पड़ोस की छत पर की चुदाई

हैल्लो दोस्तों में रजत दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैने आप लोगो से भेजी गई कई कहानियाँ पड़ी और मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप लोगो ने अपनी कुछ पर्सनल बाते हम सभी को बताई हम लोग शायद कभी मिले भी नहीं लेकिन फिर भी हमारे बीच एक अटूट रिश्ता बन गया है जिसे फ्रेंडशिप कहते है और इसके लिए में Antarvasnastory.co.in को धन्यवाद देता हूँ। मैं भी आज आप लोगो से अपनी जिंदगी की कुछ पर्सनल बाते बताने जा रहा हूँ उम्मीद है आप लोगो को अच्छी लगे। पड़ोस की छत पर की चुदाई

ये कहानी मेरी पड़ोस मैं रहने वाली फॅमिली की है उस फॅमिली मैं एक लड़की थी जिसका नाम नेहा था जो मेरी गर्लफ्रेंड थी।

पहले मैं आपको उसकी फॅमिली के बारे मैं बता देता हूँ।

उनकी फॅमिली मैं संजय (मेरी गर्लफ्रेंड के पापा) उम्र 48 साल हाइट 5’8

पूजा (गर्लफ्रेंड की माँ ) उम्र 44 साल हाइट 5’5

राकेश (गर्लफ्रेंड का भाई) उम्र 26 साल हाइट 5’6

सोनिया (गर्लफ्रेंड की भाभी) उम्र 23 साल हाइट 5’4

नेहा (मेरी गर्लफ्रेंड) उम्र 20 साल हाइट 5’5

पहले मैं अपनी और गर्लफ्रेंड की कहानी बताता हूँ की कैसे वो मेरी गर्लफ्रेंड बनी ये कहानी 2008 की है मैं 22 साल का हूँ और एक कंपनी मैं कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब कर रहा हूँ मेरे पड़ोस मैं कोई फॅमिली नहीं थी। मेरी और पड़ोस की छत आपस में जुड़ी हुई थी और हमारे घर के दो तरफ प्लॉट खाली थे और एक तरफ गली और सामने रोड और रोड के सामने पार्क था। मैं गर्मियो मैं अपनी बाजू वाली छत पर ही सोता था क्योकि उसकी बाउंड्री बहुत छोटी थी जिससे वहाँ हवा अच्छी लगती थी। Antarvasna Story

कुछ दिनो के बाद वहां पर एक फॅमिली आई और मैं बाहर ही बैठा अपने एक दोस्त के साथ बात कर रहा था। उनके साथ उनका बहुत सारा समान था जो एक ट्रक मैं था उन्होने मुझे और मेरे दोस्त को बुलाया और उनकी मदद करने के लिए कहा मेरे पापा भी वही थे तो उन्होने भी उनका समान उतारने मैं उनकी मदद की और घर मैं रख दिया। उन्होने हमे शाम को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया मेरी मम्मी और पापा किसी के घर खाना नहीं खाते इसलिए मैं और मेरा भाई और मेरा दोस्त उनके घर गये और हमने वहाँ पर खाना खाया। पड़ोस की छत पर की चुदाई

फिर हम घर आ गये में अब रोज की तरह खाना खाकर छत पर घूम रहा था। अचानक वो लड़की और उसकी बहन और भाई छत पर आ गये और हम बाते करने लगे वो लड़की मुझे देख रही थी मैं भी उसे बार बार देख रहा था और हमे बाते करते करते बहुत समय हो गया फिर वो दोनो बहने नीचे चली गई और मैं अपना बिस्तर लेकर ऊपर आ गया और सोने लगा तो उसका भाई भी मेरे पास आ गया और हम बाते करते करते सो गये ऐसे ही कुछ दिन बीत गये मैं और वो लड़की बहुत घुल मिल गये थे और हम बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे अब हमारे बीच फोन पर भी बात होने लगी एक दिन उसने मुझे छत पर बुलाया बहुत धूप थी मैं छत पर गया और तो उससे पूछा की उसने मुझे क्यों बुलाया है तो उसने कहा की उसे मुझसे कुछ बात करनी है मैने कहा कहो आप बुरा तो नहीं मानोगे वो बोली मैने कहा नहीं मानूँगा बोलो। Desi Sex Kahani

