीरे हिलाने लगी, अब हम दोनों एकदम गर्म हो चुके थे ऐसे कुछ देर किस करे हुए वो लंड हिलती रही और मैं उसकी चूत और चुचियों के साथ खेलता रहा. Sex Story Hindi
डिंपी: रिकी अब और रहा नहीं जा रहा है मेरी चूत में अपना लोहा डालो
मैने भी अपना शॉर्ट्स निकाला और उसकी टांगो को अपने कंधो पे रख कर उसकी चूत पर लंड रख कर रगड़ने लगा वो सिसकारियां भर रही थी फिर मैने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया वो मचल गई मैने उसको कस के पकड़ा और जोर का धक्का मारते हुए उसके अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गई तब मैने उसके मुंह में अपनी उंगलियां डाल दीं और चूसने को कहा
अब मै धीरे धीरे उसकी चूत में धक्के मारने लगा, पर उसकी चूत एकदम टाइट थी जिससे मेरा लंड पूरा अंदर नहीं जा रहा था तब मैंने उसकी चूचियां कस के पकड़ी और उसके मुंह में अपनी जीभ डाल कर जोर का धक्का मारा वो झटपटाने लगी पर मैने परवाह किए बिना फिर से धक्का लगाया अब लंड थोड़ा और अंदर पहुंचा, उसने भी मुझे कस पकड़ लिया और उसके नाखून मेरे शरीर में घुस के मुझे और उत्तेजित करने लगे
तभी मैने उसकी टांगों को और झुकाकर सेट किया और चुचियों को जकड़ कर फुल ताकत से लंड को अंदर पेल दिया वो बिन पानी की मछली जैसे झटपटाने लगी और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे पर उसके नाखून और मेरी पीठ में और अंदर घुस गए, मै 10 सेकेंड रुका और जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया उसकी सारी सिसकारियां मेरे मुंह में जा रहीं थीं
मेरा लंड अब उसकी चूत को चीरते हुए अंदर तक जा रहा था, और मेरे लंड पे चूत का गसाव बढ़ रहा था, मुझे अब उसके हाथों ने हरकत शुरू की और मेरी पीठ पर पर नाखूनों से निशान छोड़ने लगी, मै भी उसे लगातार चोदते जा रहा था इस बीच उसकी चूत 2 बार पानी छोड़ चुकी थी जिससे चूत में चिकनाहट बढ़ गई थी और लंड फूल मस्ती में अंदर जा रहा था, कुछ देर ऐसे ही चलता रहा
और मेरा लंड झड़ने वाला था तब मैने अपना लंड निकाल कर उसके मुंह होंठ पर रख कर अंदर डाल दिया और कुछ देर उसके मुंह को चोदते हुए अपना सारा पानी अंदर ही छोड़ दिया वो नखरे करने लगी तब मैने लंड को मुंह में ही रख कर उसकी नाक दबा दी जिससे उसे मेरा माल पीना पड़ गया और मैने अपना लंड निकाल लिया
डिंपी: तुम कितने कमीने हो, मेरी चूत फाड़ के रख दी, बहुत दर्द हो रहा है अब
मै: मतलब मजा नहीं आया आपको, ठीक ही फिर ही फिर अपनी दोस्ती यहीं खत्म
डिंपी: अरे नहीं मेरा वो मतलब नहीं था,
मै: तो क्या मतलब था
डिंपी: तुमने तो ऐसे चोदा जैसे ये बस आखिरी बार ही और मै कल चली जाऊंगी,
मै: क्या भरोसा बाद में मौका मिलता या नहीं तो मैने सोचा पहला एक्सपीरियंस बेस्ट वाला होना चाहिए
डिंपी: 10 दिन रुकने वाले हो बहुत मौके मिलेंगे तुम्हें पर तुमने तो मुझे दोबारा chudne लायक नहीं छोड़ा
मै: ये दर्द बस कुछ देर का है कल आपकी चूत फिर से प्यासी हो जाएगी जैसे कुछ हुआ ही न हो
डिंपी: कल का कल देखेंगे अभी चलो वरना कोई ढूंढते हुए आ जायेगा तो प्रॉब्लम हो जायेगी और ये हमारी आखिरी चुदाई रह जायेगी
