राजेश मुझे कहने लगा चलो रोहित आज कहीं घूम आते हैं। मैंने राजेश को कहा ठीक है उस दिन हम दोनों पहले तो अपने दोस्त मोहन को मिले और उसके बाद वहां से हम लोग मूवी देखने के लिए गए फिर हम लोग घर लौट आए थे।
उस दिन मैं घर देरी से पहुंच जाता तो पापा ने मुझसे पूछा बेटा तुम्हें आने में देर हो गई। मैंने उन्हें कहा मैं अपने दोस्तों के साथ गया हुआ था। मैंने डिनर किया और उसके बाद में अपने रूम में लेटा हुआ था लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं छत में टहलने के लिए चला गया।
मैं जब छत में टहल रहा था तो मैंने देखा हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी जो दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर है उन्हें मैं देख रहा था। मैं उनके साथ सेक्स करने के बारे में सोचता हूं लेकिन कभी भी मुझे उन्हें चोदने का मौका नहीं मिल पाया है।
उस दिन भी मैं भाभी को देख रहा था और भाभी वहां से चली गई थी। मैं भी नीचे आया और मैंने हस्तमैथुन किया जिससे कि मेरा वीर्य मेरे लंड से बाहर आ चुका था। भाभी का नाम सुनीता है और सुनीता भाभी दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर है।
उनकी सुंदरता के चर्चे पूरे मोहल्ले में है और मैं भी चाहता था मैं उनके यौवन का रसपान करूं और उनकी गर्मी को बुझाना चाहता था लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था क्योंकि सुनीता भाभी घर से कम ही बाहर निकला करती हैं।
एक दिन वह हमारे घर पर आई हुई थी उस दिन मैं घर पर ही था उन्होंने मुझसे कहा क्या आंटी घर पर है? मैंने उन्हें कहा नहीं अभी मम्मी घर पर नहीं है। वह मुझे कहने लगी मुझे आंटी से जरूरी काम था और मैं उस दिन भाभी से बात कर के बड़ा ही खुश था।
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सुनीता भाभी जा चुकी थी और थोड़ी देर बाद मम्मी आ गई थी। जब मम्मी घर पर आए तो मैंने उन्हें कहा सुनीता भाभी घर पर आई हुई थी। वह मुझे कहने लगी क्या सुनीता को कोई जरूरी काम था। मैंने मम्मी से कहा नहीं मां मुझे इस बारे में तो नहीं पता लेकिन आप एक बार सुनीता भाभी से बात कर लीजिएगा।
मां सुनीता के घर पर चली गई थी। जब वह सुनीता भाभी के घर पर गई उन्हें कुछ जरूरी काम था और मां घर पर अभी तक लौटी नहीं थी। मैं घर पर ही था जब मां घर पर आई तो मैंने मां से कहा मां क्या कोई जरूरी काम था। मां मुझे कहने लगी हां सुनीता को कुछ जरूरी काम था इसलिए उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया था।
मैं सुनीता भाभी को देखकर हमेशा ही खुश हो जाया करता था और कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी शादी में जाने वाले थे मैं घर पर अकेला ही था इसलिए मां ने सुनीता भाभी को कह दिया था वह मेरे लिए खाना बना दिया करें। मैं सुनीता भाभी के घर पर खाना खाने के लिए चला जाया करता था।
एक दिन मैं सुनीता भाभी के घर पर खाना खाने के लिए गया हुआ था उस दिन वह घर पर अकेली थी। मैंने उन्हें कहा क्या भैया घर पर नहीं आए हैं? वह मुझे कहने लगी नहीं वह घर पर नहीं है। सुनीता भाभी ने मेरे लिए खाना लगाया और मैं खाना खाने लगा था खाना खाने के बाद मैं सुनीता भाभी के साथ बैठा हुआ था।
जब हम लोग बातें कर रहे थे तो मेरी नजर सुनीता भाभी के स्तनों की तरफ थी उनके सुडौल स्तन देखकर मेरा लंड कडक होता जा रहा था और मैं चाहता था मैं उनकी चूत के मजे लूं लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला नहीं था।
मैंने जब सुनीता भाभी से कहा आप बहुत ही ज्यादा सुंदर है। वह मुझे कहने लगी यह तो सब लोग कहते हैं मैं बहुत ज्यादा सुंदर हूं। सुनीता भाभी मुझसे मजाक के मूड में नजर आ रही थी। उन्होंने मुझे कहा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मैंने सुनीता भाभी से कहा नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है।
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वह मेरी तरफ देखने लगी थी और मैं उनकी आंखों मैं देखे जा रहा था। मुझे लग रहा था मुझे सुनीता भाभी अपनी और आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं। वह उस दिन कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रही थी मैं भी उनके पास जाकर बैठ गया। हम दोनों अब एक दूसरे से चिपकने लगे थे।
मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा था और मेरा लंड पूरी तरीके से तनकर खड़ा हो चुका था। मैंने सुनीता भाभी से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने उनके होंठों को चूम लिया जब मैंने उनके होंठों को चूमा तो वह मेरी गोद में आने की कोशिश कर रही थी। जब मैंने उन्हें अपनी गोद में बैठाया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था।