मुझे लगता की है मुझे आपसे प्यार हो गया है उसने नज़र नीचे करते हुए कहा। ये तुम क्या कह रही हो मैने कहा। तभी वो बोली क्या मैं आपको अच्छी नहीं लगती उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा नहीं ऐसी बात नहीं है आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा। तभी उसने कहा की में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और अचानक मेरे गले लगते हुए थोड़ी देर मैं मैने उसे हटाया और कहा में भी तुम से बहुत प्यार करता हूँ और फिर हम नीचे आ गये। नीचे आते ही उसका फोन आया और हम बाते करने लगे। पड़ोस की छत पर की चुदाई

मैं रोज़ की तरह छत पर ही सोता था और ये वो भी जानती थी लेकिन अब मैं अकेला ही सोता था उसका भाई नीचे ही सोता था। मैं ऐसे ही लेटा हुआ था रात के 10 बजे थे अचानक मेरे फोन पर मेसेज आया मैंने देखा तो वो मेसेज उसका ही था मैने फोन किया और हम बात करने लगे। हम धीरे धीरे बहुत रोमेंटिक बाते करने लगे और मैने उससे कहा की प्लीज़ नेहा मुझे आपसे मिलना है। सुबह मिलते है उसने कहा नहीं मुझे अभी मिलना है मैने उससे कहा।

नेहा: लेकिन अभी कैसे मिल सकते है।

मैं: अभी क्यों नहीं मिल सकते है।

नेहा: लेकिन अभी रात हो चुकी है और घर मैं सब है अगर किसी को कुछ पता चल गया तो।

मैं: मैं कुछ नहीं जनता आपको मुझसे अभी मिलना है या नहीं।

नेहा: जानू मैं मिलना तो चाहती हूँ लेकिन।

मैं: लेकिन क्या अगर आप नहीं आई तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा।

नेहा: प्लीज जानू तुम समझने की कोशिश करो मैं आना चाहती हूँ लेकिन अभी नहीं आ सकती हूँ।

मैं: तो ठीक है मत आओ मैं जनता था की आप मना करोगी क्योकि आप तो मुझसे प्यार करती ही नहीं हो।

नेहा: मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन प्लीज समझा करो मैं अभी नहीं आ सकती हूँ।

मैं: ठीक है मत आओ और मैने फोन काट दिया।

उसने मुझे कई बार फोन किया पर मैने उठाया नहीं। हमे बात करते हुए 12:15 हो गये थे फिर उसने मुझे मैसेज किया सॉरी जानू प्लीज फोन उठाओ ना और वो फिर मुझे फोन करने लगी लेकिन मैने फोन नहीं उठाया और सोने की कोशिश करने लगा। तभी वो ऊपर आ गयी और मुझे उठाने लगी मैं वैसे ही आँख बंद करके लेट रहा वो मुझे उठाने लगी और कहा प्लीज जानू आँखे खोलो ना मैं एक दम उठ कर बैठ गया और उसे प्यार से देखने लगा। पड़ोस की छत पर की चुदाई

नेहा: क्या हुआ क्यों बुलाया ऊपर मुझे।

मैं: कुछ नहीं कहा “गुस्से से।

नेहा: तो फिर आप मुझसे ऐसे क्यों बात कर रहे हो और “उसकी आँखो मैं आंसू छलक आए थे।

मैं: मुझे नींद आ रही है हटो सोने दो मुझे और मैं सोने लगा।

नेहा: प्लीज़ जानू सॉरी और वो अपने कान पकड़ के रोने लगी।

मैं: उठा और कहा नेहा आप इस तरह रो क्यों रहे हो।

नेहा: आप मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे थे।

मैं: मैने उसके आँसू पोछे और कहा मैं नाराज़ नहीं हूँ आप रोना बंद करो प्लीज।

नेहा: प्लीज़ जो कहना है जल्दी कहिये मुझे नीचे जाना है अगर कोई आ गया तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी।

मैं: कुछ नहीं कहना मुझे आप जाओ।

नेहा: आप तो कह रहे थे कि…

में: मुझे कुछ नहीं कहना अब जाओ और मैं आपसे नाराज़ नहीं हूँ।

नेहा मेरे गले लगी और कहा में आपसे बहुत प्यार करती हूँ और प्लीज आप मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए। मैने उसे हटाया और कहा ठीक है अब आप जाओ और वो वहां से चली गई और में सोने की कोशिश करने लगा और मुझे नींद आ गयी सुबह मैं नाश्ता करके ऑफीस चला गया और 2 बजे के करीब उसका फोन आया। मैं लंच के लिए जाने वाला था तो मैंने उसे बाद मे फोन करने को कहा और लंच पर से आते ही मैंने उसे फोन किया और हम बात करने लगे मैं थोड़ा रूड़ली बात कर रहा था। Girlfriend Sex Story