मै: हां आप कपड़े पहनो जल्दी से
फिर हमने कपड़े पहने और वापस चले गए, इस चुदाई के बाद वो ठीक से चल नहीं पा रही थी तो सबने पूछा क्या हुआ तो उसने बोला की उसके पैर की नाश खिंच गई है इसलिए चल नहीं पा रही है, पर आप सबको तो पता ही है उसके ठीक से न चल पाने की क्या वजह है
इसके आगे की कहानी जानने की जुड़े रहें और आपको ये कहानी कैसी लगी इसके बारे में zeeskn54@gmail.com पर मेल कर के जरूर बताएं
On Friday, September 3, 2021, Sarah zeeskn54@gmail.com wrote:
हैलो दोस्तों, मेरा नाम रिकी है मै 23 साल का हूं और मै मध्यप्रदेश का निवासी हूं। मै आपको बता दूं कि मै आज पहली बार ये सेक्स कहानी लिख रहा हूं इससे पहले मैने काफ़ी कहानियां पढ़ी हुई हैं। जब मै 15 साल का था तब से ऐसी कहानियां पढ़ रहा हूं और काफ़ी लड़कियों और औरतों के साथ ऑनलाइन सेक्स चैट भी किया है। और लगभग रेगुलर सेक्स कहानी और सेक्स चैट करता रहता हूं।
अब मै अपनी कहानी पर आता हूं, मै आपको बता दूं कि मै सरकारी नोकरी के एग्जाम के लिए तैयारी कर रहा हूं इसलिए 2 साल से दिल्ली में रह रहा हूं। और मुझे ये कोरोना की वज़ह से घर वापस आना पड़ा। तब मैने सोच क्यों ना मै भी अपना एक्सपीरिएंस सभी के साथ शेयर करूं।
तो ये कहानी 2 साल पहले की है, जब मै रिश्तेदार के यहां शादी मै जा रहा था। जिसके लिए मुझे एक छोटे से गांव में जाना था जहां कोई खास ट्रांसपोर्ट भी नहीं था, पहले ट्रेन से 4 घंटे सफर करो, फिर वहां से छोटी वाली बस पकड़ो, जिसमें 2 लोगों की सीट पर भी 2 लोग ठीक से नहीं बैठ पाते, पर फिर जाना तो था मुझे। सीट भी मिल गई एकदम बीच में।
सफर लगभग 4 घंटे का था और मै सोच रहा था ये समय केसे कटेगा यहां तो कोई लड़की भी नहीं मिलेगी जिससे बातें करते हुए टाइमपास हो जाए। फिर कुछ देर बाद एक स्टॉप से कुछ कॉलेज वाली लड़कियां चढ़ी मुझे बहुत खुशी हुई कि अब थोड़ा मज़ा आयेगा। बस में सीट खाली नहीं थी तो वो मेरे पास में ही खड़ी हुईं थीं, पर कोई ज्यादा हॉट टाइप नहीं थी पर फिर भी लड़की तो लड़की ही होती है, जिसके एक स्पर्श से आपका सब कुछ खड़ा हो जाता है, बस ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। कुछ देर ऐसे ही स्पर्श करते हुए कत गया और मेरा खड़ा भी हो चुका था। पर उसका स्टॉप आ गया और वो चली गई।
फिर कुछ देर बाद 5 औरतें बस में चढ़ी, जिनमें से 2 लगभग 30-32 कि रही होंगी, 2 शायद उनकी सास थीं और एक नई नवेली दुल्हन जैसी ही थी करीब 25-26 साल की थी एकदम गोरी, नीले रंग की साड़ी पहने हुए थी और सेक्सी भी थी, मुझे उसका फिगर लगभग 34c-28-34 जैसा लगा वो तो मेरे लिए भाभी जैसी ही थी । वो सब ठीक मेरे पास ही खड़ी थीं क्यूंकि बस में काफी भीड़ भी थी और सीट खाली नहीं थी। और हमारी नज़रें भी बार बार मिल रहीं थीं, क्यूंकि उस बस में लगभग सारे ही 30+ दिख रहे थे और मै ही उसके हम उम्र जैसा था।
