सब्जीवाले से नंगी चुदाई 🌶 | Sabji Wale Se Chudai Kahani – AntarvasnaStory.co.in

जैसा की आपने पढा था की मा आमिर ओर शोकत से जमकर चुदाई करवा रही थी पिछले दो साल से ओर बीच बीच मे वो इधर उधर भी मुह मार लेती थी। आमिर से चुदकर जब मम्मी घर जाती तो वो सब्जी लेकर सब्जी वालो की गांड सुलगा कर चली जाती। उन्हे अपने पैर मोटी गांड ओर ओर चुचिया के उभार दिखाकर जैसा की आपको पता है मम्मी 10 बजे से 12 बजे तक रोज आमिर से गांड मरवाने उसके घर जाती थी। 

पिछला भाग – तलाक के बाद आमिर के साथ माँ की आखिरी रात!

तो एक सब्जीवाले ने उसे एक दिन आमिर के घर से निकलते देखा ओर फिर कुछ दिन लगातार उसने मम्मी पर नजर रखी। ओर कुछ दिन बाद, उसने मम्मी को आमिर के घर से निकलते वक्त ही पकड लिया, 

ओर कहा – जानेमन कभी हमे भी सेवा का मोका दो ना मौलवी साहब की तरह हम से झाडा डलवा लो कभी 

ये सुनकर मम्मी चोक गयी ओर चुपचाप वहा से निकल गयी, ओर अगले दिन, फिर वही बात हुई ओर आज सब्जी वाले की हिम्मत ओर बढ गयी, 

तो उसने कहा – जानेमन सामने की गली मे ही अपना गोदाम चलो ना… 

तो मम्मी हंसकर निकल गयी इस तरह सब्जी वाला रोज मम्मी को ऑफर देता रहा ओर उसकी हिम्मत बढती रही। एक दिन उसने मम्मी का पिछा कर के घर की तरफ ही साथ साथ निकल गया मम्मी को पता लगा तो मम्मी की हालात खराब होने लगी। 

वो रास्ते मे ही एक कपडे की दुकान पर घुस गयी ओर उसके जाने का इंतजार करने लगी। तभी वो कुछ देर मे निकल गया तो घर पहुंची अब मम्मी के पास सब्जी वाले से चुदने के अलावा कोई रास्ता नही बचा था या आमिर को छोडने का रास्ता बचा था। 

खैर मम्मी ने सोचा चलो इससे भी पिछा छुडा लू चुदवाकर एक दिन ओर मम्मी अगले दिन रंडी बनकर निकली ओर वो तय समय पर सब्जीवाला वही मम्मी का इंतजार करता मिला। तो उसने मम्मी के बाहर निकलते ही, 

पूछ लिया – जानेमन कल तो धोखा दे दिया कहा गायब हो गयी थी 

तो मम्मी बोली – आज शाम को मिलना इसी गली मे ओर नहाकर साफ सफाई करके आना दुकान मे जगह तो है ना 

वो बोला – जानेमन बहुत जगह है ओर बिलकुल तैयार मिलेगा सबकुछ चकाचक बस तुम आ जाना 

तो मम्मी ने कहा – वो शाम को 6 बजे आ जाएगी दिन छिपने के बाद तो तुम इसी गली मै तैयार रहना! 

तो सब्ज़ी वाले की आज लॉटरी लग ही गयी। आखिरकार शाम को मम्मी तैयार होकर रंडी बनकर निकल पडी ओर एक नया लंड खाने के लिए मम्मी तो उसी दिन उससे चुदने को तैयार हो गयी। जब उसका सोया लंड भी लुगी मे से उनको मूसल दिख रहा था। 

मम्मी तय समय पर आमिर की गली के आगे पहुची तो सामने वाली गली जो बिलकुल सुनसान गली थी उस गली मे आखिरी की दुकान उसी सब्जी वाले की थी। दरअसल वो उसका गोदाम था, नीचे सब्जी ओर फलो की पेटिया थी, तो उपर एक छोटा सा कमरा जिसमे वो रहता था। 

खाना बनाने का नीचे ही था सब सिस्टम मम्मी को देखकर उसकी चांदी हो गयी ओर वो भागकर मम्मी के पास आ गया, 

ओर कहा – चलो जानेमन बहुत इंतजार करवाया है तुमने! 

