हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सौरभ है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ जबसे लॉक डाउन हुआ है मैं अपने भैया के घर यहाँ सबसे जान पहचान हो गयी है मेरे घर के सामने एक माँ बेटी रहती है। दोनों दिखने में एक जैसी है वैसे लड़की का नाम आस्था है बहुत ही नार्मल सी है नहीं फिगर उतना अच्छा है ना ही फेस कुछ खास है।
मेरी इस सामने वाली लड़की को पाटा कर चोदा कहानी को पूरा पढ़ना और आप जबतक इस कहानी को ख़तम करेंगे तबतक आपको चरम सुख मिल चूका होगा। तो चलिलये अब सुरु करते है बिना किसी और बकचोदी के!
लेकिन अपने को बस लॉक डाउन का टाइमपास चाहिए था लेकिन दोस्तों उसका कोई बॉयफ्रेंड था सो मेरा नंबर लगाना समझो असमंभव ही था वैसे देखने से लगता था बहुत चोदा होगा उसके बॉयफ्रेंड ने तो मैंने एक तरकीब बनायीं आस्था का ब्रेकअप करवाने की और अपने काम पे लग गया और बस १५-२० दिनों में मेरी तरकीब काम कर गयी और उसका ब्रेकअप हो गया। हां जानता हु सुनने में किसी ड्रामा वाली रोमांटिक Couple Sex Story जैसी लग रही है लेकिन दोस्तों ये सब सुच है। और ये मेरी सच्ची कहानी है। तो चलिए फिरसे कहानी पर आते है।
बस यही मैं चाहता था अब मैंने धीरे धीरे बात करना ज्यादा कर दिया और हर वो बात की जो एक लड़की को पसंद हो हमेसा दिखाया बहुत पैसा है मेरे पास और हर लड़की चाहती है पैसा वाला कोई मिल जाये बातो ही बातो में ये बताना भूल गया की भैया की नयी नयी शादी हुई है।
तो आस्था और भाभी की बनने लगी तो मेरे घर वो बहुत आती जाती थी अब हमारी बहुत बाटे होती थी और मुझे बस एक मौका चाहिए था।
एक दिन,
जब वो मेरे कमरे में थी मैंने बोल दिया मैं पसंद करता हूँ और उसने भी बोल दिया की वो भी मुझे पसंद करती है बस मैंने बिना देर किये अपने होंठ उसके होंठ से सटा दिए। वो मुझे पागलो की तरफ चूमने लगी और हम दोनों एक दूसरे को कास के जकड़ते चले गए।
मैंने खुद को आस्था से अलग किया और तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और फिर टूट पड़ा किश करते करते मैंने उसकी चूचियों को दबाना सुरु कर दिया और अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ने लगा। वो गरम होने लगी मैंने बिना देरी किये उसको नंगा करने लगा और बस कुछ ही सेकण्ड्स मैं वो मेरे सामने पूरी नंगी थी।
उसने मुझे भी नंगा कर दीया और अब दोनो पूरी तरह से नन्गे थे मैं आस्था से चिपक गया और उसकी चूचियों को मसलने लगा वह नीचे लंड उसकी चूत पे रगड़ रहा था बहुत दिनों बाद किसी चूत का स्पर्श लंड को मिला तो बहुत ही सुखद अनुभव मीला।
वो मुझे पागलो की तरह चूमने लगी और मेरे लंड को हाथ में लेके उससे खेलने लगी उसकी चूत से अब पानी बहार आने लगा और आस्था अब मेरे लंड को अपने चूत में जल्द से जल्द चाहती थी। लेकिन मैं ये पहल नहीं करना चाहता था सो मैंने अपने लंड उसके मुँह में दे दिया और वो तो जैसे मास्टर थी लंड चूसने में।
दोस्तों मैं जन्नत महसूस कर रहा था मन किया मुँह में ही झड़ जाऊ आस्था की चूत अब अपने रस से सराबोर हो चुकी थी और उसने मुझे आपने ऊपर खींच लिया मेरा लंड उसकी चूत के द्वार पे दस्तक दे रहा था। वो मुझे पागलो की तरह चूमने लगी और मेरे लंड को चूत पे सेट कर दिया मेरा सात इंच लम्बा और ३ इंच मोटा लंड उसकी चूत के द्वार पे था।
जैसे उसने लंड के टोपा को चूत के फाफो में फसाया मैंने थोड़ा दबाव दिया लेकिन शायद अभी तक उसकी चूत में अभी तक इतना मोटा और बड़ा लैंड नहीं गया था।
तो उसने टांगो टैंगो को पूरा फैला दिया और ये संकेत था मेरे लंड को अंदर आने का मैंने जैसे ही एक शॉट मारा अँधा लंड चूत को चीरता हुआ सेट हुआ उसको बहुत दर्द हुआ।