वो भाभी मेरे एकदम पास में ही खड़ी थी और मेरी सीट पर हाथ रखे हुए थी, तो मैने सोने का बहाना करके उसके हाथ पे अपना सर रख दिया, तब उसने अपना हाथ खिसका लिया और मै सोने का नायक कर रहा था, फिर मैने धीरे से अपना पैर खिसका कर उसके पैर से टच कर दिया, उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तब मुझे लगा शायद आगे बढ़ना चाहिए। सड़क वैसे ही कच्ची थी तो सब कुछ आसान था, जैसे ही बस हिलती में बहाने से अपना पैर उसके पैर पे सहलाता और अभी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, शायद उसे भी अच्छा लग रहा होगा।
फिर मैने सोने के बहाने से फिर अपना सर उसके हाथ पर रख दिया इस बार उसने हाथ नहीं हटाया, तब मुझे आत्मविश्वास मिला की अब मै आगे बढ़ सकता हूं, फिर मै धीरे धीरे उसके हाथ पे अपना गाल सहलाता रहा और वो कुछ नहीं बोली। तभी कुछ लोग पीछे के दरवाजे से चढ़े तो वो मेरी सीट से थोड़ा आगे हो गई, और मै उसके कोमल हाथ के मज़े नी के पा रहा था, और वो भी मुझे बार बार देख रही थी जैसे वो भी मायूस हो गई हो।
फिर मैने एक तरकीब लगाई, मैने अपना एक पैर उसकी तरफ बढ़ाया और उसके पंजों पर रख दिया वो मेरी तरफ देख रही थी तो मैने उसको स्माइल दिया उसने अपना सर झुका लिया, फिर मै समझ गया मुझे क्या करना है। फिर मैने धीरे उसके पैरों की सहलाने लगा और वो भी धीरे धीरे पास खिसक रही थी, पर उसकी साड़ी की वजह से मुझे उसके मुलायम पैर का फील नही मिल रहा था, तब मैने उसको दोनों पैर के बीच मै अपना पर दाल दिया, और वो फिर मेरी तरफ देखने लगी, तो मैने इशारा किया कि वो थोड़ा और करीब आ जाए।
जब वो करीब आई तब मैने एक पैर से उसकी साड़ी को थोड़ा ऊपर करके अपना दूसरा पैर अंदर कर दिया और उसके नंगे पैरों को सहलाने लगा, मेरा लंड एकदम टाइट हो गया जो की उसको भी मेरे पैंट पर दिखने लगा, फिर ऐसे ही कुछ सहलाते हुए मै उसकी जांघ के पास पहुंच गया तभी कुछ और लोग चढ़े और इस बार वो थी मेरे पास आ गई, और वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी मेरा तो मन करने लगा इसको यही अपनी गोद में बिठा कर चोद दूं, पर ये पोर्न मूवी थोड़ी है जो ऐसा होगा।
अब वो ठीक मुझसे चिपक के खड़ी हुई थी उसकी चिकनी कमर बार बार मेरे गालों से रगड़ रही थी, मुझे तो जन्नत मिल गई थी। फिर मैने भी अपना हाथ बढ़ा कर उसकी कमर पर लगा दिया और सहलाने लगा। फिर वो थोड़ा घूम गई मुझे लगा शायद किसी ने देख लिया होगा, पर फिर उसने धीरे से अपनी गान्ड को मेरी तरफ किया फिर भी मै समझ नहीं तभी उसने धीरे से अपनी गान्ड को मेरे गाल पे रगड़ा, फिर मैने मुड़कर देख तो उसने इशारा किया की इसे भी सहलाओ फिर धीरे धीरे उसकी गान्ड को सहलाने लगा। वो फूल मज़े ले रही थी और इधर मेरा लंड सजा काट रहा था बेचारा जैसे भूख से तड़प रहा था। पर ऐसे माहौल में और क्या कर सकते थे। फिर मैने तरकीब लगाई और उसकी सास जो कि लगभग 50-55से ज्यादा रही होगी, उनसे कहा कि वो मेरी सीट पर बैठ जाएं और आसानी से मां गईं क्योंकि इतनी भीड़ में तो सभी को सीट चाहिए । और मै अपनी माल के पास खड़ा हो गया और मुझे सुकून मिला, पर शायद मेरे से ज्यादा खुशी मेरी माल को थी वो भीड़ के बहाने से तुरंत मेरे से चिपक गई और उसकी गान्ड ठीक मेरे लुनद के उपर थी, मैने भी अपना एक हाथ बढ़ाया और उसकी कमर पर रख दिया और उसकी गान्ड पे लंड रगड़ रहा था तभी उसका हाथ मेरे लंड और उसकी गान्ड के बीच आया और उसने लंड को पकड़ लिया मेरी तो आह निकल गई, वो धीरे धीरे लंड को मसल रही थी और मै बेकाबू हो रहा था।
