दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मैं दमोह जिले में रहता हूं. मेरी उम्र अभी लगभग 20 साल की है.
मैं इस साइट का एक बड़ा प्रशंसक हूं, इसलिए मैंने सोचा कि अपनी आंखें देखी सेक्स कहानी को भी इस वेबसाइट पर डाला जाए ताकि मेरी तरह अन्य लोग भी मजे ले सकें. माँ को पापा के दोस्त का लंड लेते हुए देखा
मेरा एक छोटा भाई है.
मेरे घर में केवल 4 सदस्य हैं. पापा, मम्मी, भाई और मैं.
मैं आपको आज चीटिंग मॉम सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं, जो मेरी आंखों की देखी है.
दोस्तो, मैं एक कंपनी में काम करता हूं और मेरे पापा ट्रक चलाते हैं, इस कारण वह बाहर ही रहते हैं.
उनका उनका घर पर आना जाना ना के बराबर है. उनके काफी दूर दूर के चक्कर लगते हैं.
मेरी मॉम की उम्र लगभग 41 साल की है. वह बहुत ही जवान और बहुत ही खूबसूरत व सेक्सी हैं.
अक्सर मेरे पापा के बाहर रहने के कारण मुझे ऐसा लगता है कि उन्होंने मम्मी की जवानी का मजा ही नहीं लिया है.
मेरे घर पर अक्सर मेरे पापा के दोस्त का आना जाना रहता था.
मुझे कभी-कभी खटका सा लगता था कि वह घर पर हमेशा ही क्यों आते हैं.
मैंने मम्मी से भी पूछा था- आप इनको घर पर बार-बार क्यों आने देती हो!
मम्मी ने बोला- मैं कहां आने देती हूं, वही आते हैं.
मुझे कभी-कभी दोनों पर शक भी होता था.
मेरी मम्मी और वह दोनों हंस हंस कर बात किया करते थे और एक दूसरे के पास बैठते थे.
एक दिन मेरी आंखें तो उस वक्त खुली की खुली रह गईं, जब मैंने उनको एक दूसरे के साथ नंगे होकर सेक्स करते हुए देखा.
इसमें मेरी मम्मी की भी गलती नहीं है … चूंकि पापा अक्सर बाहर रहते हैं, तो उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए कोई तो चाहिए ही था. sex kahani
आखिर वो भी तो एक औरत हैं … और औरत की कुछ जरूरत होती है. उनका भी तो सेक्स करने का मन करता होगा.
दरअसल हुआ यूं कि उस दिन मंगलवार था. जब मैं हमेशा की तरह सुबह 9:30 बजे ऑफिस के लिए निकल गया.
मैं ऑफिस पहुंचा और अपना बैग खोला, तो मैंने देखा कि मैं अपनी फाइल तो घर पर ही भूल गया हूं.
वो फाइल बहुत जरूरी थी, मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं, जब ऑफिस का लंच होगा … तब मैं ले आऊंगा.
लंच टाइम हुआ तो मैं घर के लिए निकल गया.
मैंने देखा कि घर पर उन्हीं अंकल की गाड़ी खड़ी है.
वो मेरे घर पर अक्सर आया करते हैं और उनको लेकर मुझे शक तो पहले से ही था.
मैंने आज सच जानने का मन बना लिया था.
मैं अपने घर के पीछे वाले रास्ते से घर के अन्दर चला गया.
मेरी मम्मी के कमरे में से कुछ अजीब अजीब सी आवाजें आ रही थीं.
मैंने उनके कमरे के पास की खिड़की पर नजर डाली. वो थोड़ी खुली हुई थी. उसमें से टीवी चलने की आवाज आ रही थी.
मैंने किसी तरह से खिड़की के अन्दर झांका तो देखा कि अंकल मेरी मम्मी की छातियों पर चूम रहे थे.
मेरी मम्मी इस वक्त सिर्फ पेटीकोट और ब्रा में थीं.
यह नजारा देखकर मैं सन्न रह गया.
मेरी मम्मी पेटीकोट और ब्रा में अंकल के नीचे लेटी थीं और अंकल एक चड्डी में मम्मी के ऊपर चढ़े थे.
उसके बाद मेरी मम्मी को अंकल ने सीधा कर लिया और उनका ब्लाउज खोलने लगे.
उनका ब्लाउज खुलने के बाद वो अपने दोनों हाथों से उनके दूध दबाने लगे.
मम्मी के मुँह से मादक आवाजें निकल रही थीं- आ आ आह राजेश इतना मत तड़पाओ मुझे.