ये सुनकर मम्मी ने कहा – फल पकने मे बहुत समय लगता है ओर कहा तेरा नाम क्या है? 

तो उसने अपना नाम नाजम बताया 

तो मम्मी ने कहा – कहा के रहने वाले हो नाजम 

तो उसने कहा – मध्यप्रदेश के भोपाल के गांव का रहने वाला है 

ओर इतनी देर मे उसकी दुकान आ गयी। ओर मम्मी को अंदर भेजकर उसने इधर उधर देखकर शटर डाऊन कर दिया, शटर डाऊन करने की आवाज सुनकर मम्मी ने पिछे मुडकर देखा, 

ओर कहा – शटर बंद क्यो कीया?! 

तो उसने कहा – जानवर बहुत है सब्जी ओर फल कुछ नही मिलेगा इधर कोई आने वाला भी नही है 

तो ये सुनकर मम्मी ने कहा – चलो ठीक है 

तभी नाजम ने कहा – जानेमन खडी ही रहोगी क्या 

तो मम्मी बोली – मुझे तो यहा कोई बेड नजर नही आ रहा है 

तो नाजम ने कहा – जानेमन तेरे जैसे माल को तो बेड पर ही पेलेगे जरा उपर चलो उन सिढियो से, 

वहा कोने मे बिलकुल ही छोटी छोटी सिढिया बनी, उसपर चढकर मम्मी छत पर पहुंची तो आसपास सभी दुकान ही थी ओर कोई मकान नही था। आगे पिछे की गली मे ये देखकर मम्मी ने कुछ राहत की सांस ली ओर जल्दी से कमरे मे घुस गयी। 

वहा पर एक दिवान बैड ओर अलमारी पडी थी कमरे की साफ सफाई आज ही की गयी लग रही थी बेड पर नयी चद्दर इसका सबूत थी। तो मम्मी थोडा खुश हुई नाजम भी अब कमरे मे पहुंच गया ओर उसने कमरे मे पहुंचते ही गेट को अंदर से बंद कर दिया। 

ओर मम्मी को देखकर मुस्करा दिया ओर कहने लगा – जानेमन आज मेरा दो साल का ख्वाब पूरा होगा तुम्हे पेलने का… दो साल से तुम्हे मांग रहा था… 

तो मम्मी ने कहा – वो तो सबकी सुनता है नाजम मिया!! 

तो नाजम ने कहा – शुक्रिया मोहतरमा आपने आखिरकार हमे भी मोका दे दिया मिलने का, 

ये सुनकर मम्मी बोली – तो नाजम मिया अब मोका मिला है तो जल्दी से उसका फायदा भी उठा लो ऐसे मोके फिर नही आएगे! 

ये सुनकर नाजम ने कहा – जानेमन फायदा नही हम तो आपको जन्नत की सैर करवाएगे आज फिर आप कहेगी ये मोका हमे बार बार देगी! 

तो मम्मी हंसने लगी… 

तो नाजम ने कहा – हंस लो जानेमन फिर मोका नही मिलेगा 

तो मम्मी बोली – एकबार के ही इतना परेशान थे 

तो नाजम ने कहा – जानेमन फिर तुम खुद आओगी गांड मरवाने 

तो मम्मी बोली – गांड तो मैने आजतक नही मरवाई 

तो नाजम बोला – मैने तो सिर्फ आजतक गांड ही मारी है चाहे लडके हो या लडकी तेरी गांड मारने का बहुत मजा आएगा! इतनी मोटी गांड बिना लंड खाए नही हुई है जानेमन ओर हंसने लगा… 

तो मम्मी बोली – अच्छा मोटी गांड क्या सिर्फ गांड मरवाने से होती है 

तो नाजम बोला – जानेमन मोटी गांड मरवाने से नही होती तो सबकी गांड तेरे जैसी ही होती मुलायम 