फिर मैने सोचा इसके सामने इसकी भाभी खड़ी है तो मै कुछ मज़े ले लूं, तो मैने धीरे से अपना हाथ उसकी कमर से उसकी साड़ी के अंदर कर दिया और सहम गई, फिर मैने उसके कान में बोला ” रुक क्यों गई हम पर किसी की भी नजर नहीं पड़ने वाली” तब उसने अपना हाथ वापस लंड पर रखा, तो मैने भी अपना कम शुरू कर दिया। मै धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूत तक ले गया, और उसने पैंटी नहीं पहन रखी थी, शायद गांव में ना पहनते हों। खैर मुझे क्या, मैने अपना काम जारी रखा, और जब उसकी चूत को टच किया तो जैसे करंट सा दौड़ गया। उसकी चूत एकदम गीली थी, बिल्कुल चुदने को तैयार। मैने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया और वो शिहरने लगी, तभी मैने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में रखा और धीरे से अन्दर किया, चूत एकदम गीली होने की वजह से मेरी उंगली फिसलते हुए अंदर चली गई, और उसके मुंह से आह निकल गई पर किसी को शायद सुनाई नहीं दिया।
फिर मैने उसकी चूत को उंगली से चोदना शुरू कर दिया, लगभग 3-4 मिनट बाद वो फिर से मेरा लंड मसलने लगी, तब मुझे लगा उंगली का डोज बढ़ा देना चाहिए, तब मैने धीरे से अपनी दूसरी उंगली को भी चूत में डाल दिया और इस बार उसे थोड़ा दर्द हुआ पर उसने मुंह नहीं खोला, शायद वो भी चाहती थी काम पूरा हो जाए किसी को शा भी ना हो। अब मैने फिर से उसकी चूत को उंगली से चोदना शुरू कर दिया, चूत इतनी गीली थी कि उंगलियां आसानी से अंदर बाहर फिसल रहीं थीं, फिर मैने अपने पैंट का ज़िप खोल दिया और उसके कान में बोला “दरवाज़ा खोल दिया है, अंदर आ जाओ” वो समझ गई और उसने अपना हाथ ज़िप के अंदर डाल दिया और लंड को पकड़ लिया।
अब मै चूत में उंगली करने की स्पीड बढ़ा दी, और उसकी प्रतिक्रिया में उसने भी मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया। उसके सॉफ्ट हाथ लगते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसा हो गया। अब जैसे जैसे में उसे उंगलिंस चोद रहा था वो भी मेरा लंड हिला रही थी।जो कि वो काफी देर से मेरे लंड को रगड़ रही थी (पैंट के बाहर से भी) मेरा मा निकलने वाला था।
तब मै उसके कान में बोला ” मेरा निकलने वाला है”
वो बोली “मेरे हाथ में निकल दो सारा”
वो हिलाती रही और मेरा निकल गया और उसने मेरा माल अपने हाथ में ले लिया और अपनी कमर पर लगा लिया। अब मेरी बारी थी उसका माल निकालने की, और मै ज़ोर से उंगली करने लगा, वो शिहरने लगी, मै समझ गया इसका माल आने वाला है, और मै उंगली करते रहा और उसका माल निकल गया। मेरा तो फिर से खड़ा होने लगा उसके माल की गर्मी से। मैने फिर से उसकी चूत सहलाना शुरू कर दिया, जिससे शायद वो फिर से गर्म होने लगी और साथ में मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था।