वो बोला- अरे बबीता, मुझे तेरी जवानी का मजा तो लेने दे … क्या नमकीन जवानी है तेरी … साली तू दो बच्चों की मां होने के बाद भी इतनी गर्म माल है. तेरी जवानी का तो मैं कायल हूं. तेरे सामने तो अठारह साल की लौंडिया भी फेल है.
मेरी मम्मी खुश हो गईं और अंकल को चूमने लगीं.
अंकल ने मम्मी की ब्रा उतार दी और दोनों मम्मों को जोर जोर से मसलने और पीने लगे.
उसके बाद अंकल ने नीचे आना शुरू किया. वो मम्मी के पेट को जोर जोर से चूमने लगे.
वो मेरी मम्मी को इस तरह से चूम रहे थे कि मानो उन्होंने पहले कभी औरत देखी ही ना हो.
मेरी मम्मी भी अपनी चुसाई का खूब आनन्द ले रही थीं.
कुछ पल बाद मेरी मम्मी ने अंकल से दूध पीने को कहा.
तो वो फिर से मेरी मम्मी के मम्मों को चूसने लगे.
मम्मी ने अंकल को पूरा सहयोग किया. वो मम्मी के दूध इस तरह से पी रहे थे मानो एक छोटा बच्चा भूखा हो और अपनी मां का दूध पी रहा हो.
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अंकल मेरी मम्मी के दोनों मम्मों को बारी बारी से दबा दबा का पी रहे थे. मम्मी भी अंकल के मुँह में अपने थन दे रही थीं और मादक आवाजें भरती हुई उन्हें दूध पिला रही थीं.
कुछ देर के बाद अंकल ने मम्मी का पेटीकोट खोल दिया और उनकी पैंटी को उतार दिया.
मम्मी की नंगी चुत देख कर मैं गनगना गया.
तभी अंकल ने अपनी चड्डी को भी उतार दिया. अब वो दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे.
अंकल ने मम्मी की चुत को चाटना आरम्भ कर दिया.
वो जोर-जोर से मम्मी की चुत को चाटने लगे.
मम्मी की टांगें फ़ैल गई थीं और वो अपनी गांड उठा कर अंकल से अपनी चुत चटवा रही थीं.
अब मम्मी के मुँह से गर्म आवाजें निकल रही थीं- आं हा हा … खा जा इस निगोड़ी चुत को … आह बड़ी खुजलाती है.
अंकल भी मम्मी की चुत को किसी कुत्ते की तरह चाट रहे थे और अपने एक हाथ से मम्मी के दूध मसल रहे थे.
मेरी मम्मी सीत्कारती हुई बोल रही थीं- आंह राजेश अब मत तड़फा … आंह जल्दी से अपना गर्म लोहा डाल दे मेरी चुत में … आंह क्यों तड़पा रहा है.
अंकल बोल रहे थे- अरे बबीता मुझे मजे तो ले लेने दे … आह तेरी रसीली चुत बड़ी मस्त है डार्लिंग … तू टेंशन मत ले आज मैं तेरी चुत की सारी गर्मी शांत कर दूंगा. माँ को पापा के दोस्त का लंड लेते हुए देखा
वो मेरी मम्मी की चुत को दस मिनट तक अपने मुँह से चाटता रहे.
उसके बाद अंकल ने अपने मोटे लम्बे लंड को मेरी मम्मी की चुत की फांकों में लगा दिया और मम्मी के ऊपर छा गए.
अंकल अपने लंड से मम्मी की चुत को रगड़ रहे थे.
मेरी मम्मी अपनी कमर उठा कर उनके लंड को अपनी चुत में लेने को उतावली दिख रही थीं.
तभी राजेश अंकल ने मेरी मम्मी की लपलप करती चुत में लंड पेल दिया और जोर-जोर से मम्मी की चुदाई करने लगे.
मम्मी सिसयाती हुई बोल रही थीं- आंह और जोर से चोद मुझे … आंह पूरा अन्दर जा रहा है राजेश … बड़ा मजा आ रहा है.
मुझे पता ही नहीं था कि मेरी मम्मी इतनी बड़ी चुदक्कड़ हैं.
राजेश अंकल मेरी मम्मी की चुत में लंड डाल कर उनकी ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे.
मम्मी भी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर अंकल के मोटे लंड का भरपूर मजा ले रही थीं.
अंकल बोल रहे थे- आंह बबीता रानी … तेरी चुत बहुत मजेदार है … तुम मुझे दो बच्चों की मां कहीं से नहीं लगती हो.
मम्मी भी अपनी गांड उठाती हुई लंड ले रही थीं और बोल रही थीं- मेरी जवानी का मजा ले ले मेरी जान … मुझे संतुष्ट कर दे.
