चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों और लंड की सभी दिवानियो को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एकबार फिर से हाज़िर हूं आप सभी के बीच में। मैं 21 साल का नौजवान लौंडा हूं।मेरा लन्ड 7 इंच लम्बा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसकी बखिया उधेड़ सकता है। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
अब तक मै बहुत सारी टोपक्लास चूत को मेरे लन्ड के नीचे ला चुका हूं।मेरे लन्ड ने चूत का जमकर मज़ा लिया है। जहां भी मुझे चूत मिलने की थोड़ी सी संभावना नजर आती है तो मै चूत लेने में पीछे नहीं रहता हूं।
मेरी ये कहानी मेरे कॉलेज टाइम की है। मैं कॉलेज में दो तीन चूतो को मेरे लन्ड के नीचे ला चुका था।तभी गर्मियों की छुट्टिया होने की वजह से कॉलेज बंद हो गया और मेरे लन्ड को चूत मिलना बंद हो गई। अब मेरा लन्ड चूत के लिए तरसने लगा लेकिन लंड को चूत नहीं मिल रही थी।
उसी टाइम मेरी संजना मौसी हमारे घर बच्चो को लेकर छुट्टियां बिताने आई।जब मैंने संजना मौसी को देखा तो मेरा लन्ड फड़क उठा।बड़ी मुश्किल से मैने मौसी के सामने मेरे लन्ड को कंट्रोल में किया।फिर मैं मौसी के साथ बैठकर बाते करने लगा। उस टाइम मेरा ध्यान मौसी के जिस्म पर ही था। मैं मौसी के जिस्म को निहार रहा था। इधर मेरे लन्ड में 200 वाट का करंट दौड़ रहा था।फिर कुछ देर बाद मौसी गेस्ट रूम में आराम करने चली गई।
अब मैं मेरे बेडरूम में आ गया और मौसी को चोदने की कल्पना में लंड हिलाने लगा।फिर लंड का पानी निकाल कर खुद को शांत किया।
मेरी संजना मौसी लगभग 32 की है। मौसी गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है।उनका पूरा बदन भरा हुआ है। मौसी के बड़े बड़े बूब्स लगभग 34 साइज के है।मौसी के बूब्स को देख देखकर मै लंड को मसलता रहता था। मौसी के बूब्स की कसावट उनके ब्लाउज में से साफ़ साफ़ नजर आती थी। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
मौसी की कमर लगभग 32 साइज की थी।साड़ी में मौसी की चिकनी कमर पूरी नजर आती थी।मौसी के जिस्म पर उनका गोरा चिकना पेट मेरे लन्ड में आग लगा देता था।
संजना मौसी की सेक्सी गांड़ लगभग 34 साइज से कम नहीं थी।मौसी के सेक्सी चूतड़ों की गोलाईयों मौसी की साड़ी में से बाहर झलकती थी। मौसी की गांड को देखकर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगता था।
पहले तो मैं मौसी को चोदने के लिए बहुत ज्यादा उतावला हो रहा था लेकिन फिर रिश्ते के लिहाज से मै मौसी को चोदने की इच्छा से दूर भागने लगा लेकिन साला मेरा लन्ड मानने को तैयार नहीं हो रहा था।वो तो मौसी की चूत के पीछे पड़ चुका था। अब मुझे भी लंड की जिद के आगे हारना पड़ा और मौसी को चोदने के लिए तैयार होना पड़ा।
अब मैं धीरे धीरे रोजाना मौसी से बातचीत करने के बहाने से नजीकियां बढ़ाने लगा। मैं कभी कभी मौसी के हाथ को टच करता तो कभी कभी मौसी की गांड पर हाथ रख देता।धीरे धीरे मौसी मेरी हरकतों को समझ रही थी।मौसी को समझ में आ चुका था कि मैं उनकी चूत लेने की फिराक में हुं। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