तो मम्मी बोली – तुझे क्या पता मुलायम का 

तो नाजम बोला – एक साल पहले दबाकर देखा था जानेमन ओर बहुत बार हाथ भी फेरा है 

तो मम्मी बोली – पता नही चला मुझे तो कभी 

तो नाजम बोला – इतनी मोटी गांड मे मूसल का पता नही चले जबकी मम्मी को मालूम था। सब्जी मंडी मे बहुत सारे लोग उसकी गांड दबाकर मजे ले चुके है भीड मे तभी, 

नाजम ने कहा – जानेमन अपना नाम तो बता दो तो 

मम्मी बोली – जानेमन से अच्छा क्या नाम होगा नाजम 

तो नाजम ने कहा – ठीक है ये भी 

ओर नाजम अब मम्मी के पास आकर खडा हो गया ओर कहने लगा – जानेमन कहो तो तुम्हारी जवानी को चखकर देख लू 

तो मम्मी ने कहा – सिर्फ चखना ही या कुछ ओर भी इरादा है 

तो नाजम ने कहा – वो तो आप खुद ही कर लेगी सबकुछ 

ये सुनकर मम्मी ने कहा – अगर नही कीया 

तो नाजम ने कहा – कसम मै भी नही करूगा 

तो मम्मी बोली – सोच लो नाजम जानेमन को तंग नही करोगे फिर 

तो नाजम बोला – जानेमन खुद आएगी तंग होने!!

नाजम एक 35 साल का युवक था। सावले रंग का लंबा ओर मजबूत कद काठी का शरीर का मालिक था, उसे antarvasna kahani पढ़ना बहुत पसंद था। मम्मी की चुत अब उसकी बाहो मे समाने को मचल रही थी तो नाजम का लंड भी पेन्ट मे उभरकर मम्मी की चुदास भडका रहा था। मम्मी की चुत की खुजली अब जोरो पर थी वो कीसी तरह अपने आप पर काबू कर के बैठे थी और चुदने के लिए मन ही मन मचल रही थी। 

मगर नाजम भी पक्का हरामी था उसे पता था एक बार हाथ से निकल गयी, तो ये बहन की लोडी कभी हाथ नही आएगी इसलिए नाजम के पास बस यही सुनहरा मोका था। 

मम्मी को सेट करने का तो नाजम भी उसी तरह मम्मी की चुदास को भडका रहा था ताकी मम्मी को कोई मोका ना मिले उसमे कमी निकालने की मगर धीरे धीरे नाजम की हवस भी बेकाबू हो रही थी। ओर मम्मी भी उसका इंतजार कर रही थी खैर मेरी मम्मी भी उसी की मा निकली, 

ओर खडी होकर बोली – चल ठीक है नाजम मै चलती हू 

तो नाजम ने कहा – अभी कहा जानेमन?! 

तो मम्मी बोली – देखने के लिए तूने बुलाया था ओर आधे घंटे से तो तुम देख ही रहे हो, करना होता तो, ओर रूक जाती अब कर देख लेना! 

ये सुनकर नाजम को रंडी हाथ से जाते दिखी, तो नाजम बोला – जानेमन चलो ये बात हार गये तो क्या हो गया बैड पर हारने के लिए तैयार रहो जानेमन अब 

तो मम्मी बोली – ऐसे ही क्या जैसे अब हराया है! 

तो नाजम ने मम्मी को पकड लिया ओर मम्मी के होठो को अपने होठो मे जकड लिया मम्मी भी नाजम ओर मम्मी दोनो को खाने मे लग गयी। नाजम ने मम्मी के सिर के बालो को अपने हाथो से पकड लिया ओर मम्मी के होठो को चुसने लगा जोरो से। 

पांच मिनट तक दोनो होश गंवाकर चुसते रहै पांच मिनट के बाद नाजम का लंड उसकी पेन्ट से ही मम्मी की चुत को छुने लगा। मम्मी भी अब नाजम के मोटे लंड को महसूस कर रही थी अपनी चुत पर नाजम ने मम्मी की टीशर्ट उतार दी ओर मम्मी ने भी नाजम की शर्ट को खोल दिया। 

नाजम ने अब मम्मी की ब्रा खोलकर फैक दी तो मम्मी ने नाजम की बनियान को खोलकर नाजम का पूरा सहयोग कर रही थी। तभी दोनो अधनंगे एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को चुमने लगे नाजम बडी बेदर्दी से मम्मी की चुचियो को मसल रहा था। 