उसकी आँखों आँशु से भर गयी लेकिन मैं कहा रुकने वाला था, सब कुछ वैसा ही हो रहा था जैसे मेँ में देखता और antarvasna stories में पढ़ता था, मैंने दूसरा शॉट मारा और पूरा लंड आस्था की चूत में समां चूका था।
उसको बहुत दर्द होने लगा क्यों शायद इसके बॉयफ्रेंड का लंड छोटा और पतला था मैं लंड को अंदर किये हुए शांत होकर उसके होंटो का रसपान करने लगा जब दर्द काम हुआ तो उसने खुद चूत को आगे पीछे करने लगी। मैंने इसरा समझ लिया और लंड को आस्था की चूत की गहराइयो में सैर कराने लगा।
लंड चूत की दिवार चीरता हुआ सीधे उसकी बच्चेदानी को टक्कर मर रहा था मैं पुरेजोश में चुदाई कर रहा था लंड अब आराम से चूत में अंदर बहार हो रहा था पूरा कमरा चुदाई की कामुक आवाज के गूँज रहा था।
कुछ समय की चुदाई के बाद उसका सरीर ऐठने लगा मैं समझ गया ये झडने वाली मैंने पुरे जोश में चोदना सुरु कर आस्था पागल हो गयी और मुझे कस के पकड़ लिया मुझे चूमने लगी और कराहते हुए झड़ने लगी।
उसकी चूत का पानी उसकी झांघो से रिस रहा था आप कमरे में चप चप की आवाज़े आ रही थी और १५ मिनट की जबरजस्त चुदाई के बाद मेरा भी होने वाला था,
मैंने बोला – आस्था मैं झड़ने वाला हूँ
तो उसने मुझे कस के पकड़ लिया और बोली – चोदना मत रोकना
और १०-१५ धक्को के बाद मेरा लंड आस्था की बच्चेदानी पे पिचकारी छोड़ रहा था उसकी पूरी चूत मेरे वीर्य से भर चुकी थी।
आस्था के चहरे पे एक संतुस्ती के भाव थे ऐसा लगा जैसे पहली बार उसे चरमशूक की प्राप्ति हुई
उस दिन मैंने उसे ५ बार चोदा!
तो दोस्तों ऐसा कई दिनों तक चलता रहा, जब भी हमें मौका मिलता हम चुदाई करते।
लेकिन तिबयत से चोदने का मौका नही मिल रहा था।
लेकिन बोलते है न “अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान”
तो अपनी भी किस्मत बहुत अच्छी है उसकी मम्मी आंगनबाड़ी मैं काम करती है और उन्हें टीकाकरण के लिए बहार जाना था। मुझे बस इसी मौके का इंतज़ार था जैसे तैसे रात गुजारी मुझे बस सुबह का इंतज़ार था घड़ी की रफ़्तार जैसे धीमी को गयी थी।
समय मनो रुक गया था और मैं बहुत ही ज्यादा उतावला था खैर रात बीती सुबह हुई।
आस्था की मम्मी अपने काम के लिए निकली और मैं तुरंत घर के अंदर चला गया और मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था तो मैं बस टूट पड़ा लेकिन मैं हैरान था।
उसे मुझसे ज्यादा इंतज़ार था इस मिलन का वो मुझे पागलो की तरह चुम रही थी और देखते ही देखते मैंने उसके कपडे उतरने लगा उसने पिंक कलर की ब्रा और पैंटी पहनी थी। मैंने बिना देरी के उसको भी अलग कर दिया और उसने भी मेरे कपडे उतर दिए और मेरे अंडरवियर में मेरा तना हुआ लंड को को बहार कर दिया और उससे खेलने लगी।
आस्था लगातार मेरे होंटो का रसपान कर रही थी और मुझे गले से चूमने हुए मेरे सीने को चूमने लगी, फिर सीधा लंड को चूमने लगी।
दोस्तों बहुत मज़ा आ रहा था वो मेरे टट्टों को पागलो की तरह चूसे जा रही थी, वो एक कमाल की लड़की थी ऐसी लड़की जिनके बारे में सिर्फ सेक्सी स्टोरीज में पढ़ता था और पोर्न में देखता है। और मेरा लंड तो फनफना रहा था उसने लंड के टोपा पे अपना जीभ फिरने लगी।
मैंने उसका सर पकड़ लिया और मुँह में लंड घुसेड़ दिया लंड सीधा मुँह के अंदर चला गया जिससे उनकी आँखों से पानी आ गया। मैंने मुँह की चुदाई चालू रक्खी बहुत मज़ा आ रहा और जब वो चुस्ती तो लंड और कसा फील होता मुँह में थोड़ी देर मुँह की चुदाई के बाद मेरा होने वाला था।
मैंने पूछा – कहा निकलू
उसने कहा – आज मुझे अपना स्वाद चखा दो
तो मैंने 10 धक्को के साथ आस्था के मुँह के अंदर झड गया उसने पूरा माल चाट लिया!!