एक दिन मौसी किचन में खाना बना रही थी।तभी मै मौसी के पास पहुंच गया और हिम्मत करके मौसी की गांड पर हाथ रख दिया।तभी मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मौसी मुझे समझाने लगी– देख रोहित अभी तू बच्चा है।और तू ऐसी हरकते करना बंद कर।
मैं–मौसी अब मैं बच्चा नहीं रहा। मैं बड़ा हो चुका हूं।
मौसी–तू मेरे लिए अभी भी बच्चा ही है।
मैं– मुझे बच्चा समझना आपकी भूल है।आप एकबार मेरा लेकर तो देखो फिर आपको समझ में आ जाएगा कि मै बच्चा हूं या बड़ा हो चुका हूं।
मौसी– ये तू कैसी बाते कर रहा है। मैं तेरी मौसी हूं यार। कम से कम रिश्ते की लिहाज तो कर।
मैं– मौसी रिश्ते की लिहाज कर रहा हूं इसलिए रुका हुआ हूं नहीं तो मैं कब का आपको बजा देता।
मौसी– बड़ा ढीठ हो गया है तू। दीदी से तेरी शिकायत करनी पड़ेगी।
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मैं– मौसी शिकायत तो मत करिए और एकबार मेरा लेकर देखिए।आपकी कली कली खिला दूंगा। फूल मज़ा दूंगा आपको।
मौसी– नहीं,मुझे कोई मज़ा नहीं चाहिए।
मैं– मौसी मेरे बारे में तो सोचिए थोड़ा सा।मुझे आपकी चीज की बहुत ज्यादा ज़रूरत है।मुझसे रहा नहीं जा रहा है।आप बस दे दीजिए।
मौसी–पागल हो गया है क्या तू!
और इतना कहकर किचन से बाहर निकल आईं। मैं लंड मसलता ही रह गया। अब मैं रोजाना मौसी को पटाने की कोशिश करने लगा लेकिन मौसी चूत देने के लिए मान ही नहीं रही थी।
एक दिन मेरी मम्मी बाथरूम में नहाने गई हुई थी और बच्चे टीवी देखने में बिजी थी। मौसी इधर उधर घूम रही थी तभी मैंने मौका देखा और मौसी का हाथ पकड़ कर उन्हें मेरे बेडरूम में ले आया और जल्दी से रूम का गेट बंद कर दिया। मौसी बुरी तरह से डर गई। Desi Sex Kahani
मौसी– रोहित ये क्या कर रहा है तू?
मैं– मौसी कंट्रोल नहीं हो रहा है अब।
तभी मैंने मौसी को दबोच लिया और उन्हें बेड पर पटक कर मै मौसी के ऊपर चढ़ गया।मौसी खुद को छुड़ाने के लिए छटपटाने लगी।
मौसी– रोहित छोड़ मुझे।दीदी आ जाएगी।
मैं–कोई नहीं आएगा मौसी।सब बिजी है।
तभी मै मौसी के लाल सुर्ख होंठो को ताबड़तोड़ तरीके से चूसने लगा। मौसी मुझे धक्का देकर हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे दुर हटाना मौसी की बस की बात नहीं थी। मैं झामझाम मौसी के होंठो को चूस रहा था। मैं मौसी को हिलने का भी मौका नहीं दे रहा था।मुझे मौसी के होंठो को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
तभी मै फटाफट नीचे आ गया और उनके पेटीकोट में हाथ डालकर मौसी की पैंटी को खोलने लगा।तभी मौसी ने पैंटी को पकड़ लिया।
मैं– मौसी पैंटी को छोड़ो नहीं तो पैंटी फट जायेगी।
मौसी– नहीं रोहित, प्लीज इस मत खोल यार।
मैं– मौसी ये तो खुलेगी ही।चाहे कुछ भी हो।
तभी मैंने मौसी को ज़ोर का झटका दिया और मौसी की पैंटी को खींचने लगा। मौसी की पैंटी को मै घुटनों तक खींच चुका था।तभी मौसी ने खुद की हार को देखते हुए सरेंडर कर दिया।
मौसी– रोहित तुझे जो कुछ करना है वो कर लेना लेकिन बस अभी कुछ मत कर।मेरी इज्जत बिगड़ जाएगी।
मैं– पक्का? आप फिर करने दोगी?
