पति नालायक भैया होशियार- Bhai Behen ki Chudai

दोस्तों, मेरा नाम प्रतिभा है, आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हु, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है और शायद ये मेरी आखरी हि कहानी होगी, क्यों कि मैं इस कहानी को लिख कर मैं सिर्फ अपना दिल का बोझ हल्का करना चाहती हु, दोस्तों कभी कभी जिंदगी में ऐसी बात और घटना हो जाती है जिससे पता नहीं चलता है कि जिंदगी आपको किस मोड़ पर ले जा रही है। आज मैं अपने जिन्दगी कि सबसे बड़ी घटना या तो कहिये कि सबसे बड़ा सुख जो कि मैं आप लोगो कि सामने रखने जा रही हु।

मैं गरीब घर कि लड़की हु, मेरे पापा का देहांत बहूत पहले हि हो गया है। मेरे से बड़ा मेरा बड़ा भाई है। घर कि हालात अच्छी नहीं थी इस वजह से शादी के बड़े बड़े सपने नहीं देखे हमने, सिर्फ ऐसा लग रहा था कि किसी तरह से मेरे हाथ पीले हो जाये। इससे ज्यादा कुछ भी अरमान नहीं था, मेरी शादी हो गयी जैसे तैसे, लड़का मेरे से दुगने उम्र का था वो 39 साल का था और मैं बीस साल कि कच्ची कलि थी।

मेरी चूत में झांट भी सही तरीके से नहीं हुआ था और उसका मोटा और विकराल लंड देखकर मेरे पसीने निकल रहे थे। जिस दिन मेरा सुहागरात था, मैं डर गई कि कि मेरी चूत का क्या हाल होगा, मैं परेशान हो रही थी, जब वो बात करना शुरू किया तो पता चला कि वो हकला है।

मेरे गाँव के एक चाचा ने मेरी शादी तय कि थी शादी के पहले मैंने ना तो कभी बात कि थी, ना तो मुझे किसी ने बताया था कि लड़का हकला है।

बात आगे बढ़ी, उसने मेरा हाथ पकड़ा और आ आ आ आ ईई लो ओ ओ ओ व् यू कहा, दोस्तों मैं सिर्फ सर उठा कर देखि अपनी कजराई आँखों से। मेरा पति भी काफी घबराया हुआ था।

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फिर उसने मेरे सारे कपडे उतार दिए, और मुझपर टूट पडा, कभी चूचियां दबाता कभी चुचिया पिता कभी वो होठ को ऊँगली से छूता कभी मेरे गाल पर चूमता, उसकी साँसे बहूत तेज तेज चल रही थी। और धीरे धीरे मुझे भी खुमार चढ़ने लगा था, क्यों कि मैं भी गदराई हुई जवानी में थी।

ऐसा लग रहा था, कि मेरे अन्दर एक तूफ़ान से खड़ा होने बाला था। मेरी चुचियाँ तन गयी थी। रोम रोम खड़े हो रहे थे। मैं अपने पति को अपने बाहों में भर ली। और चूमने लगी। अब वो परेशान होने लगा। लंड उसका खड़ा था मुझे लग रहा था कि काश वो मेरी चूत में अपने लंड को समा दे। एक तो डर भी रही थी कि पता नहीं क्या हाल होगा।

और दूसरी तरफ से ऐसा लग रहा था कि आज मेरी चूत का उद्घाटन कर दे। मैंने उसके लंड को पकड़ लिया क्यों को मैं काफी ज्यादा कामुक हो चुकी थी, पर दोस्तों जैसे हि मैंने लंड को पकड़ा, उसका सारा वीर्य झड गया। और लंड वापस २इन्च का हो गया।

मैं हैरान थी। इसके पहले मैं कभी चूदी नहीं थी तो ज्यादा आईडिया भी नहीं था कि क्या होता है। मैंने जोर से पकड़ने कि कोशिस करने लगी पर वो अब मेरे से छूटने कि कोशिस करने लगा। मैं करीब करती तो दूर होता, मैं नई नई थी, पहले रात को सब कुछ पूछ भी नहीं सकती, और वो सो गया।

बिना कुछ बात चित किये हुए। मैं वापस अपने सारे कपडे पहन ली। और सोचने लगी कि ये क्या हुआ। मुझे कुछ भी समझ नहीं आया रहा था। पर इतना तो पता चल गया था कि लकडा ठीक नहीं है।

एक तो उम्र बहूत ज्यादा, दिमाग से भी ठीक नहीं था। वो चलते हुए हिलता और हकलाता भी था। मैं उसके उठने का इंतज़ार कर रही थी पर वो इंतज़ार मेरा सुबह तक भी पूरा नहीं हुआ, सुबह उठी। नहाई, घर में मेहमान थे।

एक ननद आकर पूछने लगी। कि भाभी क्या रहा रात को। मैं चुपचाप थी, क्या कहती, कुछ हुआ हि नहीं था। वो सुबह उठे और घर से बाहर चले गए और फिर शाम को ७ बजे आये, वो भी पूरा शराब पिए हुए।

दोस्तों मेरा ससुराल बहूत हि आमिर थे। बहूत ज्यादा खेत थे, गाँव का रईस भी था, पर शायद इस लकड़े से कोई शादी करना नहीं चाह रहा था और मैं गरीब होने के चलते मेरी शादी हो गयी, जैसा कि आपने भी सुना होगा, किसी गरीब कि शादी किसी अमीर लंगड़े अंधे काने से कर दिया जाता है, रात को फिर से हम दोनों कमरे में आये, और आज मैंने सोच लिया था कि लंड नही टच करना है।