कुछ देर बाद अंकल ने मम्मी से कहा- चल अब घोड़ी बन जा … तेरी चुत का मजा पीछे से लूंगा.
मम्मी ने झट से उठ कर घोड़ी का पोज बना लिया.
इस पोजीशन में उनकी दोनों चूचियां नीचे लटक रही थीं और काफी बड़ी लगने लगी थीं.
तभी राजेश ने पीछे से मेरी मम्मी की चुत में अपना मूसल सा लंड पेल दिया और उन्हें चोदने लगे.
अंकल मेरी मम्मी के दोनों मम्मों को मसलते हुए धकापेल लंड पेल रहे थे.
उन दोनों की मादक आवाजों से कमरे में मधुर ध्वनि गूँज रही थी.
उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी से कहा- बबीता रानी, अब मैं तेरी गांड में लंड डाल रहा हूं.
मम्मी ने बोला- नहीं, उधर नहीं … बहुत दर्द होता है.
राजेश- अरे कुछ नहीं होगा मेरी जान … आज मेरा बड़ा मन है … मैं आज तेरी गांड जारूर मारूंगा.
राजेश ने ये बोल कर मम्मी की गांड में अपना लंड रखा और अन्दर पेल दिया.
उनका अभी सुपारा ही अन्दर गया था कि मम्मी दर्द से कराह उठीं.
उनकी इस दर्द भरी आवाज से मुझे ऐसा लगा कि मम्मी पहले भी गांड मरवा चुकी हैं.
मम्मी की आवाज में वो दर्द नहीं था जो पहली बार गांड मरवाने में किसी को होता है.
राजेश अंकल मेरी मम्मी की गांड में पूरा लंड पेल कर जरा ठहर गए और उनके दूध मसलने लगे.
एक मिनट में ही मेरी मम्मी ने लंड को अपनी गांड में सैट कर लिया. अब राजेश अंकल ने जोर-जोर से मम्मी की गांड मारना चालू कर दिया. antarvasna
अपनी दोनों टांगों के बीच में मम्मी ने भी लंड को जकड़ सा लिया था.
मम्मी मस्ती में चिल्ला रही थीं- आंह साले जोर से मत कर लगती है भोसड़ी के … आंह राजेश मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है … ज्यादा मत कर.
राजेश अंकल बोल रहे थे- आंह बबीता … तेरी गांड मार मार कर लाल कर दूँगा. आज तुम मुझे नहीं रोकेगी … तुझे मेरी कसम है.
मम्मी कसम सुनकर चुप हो गईं.
अंकल जोर-जोर से गांड मार रहे थे.
मम्मी की मुँह से चिल्लाने की आवाज आ रही थी.
उसके थोड़े समय बाद राजेश अंकल मेरी मम्मी की गांड में ही झड़ गए.
उन्होंने अपना सारा रस मम्मी की गांड में डाल दिया और उन्हीं के ऊपर ढेर हो गए.
वो दोनों पसीने से भीग चुके थे.
मेरी मम्मी सीधी होकर राजेश अंकल के गले से लग गईं और बोलीं- मेरा तो और मन कर रहा था … तू अभी से झड़ गया.
वो बोला- अरे बबीता … मुझे काम पर भी जाना है.
उसके बाद अंकल ने अपने कपड़े पहनना शुरू कर दिए.
मम्मी ने भी अपने कपड़े पहनने के लिए पैंटी उठाई.
पैंटी पहनने से पहले मम्मी ने अपनी गांड में उंगली डाली तो उनकी गांड में लंड का जो पूरा रस भर गया था, वह टपकने लगा था.
मम्मी ने एक कपड़े से अपनी गांड पौंछी और पैंटी पहन ली.
उसके बाद राजेश अंकल बोले- बबीता मेरी जानेमन, मेरी जान अब मैं जा रहा हूं.
मम्मी मुस्कुरा कर बोलीं- चल ठीक है राजेश … बाद में मिलते हैं. अब मैं भी घर का काम निपटा लूं. तेरे चक्कर में मैं कुछ नहीं कर पाई.
उसके बाद मैं धीरे से अपने कमरे में चला गया. फिर मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपने लंड को हिला कर मुठ मारी और ऑफिस चला गया.
उसके बाद राजेश अंकल ने कई बार मेरी मां की चुदाई की.
मैं आपको अगले भाग में मम्मी की चुदाई की कहानी को लेकर लिखूँगा कि राजेश अंकल ने मम्मी की चुत गांड कैसे चोदी और उन्हें लंड चुसवाया.