मौसी– हां पक्का।जब तू कहेगा तब।
मैं– चलो ठीक है मौसी। मैं आपकी बात पर विश्वास कर रहा हूं।
अब मैंने मौसी को छोड़ दिया। छोड़ते ही मौसी ने तुरंत पैंटी पहन ली और रूम से बाहर भाग गई।
अब मौका मिलने पर मै मौसी की गांड पर हाथ फेरने लगा। कभी कभी मै मौसी के बूब्स भी दबा देता था। अब मौसी मुझे ज्यादा रोक नहीं पाती थी। मैं ऐसे ही धीरे मौसी के मज़े ले रहा था लेकिन मौसी को अच्छी तरह से चोदने का मौका नहीं मिल रहा था। मैं बेसब्री से मौसी को चोदने का इंतजार कर रहा था। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
आखिरकार फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया।उस दिन मम्मी हमारी पड़ोसी आंटी को मिलने हॉस्पिटल जाने वाली थी। लगभग 1 बजे मम्मी घर से निकल गई। अब घर में मै, मौसी और बच्चे थे।
आज तो मेरा लन्ड खुशी के मारे फुले नहीं समा रहा था।तभी मैं मौसी को खींचकर मेरे बेडरूम में ले आया।मौसी अब भी बहुत ज्यादा डरने लगी।
मौसी– रोहित यार बच्चे है।सब पता चल जाएगा।
मैं– मौसी आपकी बहुत ज्यादा गांड़ फट रही है।रुको मैं अभी बच्चो का इंतजाम कर के आता हूं।
अब मैं बच्चो के पास आया।उस टाइम बच्चे टीवी देख रहे थे।बच्चो रूम से कोई बाहर नहीं आयेगा। आप आराम से टीवी देखो।
बच्चे– ओके भैया।
अब मैं जल्दी से मेरे बेडरूम में आ गया और गेट लगाकर मौसी के ऊपर टूट पड़ा। मैं मौसी को दीवार से चिपका कर मौसी के होंठो को बुरी तरह से खाने लगा। मुझे मौसी के होंठो को खाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।तभी मै मौसी के होंठो को चूसते हुए मौसी के बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा। मैं भूखे कुत्ते की तरह मौसी के होंठो को चूस रहा था।
मौसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा था। मैं मौसी को सांस लेने का भी मौका नहीं दे रहा था। मैं लबालब मौसी के होंठो का रस पी रहा था।पूरे बेडरूम में आउच पुच्छ पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ की आवाजे गूंज रही थी।तभी मैंने मेरा एक हाथ मौसी के पेटीकोट में घुसा दिया और मै मौसी की चूत को खूजाने लगा। अब मौसी मेरे हाथ को पकड़ कर पेटीकोट में से बाहर निकालने लगी लेकिन मौसी मेरा हाथ बाहर नहीं निकाल पा रही थी। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
इधर मै कसकर मौसी के होंठो को चूस रहा था।मुझे मौसी के होंठो को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।इधर मेरा लन्ड मौसी की चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था। अब मैंने मौसी के होंठो को छोड़ा और मौसी की चूत को अच्छी तरह से सहलाने लगा। अब मौसी दर्द के मारे कसमसाने लगी। mossi ki chudai story
मौसी– ऊंह आह आह ओह आह अहा ऊंह।
मैं अच्छी तरह से मौसी की चूत में उंगली डाल कर मौसी की चूत को खजला रहा था। धीरे धीरे मौसी का दर्द बढ़ता जा रहा था।मुझे तो मौसी की चूत सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मौसी की चूत भयंकर आग में जल रही थी।
मौसी– ऊंह आह आह आईईईई आऊ आह ओह रोहित धीरे धीरे करो यार ।
मैं– मौसी,धीरे धीरे करने में वो मज़ा कहां आता है जो ज़ोर ज़ोर से करने में आता है।