नेहा: आप मुझसे नाराज़ है अभी तक

मैं: ऐसी कोई बात नहीं है।

नेहा: तो आप ऐसे क्यों बात कर रहे है।

मैं: ऐसी कोई बात नहीं है में तुम से नाराज़ नहीं हूँ।

नेहा: अच्छा कल तो आपकी छुट्टी है तो हम कहीं बाहर मिल सकते है।

मैं: नहीं मुझे कल बहुत काम है।

नेहा: प्लीज जानू मैं जानती हूँ आप मुझसे बहुत नाराज़ है इसलिए आप ऐसे कह रहे है।

हमारी ऐसे ही बात होने लगी वो मुझसे बार बार मिलने के लिए कहती रही तो मैने गुस्से मैं कह दिया आप सच मैं मिलना चाहती है।

नेहा: हाँ

मैं: लेकिन हमे बाहर किसी ने देख लिया तो।

नेहा: हम छुप कर मिलेंगे।

मैं: और अगर किसी ने बाहर देख लिया तो।

नेहा: गुस्से मैं आपको मुझसे मिलना है या नहीं बताओ।

मैं: नहीं जब आप मिलना ही नहीं चाहती तो क्या फायदा।

नेहा: मैं तो आपसे मिलना चाहती हूँ।

मैं: तो मैं जब आपको कल मिलने के लिए कह रहा तो आप मना कर रही थी और अब….

नेहा: ओके बाबा रात के लिए सॉरी अब तो हम मिल सकते है।

मैं: लेकिन आज ही।

नेहा: आज कुछ सोचने के बाद ठीक है कहा मिलूं बताओ।

मैं: रात को छत पर।

नेहा: आप समझते क्यों नहीं मैं रात को छत पर नहीं मिल सकती।

मैं: तो ठीक है तो बात करने का क्या फायदा अच्छा मुझे वापस जाना है मेरा लंच टाइम खत्म हो गया है ओके बाय।

नेहा: सुनो प्लीज।

और मैने फोन काट दिया और फोन साइलेंट पर कर दिया उसने मुझे कई बार ट्राई किया लेकिन मुझे पता नहीं चला। मुझे ऑफीस मैं देर तक रूकना पड़ा क्योकि महीने का लास्ट था इसलिए सारा काम खत्म करना था मैं रात को 11:30 बजे घर पहुँचा और खाना ख़ान के बाद छत पर आ गया मैने देखा नेहा अपनी छत पर अकेली अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी मुझे देखकर वो मेरे पास आ गयी और कहा इतनी देर कहा थे मैने कहा वो ऑफीस मैं आज काम ज्यादा था। पड़ोस की छत पर की चुदाई

लेकिन आप आज ऊपर कैसे उसने कहा आपको छत पर मिलना था इसलिए मैं मम्मी से कहकर आई हूँ की मुझे आज छत पर ही सोना है क्योकि मुझे नीचे घुटन सी हो रही है और हम बिस्तेर बिछा कर बैठ गये मेरे छत की दीवार थोड़ी उँची है इसलिए वहां बैठने पर कोई भी हमे नहीं देख सकता था और आजू बाजू मैं कोई घर भी नहीं था और थोड़ी दूर थे। हम बाते करने लगे वो मुझसे थोड़ी दूर बैठी थी मैने अपना सिर उसकी गोदी मैं रख दिया और उसकी आँखो मैं देखने लगा वो भी मुझे देख रही थी।

नेहा: तुम ऐसे क्या देख रहे हो शरमाते हुए।

मैं: आपकी आँखो मैं देख रहा हूँ।

नेहा: ऐसा क्या है मेरी आँखो मैं।

मैं: मैं अपने आप को ढूंड रहा हूँ।

नेहा: क्या आप मिले इनमे?