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फिर से किस से स्टार्ट हुआ ब्लाउज उन्होंने खोला और ब्रेसिएर, चुचियाँ अपने हाथ में लेके खेलने लगे, पिने लगे, मेरे निप्पल को दबाने लगे। मैं जोश में आ गयी, और वो ऊपर आ गया मैंने टांग फैला दी, उन्होंने मेरे चूत पे लंड को लगाया, और जैसे हि धक्का देने कि कोशिस कि, फिर से वो झड गए, और सो गए।

दोस्तों अब मुझे समझ आ गया था कि मेरे पति नपुंशक है। मैं झल्ला गयी, करती भी क्या, मुझे लगा कि मेरी जिंदगी ख़राब हो गयी है।

दुसरे दिन से वो मेरे साथ भी नहीं सोने लगे, मैं पलंग पर सोती और वो निचे सोते, मैं कुंवारी कि कुंवारी रह गयी, मेरे भाई चौथे दिन आया मुझे लेने, मैं लिपट कर रोने लगी। वो पूछ कि सब कुछ ठीक है। मैंने कहा कुछ भी ठीक नहीं है।

लड़का ठीक नहीं है। वो बेकार है। हिजड़ा है। वो कुछ भी नहीं कर सकता, वो हकला और विकलांग भी है। मेरी शादी क्यों करा दी इससे, मैं धन का क्या करुँगी, जब मुझे पति का सुख नहीं नहीं मिलेगा, मेरे लिए सारे व्यर्थ है।

दोस्तों अब कुछ हो नहीं सकता था। हम दोनों दो घंटे तक ऐसे हि बैठे रहे और अपनी कहानी सुना रहे थे। तभी भाई बोला देख बहन अब कुछ नहीं हो सकता है। अब तुम इसी के साथ रहो।

हम लोगो कि गरीबी मिट जाएगी, हम लोग का हक होगा इस बड़ी हवेली और जायदाद पर, मैं तुम्हे हेल्प कर सकता हु, मैं तुम्हे पति का सुख देता हु, बस तुम एक बच्चा कर लो। बच्चा मेरा है या तुम्हारे पति का गाँव बालो को क्या पता।

मुझे भी उसकी बात जंच गयी, और दुसरे दिन हि हम दोनों अपने घर वापस आये, क्यों कि शादी कि पांच दिन में हि लड़की को वापस मायके आना होता है। रात को घर पहुच गये, माँ अपने विस्तार से उठ नहीं पाती है क्यों कि उसको लकवा मार गया है। खाना बनाई, और खाई, रात को हम दोनों भाई बहन एक साथ सोये, असल में सुहाग रात मेरा उसी दिन था। मेरा भाई मेरे सारे कपडे उतार दिए, मेरे बूब को प्रेस करने लगा और पिने लगा। मेरी आह निकल रही थी।

मेरा भाई का लंड भी बहूत मोटा था, उसने मेरी चूत पे अपने लंड को लगा कर जोर से धक्का दिया पर मेरी चूत काफी टाइट थी इस वजह से, लंड पूरा मेरी चूत में नहीं गया था। फिर उसने थूक लगा करा मेरी चूत में लंड को सेट किया और मेरा पैर दोनों कंधे पर रख कर जोर से धक्का मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।

वो जोर जोर से अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगा और मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। दोस्तों वो मेरी चुचियों को मसलते हुए, लंड को अन्दर बाहर कर रहा था, और मैं भी उसको अपने बाहों में भर रही थी और उसका चूतड पकड़ कर अपने चूत में जोर जोर से झटके ले रही थी।

रात भर मुझे जम कर चोदा, रात भर कि चुदाई में मेरी चूत काफी सूज गया था, और काफी दर्द भी हो रहा था। पर एक मन में शुकून था कि चलो, मैं अपने भाई के सहारे हि जिंदगी काट लुंगी धन दौलत तो पति से मिल जायेगा, और बाकी सारे कुछ मेरे भाई से मिल जायेगा।

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दोस्तों हम दोनों रात को साथ सोते और खूब चुदाई करते, कुछ दिन बाद फिर मैं वापस अपने ससुराल चली गयी, ससुराल में पता चला कि मैं पेट से हु और मेरा होने बाला बच्चा का पिता मेरा भाई है। मैंने अपने पति को रिझाना शुरू किया क्यों कि मुझे इस बच्चे का नाम भाई का नहीं बल्कि पति का देना था।

रात में उनके कपडे उतार देते मैं भी सारे कपडे उतार देती, और उनका लंड अपने चूत पे रगडती, और कहती कि लंड अन्दर चला गया है।

जब कि लंड छोटा सा चूत के ऊपर हि रगड़ खाता, और धीरे धीरे सबको पता चल गया कि मैं पेट से हु, सब लोग खुश हो गया क्यों कि सब को पता था कि इस पागल से कुछ नहीं होने बाला है।पर सब को ख़ुशी हो रही थी कि अब इससे बच्चा होने बाला है।
मेरा भाई आता काफी दिनों तक रहता, मुझे चोदता, और फिर वापस चला जाता। आज मेरे पास दो बच्चा है। नाम कि बीवी अपने पति कि हु, असल में अपने भाई कि हु और दोनों बच्चे का बाप मेरा भाई है।

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