तभी उसकी भाभी बोली “शिखा तुम थक तो नहीं गई इतनी देर से खड़ी हो”
तब मैने अपना हाथ बाहर निकाल लिया कि कहीं उनकी नजर ना पड़ जाए
फिर शिखा बोली ” नहीं भाभी, मै ठीक हूं”
भाभी “अरे तुम्हें आदत नहीं ना ये गांव की चीज़ों की इसलिए पूछा मैने”
शिखा “नहीं भाभी, अब शहरों के साथ गांव वाले तौर तरीके भी जरूरी हैं”
भाभी “वैसे हम कुछ देर में पहुंचने वाले है”
शिखा “इतना जल्दी, मुझे तो लगा अभी काफी टाइम बचा है”
भाभी ” नहीं बस आधे घंटे में पहुंच जाएंगे”
शिखा “अच्छा ठीक है फिर”
तब मै उसके कान में बोला “अब हम क्या करें, आप तो पहुंचने वाले हो”
शिखा “जितना बन सके कर लेते हैं, वैसे भी ये हमारी आखिरी मुलाक़ात जो होने वाली है”
मै “पहली मुलाक़ात तो काफी हसीन रही बस ये आखिरी नहीं चाहते”
शिखा “क्या मतलब”
मै “ऐसी और भी मुलाकाते मिले तो कुछ मज़ा आए”
शिखा “अब हमारे नसीब में शायद इतना ही है”
तभी मैने फिर से उसकी सदी में हाथ डाल दिया और चूत सहलाने लगा, मेरा लन्ड फिर लंड फिर से टाइट हो गया और मैने उसकी गान्ड पे लगा दिया उस भी काफी मज़ा आने लगा, और उसने अपनी गान्ड मेरे लंड पर सटा दी और धीरे धीरे लंड पर रगड़ने लगी मुझे तो बस लग रहा था कि अभी इसको नगा करके चोद दूं और शायद वो भी यही सोच रही थी, पर हम दोनों ही मजबूर थे कि सब कुछ मिलते हुए भी चुदाई का सुख नहीं ले पा रहे थे मै तो मन ही मन उसको नंगा कर के उसी बस में सबके सामने चोद था, तभी मैने सीधा 2 उंगली उसकी चूत में डाल दी और वो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को चूत में धक्का देने लगी, मै समझ गया कि इसे भी बहुत जल्दी है
तभी मै उसकी चूत में ज़ोर ज़ोर से उंगली करने लगा और वो मेरे लन्ड पे गान्ड रगड़ रही थी, मेरे कहने पर उसने फिर से मेरे पैंट में हाथ डाल कर मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया। इस बार वो भी हार्डकोर तरीके से हिला रही थी, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था। और उसके ऐसे हिलाने की वज़ह से में मेरा मा निकलने वाला था। मैने भी ज़ोर ज़ोर से उंगली करना शुरू कर दिया। तभी मै झड़ने लगा और मैने सारा माल अपने हाथ में ले कर पीछे से उसकी साड़ी के अंदर डाल दिया थोड़ा माल उसके हाथ में भी लगा था जिसे उसने चाट लिया, मै तो देखता रह गया कि गांव में भी ये सब होता है। पर मै अपने काम पे लगा रह और वो झड़ने लगी।उसकी साड़ी अंदर से गीली हो चुकी थी।
शिखा “आपने मेरी साड़ी खराब कर दी”
मै “कुछ अच्छा करने पर्दाग लगते हैं, तो दाग अच्छे हैं”
शिखा “वैसे अब ये मेरी फेवरेट साड़ी है आज से”
फिर इसे ही गान्ड सहलाते हुए उसका गांव आ गया और वो मुस्कुराते हुए चली गई, फिर थोड़ा आगे जा कर मेरा स्टॉप आ गया और मै भी उतर गया।
तो दोस्तों अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगी तो मुझे जरूर बताएं मेरा ईमेल आईडी zeeskn54@gmail.com पर संदेश भेजें
वैसे ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती है, इसके बाद मेरे साथ एक और घटना हुई जो कि मै अगले पार्ट मै लिखूंगा।