मैं चाहता था मैं उनकी चूत में लंड को घुसा दूं। मैंने सुनीता भाभी से कहा मैं आपकी चूत में लंड को घुसाना चाहता हूं वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था। उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया।
जब वह मेरे लंड को हिलाने लगी तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा।
मैं भी समझ चुका था वह रह नहीं पाएंगी। मैंने उनके कपड़े उतार दिए मैंने देखा उन्होंने लाल रंग की पेंटी ब्रा पहनी हुई थी जिसमें कि वह बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी और उनका यौवन ऐसा था जैसे कि मैं उन्हें देखता ही जाऊं।
मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं चाहता था मैं उनकी चूत में अपने लंड को घुसा दूं। जब मैंने उनकी ब्रा को खोला तो मैंने उनके स्तनों को देखा। उनके स्तनों को देखकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो चुका था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी।
जब मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया तो उन्हें मज़ा आने लगा और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी और वह भी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी उन्होंने मुझसे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।
मैं भी समझ चुका था वह रह नहीं पाएंगी मैंने उनके स्तनों को अच्छे से चूस लिया था लेकिन जब मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत पर लगाया तो उनकी चिकनी चूत देखकर मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी और उनकी चिकनी चूण को चाटना में मुझे मजा आ रहा था।
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उनकी योनि पर एक भी बाल नहीं था और मैंने उनके पैरों को खोला हुआ था। मै उनकी चूत को चाट रहा था उससे मुझे अच्छा लग रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढा रहे थे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
जब हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे मैंने उन्हें कहा मैं आपकी चूतत में लंड को घुसाना चाहता हूं। मैंने उनकी योनि में मोटे लंड को घुसा दिया जैसे ही मैंने उनकी चूत में अपने मोटे लंड मे घुसाया तो वह जोर से चिल्लाने लगी और मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होने लगा था जिस तरीके से मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था उससे वह बहुत ज्यादा खुश थी और मुझे भी मज़ा आ रहा था।
अब मैं उन्हें अच्छे तरीके से चोदे जा रहा था और उन्हें धक्के मारने में मुझे मजा आ रहा था। उनकी चिकनी चूत के अंदर मेरा लंड सेट हो चुका था और वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत ही ज्यादा मोटा है। मेरा लंड उनकी चूत की दीवार से टकराने लगा था। जब मैं उन्हें धक्के मारता तो उनकी मादक आवाज बढ़ती ही जा रही थी।
वह जिस तरीके से सिसकारियां ले रही थी उससे मुझे मजा आने लगा था और मैं उन्हें तेजी से धक्के देने लगा था। मेरे धक्कों में बहुत ज्यादा तेजी आ रही थी और वह मुझे कहती मुझे और भी तेजी से तुम चोदते जाओ। मैंने उन्हें बहुत तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे।
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जब मैंने उनकी चूत में अपने वीर्य को गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने उनकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला तो उनकी योनि से मेरा वीर्य टपक रहा था और उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा खुशी थी और उनके चेहरे की खुशी बयां कर रही थी उन्हें मेरे साथ सेक्स करने में मजा आया है।
मेरा मन अभी भी उनकी चूत मारने का था। मैंने उनकी चूतडो को अपनी और करते हुए उनकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया था। मेरा मोटा लंड उनकी चूत के अंदर जाते ही मुझे मजा आया और मैं उन्हें तेजी से चोदने लगा था।
जब मैं उन्हे धक्के मारने लगा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और उन्हें भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे साथ सेक्स का मजा ले रही थी। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिला रही थी।
उनकी चूतडे जब मेरे लंड से टकराती तो मुझे अच्छा लग रहा था और मुझे उन्हें धक्के देने में बड़ा ही मजा आ रहा था। जिस तरीके से मैं उन्हे धक्के दे रहा था उससे वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे ले रहे थे।
मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन जैसे ही मैंने अपने माल को उनकी चूतड़ों पर गिराया तो वह खुश थी।
वह मुझे कहने लगी मुझे आज बहुत ही अच्छा लग रहा है कि तुम्हारे साथ सेक्स करने में मुझे बहुत ही अच्छा लगा। उस दिन के बाद से मैं हमेशा ही सुनीता भाभी की चूत की गर्मी को मिटाने की कोशिश करता और वह मुझे घर पर बुला लिया करती।