तो मम्मी भी नाजम की छाती के बालो को नोचकर उसे भडका रही थी नाजम ने मम्मी को कुछ देर बाद बैड पर धकेल दिया ओर मम्मी की जीन्स को खींचकर निकाल फेका। मम्मी की लाल कच्छी को देखकर नाजम कीसी साड की तरह भडक उठा ओर कच्छी को इतनी ताकत से खीचा की फट कर हाथ मे आ गयी। 

मम्मी को गुस्सा आ गया ओर बोली – जानवर की ओलाद 300 रूपये की कच्छी थी! 😠

तो नाजम ने हंसकर कहा – जानेमन कल 3000 की ला दूगा… 😅

ओर उसने अपनी नाक मम्मी की चुत पर लगाकर उसकी खुशबु लेने लगा नाजम ने अब मम्मी के पैरो को फैलाकर उसकी गुलाबी चुत को देखा। तो देखता ही रह गया बोला – जानेमन ऐसा माल छुपाकर अब तक कहा थी, 

तो मम्मी बोली – मिया यही थी मगर तुम तो गांड पर हाथ फेरकर ही खुश थे 

तो नाजम ने कहा – जानेमन वो तो बाद मे मारूगा पहले अपनी मुन्निया का रस तो पीला दे 

तो मम्मी बोली – निकाल लो रस… 

इतना सुनते ही नाजम ने अपने हाथो से मम्मी की गुलाबी चुत की गुलाब जैसी पंखुडियो को खोलकर उसपर जीभ से कीस कर दिया ओर फिर कीसी मंझे हुए खिलाडी की तरह वो मम्मी की गुलाबी चुत चाटने लगा। 

मम्मी ये हमला ज्यादा देर नही झेल पाई ओर दस मिनट मे ही उन्होने अपनी टांगो से नाजम के सर को जकडकर अपनी चुत मे फसा लिया ओर नाजम के मुह मे ढेर सारा नमकीन रस भर दिया। ओर अपनी टांगो की जकड ढीली कर दी तो नाजम ने सारा रस अच्छे से चाटकर साफ कर दिया। 

नाजम के खडे होने के बाद अब मम्मी भी खडी हो गयी ओर नाजम को बैड पर पटककर उसकी पेन्ट को खोल दिया। तो उनके सामने कच्छे से बाहर निकल रहे मूसल को देखकर मम्मी की आंखो मे चमक आ गयी ओर उन्होने नाजम के कच्छे को खोलकर फैक दिया। 

नाजम बेड पर लेटा हुआ था ओर उसके पैर नीचे लटके हुए थे मम्मी अब नाजम की जगह घुटने मोडकर बैठ गयी ओर नाजम के पाइप नुमा लंड को निहार रही थी। तभी उन्होने नाजम के लंड को हाथ से पकडा तो नाजम का लंड कीसी गर्म राड की तरह तप रहा था। 

मम्मी ने नाजम के 6 इच लंबे ओर तीन इच मोटे लंड को अपने हाथ की मुठी बनाकर कसना चाहा तो वो उनकी मुठी मे नही आया मोटाई के कारण मम्मी ने अब नाजम के काले लंड के लाल सुपारे पर अपनी जीभ फिराकर फिराई। 

तो नाजम की सिसकारी निकल गयी मम्मी ने नाजम के लंड पर वीर्य की कुछ बूंद जो उसके उत्तेजित होने पर निकलकर सूख गयी थी। उसे चाटकर नाजम के सुपारे को अच्छे से साफ कर दिया ओर फिर धीरे धीरे उसके पाइप जैसे मोटे लंड को अपने मुह मे लेकर गपगप करके चुसने लगी। 

तो नाजम के बर्दाश्त से बाहर हो गया ओर उसने बैठकर मम्मी के सिर को पकडकर अपने लंड से मम्मी के मुह को चोदने लगा तो मम्मी के गले तक उसका लंड जाने ओर मुह से गो गो की आवाज के साथ थूक बाहर निकलकर गिरने लगा। 

पांच मिनट लंड चुसने से मम्मी के जबडे अकडने लगे। तो मम्मी ने नाजम के लंड को मुह से बाहर निकाल दिया ओर बेड पर जाकर लेट गयी। तो नाजम ने बिना कहे ही मम्मी की टांगो को चांद की तरफ करके अपना लंड मम्मी की चुत पर घिसना शुरू कर दिया। जिससे मम्मी की चुत लंड के लिए तडफने लगी, 

तो वो – आह… आह… की आवाज से चुदाई के लिए नाजम को उकसाने लगी! 