मौसी– आह आह ऊंह आह आह आईईईई मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है यार।
मैं– दर्द में ही तो मज़ा आता है मौसी।
मौसी की चूत में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं ताबड़तोड़ मौसी की चूत में उंगली कर रहा था।फिर थोड़ी देर उंगली करने के बाद मैंने मौसी को बेड पर पटक दिया। अब मैं जल्दी से पूरा नंगा हो गया । अब मेरा लन्ड फुफकार मारता हुआ खुली हवा में लहरा रहा था।
अब मैंने जल्दी से मौसी की चूत पर से उनकी पैंटी को खोलकर फेंक दिया और जल्दी से मौसी की साड़ी और पेटीकोट को उनके पेट पर सरका दिया। अब मौसी की चूत मेरे लन्ड के सामने मुंह खोले हुए खड़ी थी। मौसी की चूत पर हल्के हल्के काले घने बाल उगे हुए थे। अब मौसी ने चुपचाप आंखे बंद कर ली।
अब मैंने मौसी की टांगो को मेरे कंधो पर रखा और लंड को फटाफट मौसी की चूत के छेद में सेट कर दिया। अब मैंने मौसी के बूब्स को पकड़ा और ज़ोर का धक्का लगा कर लंड को मौसी की चूत में ठोक दिया।मेरा लन्ड दन दनाता हुआ सीधा मौसी की चूत के गर्भ गृह में जा पहुंचा। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
लंड चूत में घुसते ही मौसी ज़ोर से बिलख पड़ी।
मौसी– आईईईई आईईईई आईईईई मम्मी। मर गई।
तभी मैंने मौसी की चूत में दूसरा ज़ोर का झटका लगाया और मौसी को दिन में ही तारे दिखा दिए। मौसी की आंखो के सामने अब छत घूमने लगी।मेरे मोटे तगड़े लंड ने मौसी की चूत को छलनी कर दिया था।
मौसी बुरी तरह से दर्द से तड़प रही थी। मैं दे दना दन मौसी को पेल रहा था। मुझे मौसी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मेरा लन्ड आज मौसी की चूत को अच्छी तरह से नाप रहा था।
मौसी– आईईईई आईईईई आईईईई आईईईई।
मेरे लन्ड का हर एक धक्का मौसी पर भयंकर वार कर रहा था।आज मौसी बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। मैं गांड़ हिला हिलाकर मौसी की चूत की अच्छी तरह से खबर लेे रहा था।
मौसी– आईईईई आईईईई ओह रोहित।धीरे धीरे डाल।आईईईई मम्मी।मर गई। आईईईईईई।
मैं– ओह मौसी चोदने दो ना।बहुत मज़ा आ रहा है।आह आह।
मौसी– आईईईई मेरी जान निकल रही है यार।आईईईई आईईईई।
मैं– बस थोड़ी देर की बात है मौसी।फिर बहुत मज़ा आएगा।
मैं बमाबाम मौसी को चोद रहा था। अब मौसी से मेरा लन्ड नहीं झेला जा रहा था।तभी मौसी की चीखे बंद हो गई और उन्होंने एक लम्बी सांस ली।कुछ ही पल में मौसी की चूत से गर्म लावा बाहर निकलता हुआ नजर आया।
अब मेरे लन्ड के हर एक शॉट के साथ मौसी की चूत में खलबली होने लगी और बेडरूम में पच्छ पछ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाजे गूंजने लगी। मौसी की चूत से लंड की प्यास बुझाई–1
मौसी– ऊंह आह अहा आईईईई आईईईई आईईईई ऊंह ओह रोहित। चोद डाला तूने तो।
मैं– हां मौसी। चोदना ही था आपको।बहुत दिनों के इंतजार के बाद आपकी चूत मिली है।
मौसी– ऊंह आह। ऊंह आह आह ओह आईईईई आईईईई।
चूत का पानी बहने से मौसी पूरी पानी पानी हो चुकी थी। अब मौसी का दर्द भी कम हो चुका था। अब मौसी आसानी से चूत चुदवा रही थी।
कहानी जारी रहेगी…………………………… आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं– rohit24xx@gmail.com