योगा से भोग योग तक

नमस्कार दोस्तों मैं राहुल…
आज मैं आपके सामने फिर से हाजिर हुं एक नई कहानी लेकर. मैं पुणे से हुं,35 साल का हठा कठा लौंडा हुं 5 फुट 8 इंच हाइट है सावला हुं 85 किलो वजन है शादी अभी तक नहीं हुई है. कोरोना पेंडामिक के कारण मैं रोज सुबह बागीचे मैं योगा किया करता था.एक दिन एक औरत मेरे पास आकर बैठ गई और उसने कहा आप मुझे भी योगा सिखा सकते हो मैं रोज सुबह आपको देखती हूँ आप योगा बहुत आच्छा करते हैं प्लीज मुझे भी सिखा दिजिए .. योगा से भोग योग तक

मैंने कहा पहले आप आपना परिचय दिजिए।

उन्होंने कहा मेरा नाम शेहनाज है। मैं आय टी मे सोफ्टवेयर इंजीनियरिंग हुं ।

मैंने कहा आप कल सुबह छ बजे आ जाना मैं सिखा दुंगा आपको उसके जाने के बाद लगा ये विद्या बालन की तरह दिखती है और विद्या बालन की तरह गोरी और मोठी है शायद 35 साल की दिखती है बडे बडे मम्मे है,गांड मोठी है विद्या बालन की जैसी.

दुसरे दिन सुबह हमने योगा किया.. ऐसे ही योगा करते करते एक महिना हो गया बारिश का मौसम था।तो शेहनाज ने कहा बारिश कभी भी आ सकती है एक कम करते है यहां से मेरा घर नजदीक है हम घर पर ही योगा करते हैं। Antarvasna

तो हम शेहनाज के घर पहुंच गए ,तो मैंने कहा बाकी लोग कहा है…तो शेहनाज शांत हो गई तभी शेहनाज ने कहा मैं कलकत्ता से हुं,मेरी शादी को तीन साल हो गये थे।शादी के एक साल बाद मेरे शौहर को पांच साल के लिए कंपनी की तरफ से जर्मनी जाना पडा वह जाने के कुछ महिने बाद कोरोना कि वजह से लॉकडाऊन हो गया कुछ दिनों के बाद कोरोना की वजह से उनकी मौत हो गई….

और रोने लगी थोड़ी देर के बाद शांत हो गई।

हम लोगों ने योगा शुरू किया ,जाते समय मैंने शेहनाज से मोबाइल नंबर लिया।

अब हमारी दिन में भी बात होने लगी रात में हम व्हाट्सएप पे बात करते थे।

एक बार मैं सुबह योगा के लिए शेहनाज के घर गया…तो शेहनाज तयार थी मगर उसने मुझे कहा कल से पिरियड चालू हो गए है…और मेरा पुरा बदन दर्द कर रहा है।

तो मैंने कहा पांच दिन तक कुछ कर नहीं सकते है… मगर आप कहे तो मैं आपका बॉडी का मसाज कर सकता हूं… आपकी इजाजत हो तो.

शेहनाज ने तुरंत हां कहा और पेट के बल लेट गई.

मैने उनके पैरों से शुरुआत की कुछ ही समय में शेहनाज के मुंह से शब्द निकले इस समय क्या फिल कर रही हुं मैं राहुल….जैसे मैं इस समय स्वर्ग में हूं.

उसके बाद कमर कि मसाज करने लगा तो मेरे लंड मैं तनाव आ रहा था देख तेहि देखते लंड लंबा और कडक हो गया कभी किसी औरत को हाथ नहीं लगाया था.

उसके बाद पीठ कि मसाज कि अब मैंने जैसे ही शेहनाज कि गांड पे हाथ लगा या तो उसने गांड को खिचा तो मैंने कहा थोड़ा लूज छोड़ दो तो उन्होंने लूज छोडा तो मेरे हाथ उनके गांड पर घुम रहे थे क्या मुलायम गांड थी उनकी मेरा लंड तो बहुत तना हुआ था .शायद उनको भी मजा आ रहा था. योगा से भोग योग तक

मै खडा हो गया तो शेहनाज भी उठकर बैठ गई ,मेरे खडा लंड देख कर उसने नजर नहीं हटाई शायद लंबाई मोठाई नाप रही थी.
उसके बाद घर आकर काम पे गया.

उस रात हमने एक घंटे तक बात की गुड नाईट बोल के दोनों ने फोन रख दिया.मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी हर पल शेहनाज की गांड नजर आ रही थी।शेहनाज को चोदने के सपने देखने लगा था ,मेरा 8 इंच लंबा और तीन इंच मोठा लंड हाथों में पकडकर दबा रहा था। Desi Sex Kahani

मोबाइल उठाकर शेहनाज को मेसेज किया…. हाय

शेहनाज का भी मेसेज आया….हाय सोये नहीं अब तक.