ओर नीचे घिसककर लंड पर चुत का दवाब बनाने लगी, आखिरकार दो मिनट तक मम्मी को तडफाने के बाद नाजम ने अपने लंड का मोटा सुपारा मम्मी की चुत मे घुसा दिया जिससे मम्मी की हल्की सी चीख निकल ही गयी। 

ये देखकर नाजम ने पूरी ताकत से अपना लंड मम्मी की चुत मे घुसा दिया मगर मोटा होने के कारण लंड मुश्किल से चुत मे घुस रहा था। खैर, दो तीन झटको के बाद नाजम का पूरा लंड चुत मे समा ही गया ओर फिर मम्मी ने भी अपनी गांड को हिलाकर चुत मे लंड सेट कर लिया अब नाजम ने मम्मी की चुत की मा चोदनी शुरू कर दी तो मम्मी भी चीख कर उसे उकसाने लगी।

हाय नाजम…

मार डाला रे…

आह आह आह आह आह आह आह आह

जरा आराम से नाजम…

मेरी चुत कही फट ना जाए नाजम…

धीरे धीरे…

आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह,

कहकर वो सब्जीवाले से चुदाई के मजे लेने लगी, तो नाजम के मोटे लंड के झटको से चुत की दिवारे हिल उठी थी। नाजम ने एक पैर को कंधे पर उठा रखा था जिससे मम्मी की चुत उपर की तरफ उठी हुई थी ओर घपाघप की आवाजो के साथ चुदाई पूरे शवाब पर चल रही थी। सर्दी के मौसम मे भी दोनो के बदन से पसीना बहने लगा था अब मगर चुदाई का खेल तो अभी शुरू ही हुआ था।

मम्मी भी नाजम की चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी काफी दिनो से उनकी चुत मे कोई नया लंड नही लिया था तो वो भी नाजम को सामने से झटके मारकर उसे पूरा मजा दे रही थी।

वही नाजम मम्मी की कामुक आवाजो को आखे बंद कर के सुन रहा था – आह आह आह  आह आह आह आह आह आह…

नाजम मेरी जान आह आह हाय हाय…

आराम से नाजम…

मार डालोगे क्या???!!!!

आहहहहहहहह! आहहहहहहह! आहहहहहह! आहहहहह!

हाय हाय मर गई मै तो….

उनकी सेक्सी चुदास की आवाज़े किसी XXX Story या पोर्नस्टार  की तरह थी। ये सुनकर नाजम इतने जोरो से झटके मार रहा था की दिवान बैड से भी अब चू चू की आवाजे कमरे मे गुजने लगी थी।

दस मिनट की चुदाई से ही मम्मी का बदन ढेर होकर नाजम के लंड पर झडने लगी वो ओर आह आह कर के सासे लेने लगी। तो मम्मीशकी चुत से निकले कामरस से उनकी चुत की आवाज ही बदल दी ओर अब नाजम के चिकने लंड से चुदाई की आवाजे पचपच मे बदल गयी।

उधर नाजम ने अब मम्मी की चुत से लंड बाहर निकालकर उसे कुतिया बनाया। 

तो मम्मी ने कहा – नाजम प्लीज गांड मे मत डालना मेरी गांड फट जाएगी… 

ये सुनकर नाजम जोश मे आ गया ओर मम्मी की गांड को चाटने लगा, तो कभी काटने लगा, मम्मी की गांड को हाथ से फैलाकर नाजम अब मम्मी की गांड के भूरे छेद को अपने थूकसे भरने लगा। मम्मी भी नाजम से कसकर गांड मरवाना चाहती थी मगर वो नखरे कर के नाजम से गांड फाड चुदाई करवाना चाहती थी। 