थोड़ी देर बाद वो मेरे लंड से खेलना सुरु कर दी उसे फिर से मुँह में लेके चूसने लगी दोस्तों ऐसा चुस्ती थी पूछो मत और धीरे धीरे वो मेरे टट्टों को चूसने लगी। लंड फिर से खड़ा होने लगा और जैसे ही उसने मेरी गांड पे अपनी जीभ फिराई दोस्तों एक करंट सा लगा मन किया अभी लंड गुसा के झड जाऊ खैर अब आस्था इतनी गरम हो चुकी थी।
उसकी चूत का रस उसकी झांघो से बह रहा था उसने मुझे दक्का दिया मैं बेड पे पीठ के बल लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरा लंड एकदम तना हुआ था और आस्था सीधे अपनी टैंगो को फैलाया और एक झटके से बैठ गयी लंड सीधा आस्था की बच्चादानी से टकराया।
मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन चूत का अहसास सुखद लग रहा था वो कमर घुमा घुमा के लंड को अंडर ले रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और कुछ ही देर बाद वो बहुत तेज़ से चूत ऊपर निचे करने लगी। मैं समझ गया आस्था झड़ने वाली है और बस थोड़ी देर वो मेरे ऊपर ढेर हो गयी मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था और आस्था का पानी लंड को भिगो रहा था।
और धीरे धीरे मेरे ऊपर बह के आ रहा था उसके चेहरे पे संतुस्ती साफ़ साफ़ दिख रही थी।
मेरा लंड अभी भी तना हुआ था तो मैंने उसे डॉगी बना दिया और एक ही बार में लंड चूत में उतार दिया उसके मुँह से मादक आह! निकल गयी।
मैं बहुत तेज़ी से चुदाई कर रहा था पूरा रूम चुदाई की आवाज़ की गवाही दे रही थी, हर जगह आस्था की आहे! सुनाई दे रही थी और करीब २० मिनट की तगतार चुदाई के बाद मै आस्था के चूत में झड गया.
हम दोनों के चेहरे पे संतुस्ती साफ साफ दिख रही।
लेकिन वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ है तो दोस्तों कहा रुकने वाली थी फिर से उसने मेरे लंड से खेलने सुरु कर दिया और फिर लंड फनफनाने लगा और दोस्तों मैं उसकी गांड मरना चाहता था। इसीलिए मैंने उसे पेट के बल लिटा दिया और लंड को आस्था के गांड के छेद पे घिसने लगा।
उसने अपनी गांड उठा दी जिससे गांड का सुराख़ उभर गया मैंने थोड़ा क्रीम लंड पे लगाया और सीधे गांड के सुराख़ पे रख दिया अब बरी थी लंड को गांड के अंदर उतारने की जैसे ही मैंने अंदर करने की कोशिश की लंड फिसल गया।
मैंने फिर से कोशिश की लंड फिर से फिसल गया तब आस्था ने लंड को पकड़ के छेद पे लगाया और गांड को ऊपर उठा दिया मैंने मौके का फायदा उठाया और एक जोर का शॉट मारा और लंड आस्था की गांड में जा चूका था।
उसको बहुत दर्द हुआ मैंने हल्का सा लंड पीछे किया और पूरा लंड अंदर उतार दिया वो बिना जल बिन मछली की भाति चटपटा रही थी मैं उसे चूमने लगा, उसकी चूचियों को मसलने लगा, और वो गरम होने लगी, और जब उसका दर्द काम हुआ।
तो दोनों हांथो से अपनी गांड को खोल दिया जिससे लंड गांड की गहराइयो में समां गया और फिर मैंने लंड को आगे पीछे करने लगा अब मेरा लंड गांड में पूरी तरह सेट हो चूका था और चुदाई अपने चरम पे थी। मैंने अपने दोनों हांथो से आस्था की चूचियों को पकड़ रक्का था और उन्हें मसल रहा था निचे लंड गांड के चिथड़े उडा रहा था।
और लगातार चूत चुदाई और Gand Sex के बाद मै अपने चरम पे था तो मैंने अपनी स्पीड तेज़ करदी और २०-२५ धक्को के बाद मैं आस्था की गांड में झड़ने लगा और पूरी गांड को अपने वीर्य से भर दिया।
मेरा लंड अभी अभी उसकी गांड मे था और मैं निढाल होकर आस्था के ऊपर लेता हुआ था और कुछ समझ बाद लंड सिकुड़ के बहार आ गया और आस्था की गांड से मेरे वीर्य की नदी बहने लगी, उस दिन मैंने आस्था को ७ बार छोड़ा पुरे ५ घंटे तक।
उम्मीद है आपको ये Real Sex Story पसंद आयी होगी, ये एक कहानी नहीं मेरा अनिभव था, जिसे मेने आप लोगो को सुनाया उम्मीद करता हु कहानी पूरी पड़ी होगी और मुठ भी जरूर मरी होंगी। और हां अपना रिएक्शन निचे जरूर दे और साथ में कमेंट भी करके बताये।
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