मैंने कहा नींद नहीं आ रही है ,जब भी आंखें बंद करता हूं आपका चेहरा नजर आता है।

शेहनाज ने भी कहा मुझे भी नींद नहीं आ रही है ,आपके जैसा ही हाल है मेरा जब भी आंखें बंद करती हूं आपका चेहरा नजर आता है। और आंखें खोलती हुं तो आप को देखना चाहती हूं,पता नहीं क्या हुआ है हमें.

मैंने कहा मुझे पता है क्या हुआ है हमें.

शेहनाज क्या हुआ है हमे…

हम एक दुसरे से प्यार करने लगे हैं…..

शेहनाज का कोई रिप्लाई नहीं आया .

शेहनाज को फोन किया और आय लव यू कहा.

उसने भी आय लव यू कहा,….हमने बहुत सारी बातें करते रहे रात के दो बजे थे.

शेहनाज ने कहा सुबह मिलते है,और हमने फोन रख दिया.

मेरा लंड कहा मानने वाला था चड्डी गिली हो गई थी. चार दिन काटना बहुत मुश्किल हो गया था. हम लोग लगा तार चार दिन मिलते रहै,फोन पर बाते करते रहे. मगर चुदाई करने कि कोई जल्द बाजी नही कि. योगा से भोग योग तक

पांच वे दिन मैं गाडी पर शेहनाज के घर निकला बारिश भी बहुत ज्यादा हो रही थी शेहनाज के घर पहुंच ने तक में पुरा भिग गया था गाडी पार्क कर दियी अब मेरे अंदर का सैतान जाग रहा था।

दरवाजे की बेल बजाई तो शेहनाज ने दरवाजा खोल के अंदर आने को बोला मैं ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया शेहनाज ने पायजामा और टि शर्ट पेहना हुआ था।

शेहनाज ने मुझे तौलिया हाथ में देकर कहा बाथरूम मे जाकर पोछ लो नही तो सर्दी लग जायेगी मे बाथरूम में जाकर अंदर देखा तो शेहनाज की बहुत सारी ब्रा चड्डी उपर लटकी हुई थी उसने रात को काली ब्रा और काली चड्डी पेहनी थी उसकी गिल्ली चड्डी को उठा कर चूत वाले जगह पर हाथ लगा कर सूंघ लिया क्या खुशबू थी यार…

मैं ने सारे कपडे उतार साइट पर रख दिये और सिर्फ तौलिया पेहनकर बाहर निकल आया उसने मुझे देखा तो बोली चाय पियोगे या कॉफ़ी मैं ने कहा जो भी आप पिलावोगे,

शेहनाज ने एक स्माइल पास कर दी और किचन की तरफ जाने लगी मैं भी उसके पिछे पिछे मटकती गांड को देखते हुए गया बार बार मुझे देखती थी.

मैं ने जाकर शेहनाज को पिछेसे पकड़ लिया और उसके कान में I Love You कहा ,शेहनाज भी मेरी तरफ मुडकर I Love You to कहा और हम दोनों ने एक दूसरे को बाहों में लेकर सेहला ने लगे थे दोनों को छुट ने की जल्दी नहीं थी मैं ने शेहनाज के पिठ को सेहला ते सेहला ते दोनो हाथ कमर पर लेकर गया उसकी तरफ से कुछ विरोध नहीं हुआ तो मैं ने उसके गांड को दबा ना शुरू किया तो शेहनाज ने उसकी ऊंगली मेरे छाती के बालों में घुमाना शुरू किया

मैंने शेहनाज का चेहरा उपर उठकर उसके होठों पर किस्स करने लगा दो मिनट के बाद शेहनाज को गोद मै उठाकर बेडरूम मैं लेके गया.और बेड पर सुलाया हमने एक-दूसरे को जकड़ रखा था।

काफ़ी देर तक हम लिपटे रहे और एक-दूसरे के साथ जीभ और होंठों से खेलते रहे।काफ़ी देर तक किस करने के बाद
मुझे ऐसा लगा कि जैसे आज मेरी सुहागरात है.