नाजम भी पूरे जोश मे आकर गांड मे लंड घुसेडने लगा तो मम्मी ने चद्दर को अपनी मुठियो मे कसकर पकड लिया ओर गांड को टाइट कर लिया। ताकी उसे दर्द हो सके नाजम को भी लंड घुसाने मे पसीना आने लगा। मगर पाइप के आगे गांड के छेद की क्या ओकात थी। दोस्तो ओर इस तरह मेरी मम्मी सेक्स स्टोरी में नाजम के लंड का सुपारा मम्मी की गांड मे प्रवेश कर चुका था। 

तो मम्मी दर्द के मारे चिल्लाने लगी नाजम को भी लगने लगा की इसकी गांड की सील तो खुली हुई है मगर ज्यादा गांड मरवाई हुई नही है। नाजम ने अब लंड बाहर निकाल लिया ओर अपने हाथ मे ढेर सारा थूक लेकर लंड पर लगाने लगा पूरा लंड गिला होने के बाद नाजम एकबार फिर मम्मी की गांड मे लंड घुसडेने लगा। 

तो मम्मी की चीख फिर से निकलने लगी मम्मी जानबूझकर अपनी गांड को टाइट कर रही थी इतना दर्द होने के बाद भी उन्होने अपनी गांड को ढिला नही कीया था।

मगर एक गर्म राड से नाजुक चमडी का क्या मुकाबला होता ओर दर्द सहते हुए मम्मी ने अपनी गांड मे नाजम का पूरा लंड निगल लिया जब नाजम का लंड पूरा घुस गया तो नाजम ने धीरे धीरे नही बल्कि जानवर की तरह मम्मी की गांड को फाडकर उनकी गांड मार रहा था।

नाजम अपने हाथो से मम्मी की मोटी मोटी चुचियो को मसलता, तो कभी गांड पर थप्पड मारता, मम्मी भी नाजम के आगे दर्द भरी आवाज से उसके आगे रोकर गांड से लंड बाहर निकालने की भीख मांगने की एक्टिंग कर रही थी। साथ नाजम बाहर निकाल लो यार बहुत दर्द हो रहा है…

तोबा तोबा… हाय मार डाला…

उप्पर वाले तू ही बचा अब तो…

हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय हाय

आह आह आह आह आह आह आह आह आह

आहहहहहहहहह आहहहहहहह आहहहहहह

नाजम बाहर निकाल ले… हरामी मेरी गांड फट जाएगी… 

ये सुनकर नाजम भी मम्मी को गाली देने लगा – रंडी बहन की लोंडी चुपचाप गांड मरवा ले… वर्ना पूरी सब्जी मंडी वालो को तेरे ऊपर चढ़वा दूगा… बहन की लोंडी… 

अपनी मा चुदवाने के लिए तू ही आई थी गांड मटकाते हुए… अब तेरी गांड फट रही है कुतिया छिनाल… मा की लोंडी… आज देखता हू कोन बचाता है तुझे… ओर तेरी गांड को… 

गाली देते हुए नाजम की स्पीड भी बढ गयी जिससे मम्मी को मजा आ रहा था। 

तो उन्होने एकबार ओर नाजम को गाली दे दी – बहन के लोंडे… छोड भी दे मादरचोद मेरी गांड तो फाड ही दी अब इसमे घुसेगा क्या तू हरामी कोठे की पैदाइश है तू कोई…

ये सुनकर नाजम भी गाली देने लगा – रूक कुतिया कोठे की रंडी तो तू है बहन की लोंडी छिनाल… तेरी गांड से तो हजारो लंड निकलेगे रूक तू… मादरचोद छिनाल… तेरी मा बहन ना चोदी तो नाजम मेरा नाम नही… आज तेरी गांड गांड नही गोदाम बनेगी… मा की लोंडी…

इस तरह नाजम गंदी गंदी गालिया देकर मम्मी की गांड मारने मे लगा रहा तो मम्मी भी गांड टाइट करके गांड मरवाती रही।