मैं: हाँ तो आपने हमे अपनी आँखो मैं छुपा कर रखा है।

नेहा: हाँ शायद ठीक कहा अपने।

मैं: अच्छा क्या और कहीं भी छुपा कर रखा है।

नेहा: हाँ

मैं: और कहाँ।

नेहा: अपने दिल मैं।

मैं: अच्छा देखूं और मैने उसके सीने पर हाथ रख दिया।

नेहा: मेरा हाथ हटाते हुए तुम ये क्या कर रहे हो।

मैं: आपके दिल मे देख रहा हूँ क्या मैं नहीं देख सकता हूँ।

नेहा: नहीं।

मैं: क्यों नहीं देख सकता।

नेहा: मुझे गुदगुदी होती है।

मैं: अच्छा और उठकर उसकी तरफ देखने लगा वो सफेद सूट मे थी वो बहुत खूबसूरत लग रही।

नेहा: क्या हुआ?

मैं: कुछ नहीं बस आपको देख रहा हूँ एक बात कहूँ।

नेहा: कहो।

मैं: मुझे आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।

नेहा: शरमाते हुए आप मेरी झूठी तारीफ मत कीजिए और नीचे देखने लगी।

मैं: आपको लगता है मैं आपकी झूठी तारीफ कर रहा हूँ इसका मतलब मैं आपसे हमेशा झूठ बोलता हूँ।

नेहा: मेरी तरफ देखते हुए मेरा मतलब ये नहीं था मे तो बस।

फिर हम एक दूसरे को देखने लगे फिर मैने अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया और किस करने लगा। हम दोनो की साँसे तेज होने लगी हम दोनो एक दूसरे को फ्रेंच स्टाइल मे पागलो की तरह किस कर रहे थे। मैने एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे प्रेस करने लगा वो मुझे पागलो की तरह किस करते हुए मेरे बालो मे अपनी उंगलियां फेर रही थी उसकी तेज होती साँसे मुझे महसूस हो रही थी मे उसे किस करते करते नीचे आने लगा और उसके गले के दोनो तरफ किस करने लगा। पड़ोस की छत पर की चुदाई

अब उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे होंठो को किस करने लगी थी। थोड़ी देर किस करने के बाद मैने उसे दूर किया और उसके सूट को उतार दिया वो अब सिर्फ़ ब्रा मे थी। फिर मैं ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को चूमने लगा वो मेरे बालो मे उंगलियां घुमाते हुए अपने बूब्स पर मेरे सिर को प्रेस करने लगी। मैं उसके बूब्स को उसके ब्रा के ऊपर से ही चूमने चाटने लगा था।

वो सिसकारियाँ लेते हुए मेरे सिर को अपने बूब्स पर प्रेस कर रही थी। फिर मैं उसके पीछे होते हुए उसकी ब्रा के हुक को चूमते हुए उसकी पीठ को चूमने लगा उसकी धड़कन और तेज होने लगी और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और मैने सामने आ कर उसके बूब्स पर से ब्रा को भी हटा दिया और उसके बूब्स देखने लगा उसके गोरे बूब्स साइज़ लगभग 36 मेरी आँखों के सामने थे।

मैं उसके एक बूब्स को हाथ मैं लेकर दबाने लगा और दूसरे बूब्स के ऊपर के गुलाबी दाने को मुहं मे लेकर चूसने लगा वो जोश मे मुहं से सिसकारियाँ निकालने लगी अया आअहह ऊ ह हह और अपने बूब्स पर मेरा सिर प्रेस करने लगी मे उसके बूब्स चूसते हुए कभी कभी उसे धीरे से अपने दांतो से काट लेता और वो सिहर उठती उसके मुहं से हल्की की चीख उठती। मैं उसके बूब्स चूसते हुए उसके पेट तक उसे चूमने लगा था। फिर मैने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और नीचे खींचने लगा उसने अपने चूतड़ उठाकर उसे निकालने में मेरी मदद की फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को उसकी पेंटी के ऊपर से सहलाने लगा था।

वो अब फुल जोश में हो चुकी थी। अब मैंने उसकी पेंटी को नीचे कर दिया और उसकी टांगो से अलग कर दिया था। उसने अपनी टांगे आपस मैं जोड़ ली थी मैने उसकी टांगो को खोला और उसकी चूत को देखने लगा उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था। मैने जैसे ही उसकी चूत पर अपना हाथ रखा उसके मुहं से हल्की सी सिसकियां निकलने लगी थी।

मैं उसकी गुलाबी चूत पर उगे बालो पर अपनी उंगलिया फेरने लगा वो पहले की तरह मचलने लगी फिर मैने उसकी चूत का मुहं खोलकर उसे देखने लगा क्या खूबसूरत चूत थी उसकी मैं पागल हुआ जा रहा था चाँद की चाँदनी रात मैं वो बहुत खूबसुरत लग रही थी। फिर मैने धीरे से उसकी चूत मे अपनी एक उंगली डाल दी वो चीख उठी और उसके मुहं से अहह आअअहह निकलने लगी। फिर में उसे अपनी उंगली से चोदने लगा उसे बहुत मज़ा आ रहा था मैं भी अब बहुत जोश मैं था मैं ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली उसकी चूत मे अंदर बाहर कर रहा था।

वो सिसकियां ले रही थी अब उसका शरीर बहुत ऊपर नीचे हो रहा था और वो बहुत हाफ़ भी रही थी मैं समझ गया की उसे अब क्या चाहिए फिर मैने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाली और अपने कपड़े निकाल दिए मैं बहुत उत्सुक था और जोश से मेरे लंड बहुत कड़क हो गया था।

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा वो पागलो की तरह अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर रही थी। मैं अपना लंड उसकी चूत से रग़ड़ रहा था अब हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था मैने अब धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया और एक हल्का सा एक झटका मारा मेरा लंड उसकी चूत में जाने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी चूत बहुत टाईट थी लंड नहीं जा रहा था चूत में मैने दोबारा कोशिश की लेकिन बहुत दर्द हुआ हम दोनों को मैने एक जोरदार धक्का मारा लंड चूत में चला गया और वो बहुत जोर से चीखी मैने उसके मुहं पर अपना हाथ रख दिया और रुक गया और थोड़ी देर के बाद फिर से धीरे धीरे से लंड को चूत में आगे पीछे करने लगा लेकिन हमारी हालत बहुत खराब थी इस चुदाई से हमे मजा भी बहुत आ रहा था। अब उसने मुझे कसकर पकड़ लिया था। में नहीं रुका और चोदता गया अब मैने नीचे देखा उसकी चूत से खून निकल रहा था तभी वो बोली प्लीज आज मुझे ऐसे चोदो कि में आज पूरी आपकी हो जाऊं। मिटा दो इस चूत कि आग को चोदो और चोदो जोर से प्लीज अब मैने लंड के साथ अपनी एक ऊँगली भी उसकी चूत में डाली और उसे सहलाने लगा था। अब मेरी स्पीड कुछ कम हो गई थी क्योंकि में भी झड़ने वाला था लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे लगा की में अब झड़ने लगा हूँ तो मैने और स्पीड बड़ा दी थी और वो चुदने का मजा ले रही थी मुझसे बिना कुछ कहे और फिर मेरे लंड से भी वीर्य निकल गया था और उसकी चूत भी बहुत पानी छोड़ चुकी थी। उसने मेरी तरफ देखा और कहा प्लीज अब कुछ देर लंड को चूत में रहने दो और वो खुद ही चूत को हिला कर चुदाई का मजा लेने लगी और कहने लगी आज तुमने ये क्या किया मेरी चूत को फाड़ दिया अब मुझे रोज कौन चोदेगा तुम फ़िक्र मत करो जब कहोगी में चोदूंगा इस चूत को और हम जब भी जी करता एक दूसरे की आग को बुझा देते है। मैने कई बार मौका देखकर उसे छत पर ही चोदा था।

What Include The Top Casino Games On Line?

Mistakes are never cheap and this is especially true in online casino gambling. However, tend to be just some players ...

Blackjack Tips To Use At The Casino

You are visiting casinos more even more frequently. You tried in order to gambling by promising yourself that would certainly ...

Necessities With Regard To The Casino Party

The score of the cards dealt could be the right digit of fundamental Sports Toto of them. For example when ...

His First Real Poker Game

Most, nonetheless all online casino s will offer all within the major games of chance, such as; poker, craps, roulette, ...

Best Online Casino Slots

I took the $900 profit and started along with $60 and pressed it up to $1920 and was ready begin ...

Craps – The Most Fun You’re Able To Have With Only A Casino

Snake Eyes right using the movie The rise of the Cobra. His identity is unknown to us, we merely know ...