आधे घंटे गांड मरवाने के दौरान मम्मी का कामरस बेड पर रिसकर आ गया था ओर अब एक बार फिर नाजम जैसे ही झडने को हुआ। तो मम्मी ने आगे खिसककर लंड को गांड से बाहर निकाल दिया ओर फिर घुमकर नाजम के लंड को अपने मुह मे भर लिया। 

एक मिनट के बाद नाजम का लंड मम्मी के मुह मे झडने लगा ओर मम्मी का मुह नाजम के गर्म गर्म वीर्य से भर उठा। तो नाजम के वीर्य की आखिरी बूंद तक उन्होने लंड को मुह मे लिये रखा ओर आखिर मे लंड को पूरा साफ करके बेड पर गिरकर अपना पसीना सुखाने मे लग गयी।

इस तरह नाजम ने अपनी पहली चुदाई मे मम्मी को भरपूर संतुष्टी देकर खुश कर दिया, 

ओर पूछा – जानेमन अब तो इस गली मे रोजाना आओगी ना??? 

तो मम्मी ने कहा – नाजम बस एकबार की बात की थी वो आज पूरी हो गयी मुझे कुछ खास मजा नही आया 

ये सुनकर नाजम बोला – रंडी तो चिल्लाने का काहे नाटक कर रही थी… 

तो मम्मी बोली – नाजम मिया दर्द होगा तो चिल्लाया ही जाता है 

तो जानेमन – क्या कमी रह गयी दर्द से ही तो चुदाई का मजा मिलता है ना?? 

ये सुनकर मम्मी बोली – नाजम मै नही कर पाऊगी अब ओर बस एकबार मै मौलवी साहब को बहुत प्यार करती हू, कसम से तुमने मुझे ब्लैकमेल कीया इसलिए मै यहा आई वर्ना मै नही आती, 

ओर हा, तुमने बहुत अच्छी चुदाई की, उसके लिए तेरा एहसान रहेगा मगर मै मौलवी साहब की हू ओर रहूगी! अब तू हमारी जिंदगी बर्बाद करना चाहता है, तो बेशक कर दे! 

ये सुनकर नाजम भी भावुक हो गया ओर कहा – नही जानेमन ऐसा कोई इरादा नही मेरा बस कभी कभी आ जाओ करो प्यार करने हमसे भी… 

तो मम्मी बोली – देखूगी मगर वादा नही करूगी अब 

तो नाजम ने कहा – ठीक है जानेमन एक बार आ जाना अब सिर्फ मगर पूरी रात 

तो मम्मी बोली – वो तो मौलवी साहब के साथ भी नही गुजार सकी 

तो नाजम मम्मी के पेरो मे गीर गया ओर बोला – प्लीज जानेमन केसै भी कर के सिर्फ एक रात तो आ जाना… 

तो मम्मी ने कहा – नाजम नही होगा ये! 

तो नाजम ने कहा – जानेमन इतनी शादीया हो रही है एक रात का मोका तो मिल ही जाएगा शादी के बहाने प्लीज जानेमन, फिर कभी नही कहूगा! 

तो मम्मी बोली – देखकर बताऊगी अगर हुआ तो, 

ओर जल्दी जल्दी कपडे पहनकर वहा से घर पर आ गयी, शशी ने खाना बना रखा था। तो मम्मी ने खाना खाया ओर फिर उपर आ गयी मेरे पास सिगरेट पीने। 

मैने उनकी चुचियो को ताडते हुए पूछा – आज कहा गयी थी इस समय??? 

तो बोली – उनकी सहेली की बेटी की शादी है दो दिन बाद कल ओर परसो दिन मे जाएगी ओर शादी वाली रात वही रूकना है तो तुम खाना खाकर आ जाना मै वही रूकूगी ओर सुबह आ जाऊगी। 

ये सुनकर मैने कहा – ठीक है! 

ओर मम्मी सिगरेट पीकर नीचे चली गयी ओर पापा को जाकर पटा लिया। अब अगले भाग मे पढे मम्मी की सब्जी वाले के साथ एक रात की दास्तान।

कहानी अभी जारी है, पढ़ते रहिये मेरी माँ की अन्तर्वासना की आत्म कथा को, और मिलते है अगले भाग में।

Writer – Rohit Singh, [email protected]

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