शेहनाज को चूमने लगा. मैं पूरे जोश में था। में धीरे-धीरे शेहनाज के पूरे शरीर को चूमने लगा।

शेहनाज को चूमते हुए में उसका टि शर्ट भी उतारने लगा। फिर में शेहनाज के बूब्ज़ चूसने लगा। शेहनाज के बूब्ज़ देख कर तो में पागल ही हो गया था. में उसके बूब्ज़ को आराम से सहलाता, चूमता और कभी जोर से दबा देता था। उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी।

इन सब में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं जैसे अपना सुहागरात मना रहा था. शेहनाज मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर मैं ने उसका पायजामा उतार दिया उसने चड्डी नहीं पेहनी थी.में धीरे-धीरे उसके बदन को चूमता और चाटता हुआ नीचे बढ़ता गया।

में शेहनाज के पेट और नाभि को चाटने लगा. ये सब करते हूए में पागल हो रहा था। में शेहनाज की जांघों से होता हुआ पैरों तक पहुँच गया और पैरों की उँगलियाँ चूसने लगा। योगा से भोग योग तक

फिर में उसकी जांघों को सहलाने लगा।और फिर उसकी टाँगों को खोल कर चूत के आसपास चूमने लगा चूत पे बहुत सारे बाल थे। शेहनाज की चूत बहुत गिली हो गई थी।

मैं ने अपना आपा खो चुका था. मैं पूरे जोश में था. उसके मुँह से बस सिसकारियाँ और आहें निकल रही थी।

मैंने आपना तौलिया उतारा तो मेरा लंड एकदम सलामी देने को खड़ा था। उस वक्त तक मैंने इतनी अच्छी गोरी चूत नहीं देखी थी। मुझे तो शेहनाज की चूत से प्यार हो गया था।

मेरे लंड को देखकर शेहनाज बोली बहुत लंबा और मोठा भी है। मुझे बहुत डर लग रहा है।मैं समझ गई कि अब मेरी खैर नहीं है। मैंने कहा डर मत में धीरे धीरे करुंगा.

फिर में शेहनाज के उपर आया उसे किस्स करने लगा

तब मैंने शेहनाज की टाँगें खींचकर मैंने चूत पर थूक लगाया. फिर लंड टिका कर जोर से धक्का मारा और अपना लगभग आधा लंड अंदर डाल दिया।इस अचानक और जोरदार वार से शेहनाज की हालत खराब हो गई. उसके मुँह से जोरदार चीँख निकल गई।शेहनाज ने मुझे पूरी तरह से जकड़ लिया

अभी तक शेहनाज पहले वार से उभरी भी नहीं थी.की मैंने फिर से एक जोरदार झटका दिया फिर भी मेरा पूरा लंड शेहनाज की चूत मे अंदर गया नहीं।

शेहनाज मेरी बांहों में बेबस पड़ी थी और चाह के भी कुछ नहीं कर पा रही थी।

मेरा बड़ा सा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. फिर भी दो इंच बाहर ही था।शेहनाज दर्द से तड़प रही थी पर कुछ नहीं कर पा रही थी।

उसकी चीख भी मेरे होंठों तले दबी रह गई।शेहनाज के आंखों से आंसू बहाने लगे थे।में कुछ देर रूका फिर कमर उठा के लंड थोड़ा बाहर निकाला और एक आखरी जोरदार झटका दिया पुरा लंड अंदर चला गया.शेहनाज ने एक जोरदार चीख निकाली में थोड़ी देर रूका और उसके आंसू पोछ ने लगा.थोडी देर में वो नोर्मल हो गई

फिर मैंने आराम से धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरु किया तो शेहनाज की जान में जान आने लगी.
पर मैंने लंड निकालते ही शेहनाज की चूत मे फिर से अपना लंड पूरी ताकत से अंदर डाल दिया।
अब शेहनाज की हालत और बुरी हो गई । योगा से भोग योग तक

मैंने फिर तीन-चार बार ऐसा किया. तो शेहनाज बोली मुझे अच्छा लगने लगा है।धीरे-धीरे शेहनाज ने अपनी पकड़ ढीली कर दी और मे उसे बहुत तेज़ी से चोदने लगा। मेरा लंड उसकी चूत में काफ़ी अंदर तक जा रहा था।

शेहनाज मेरे निचे लंड के बीच फंस गई थी. मैं पूरी ताकत से उसकी चूत को चीर रहा था.

दस मिनट के बाद शेहनाज ने मुझे जोर से पकड़ लिया मैं समझ गया वो झडऩे वाली हैं तो मैं रुक गया बहुत सारा गरम पानी से मेरा लंड भीगा रही थी

फिर होठों का एक दूसरे से स्पर्श हुआ, मैंने उसके निचले होठों को मुँह में ले लिया और अमृत पान करने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, हम लगातार तीन चार मिनट तक ऐसे ही रहे !

शेहनाज मेरा पूरा साथ दे रही थी, उसकी सांसें और तेज हो गईं, मेरा पहले से ही लंड शेहनाज की चूत में ही था। उसने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपा लिया और मैं उसके गालों पर और कंधे पर चुम्बन देने लगा।अब दोनों के लिए नियंत्रण रखना मुश्किल था,

शेहनाज की सिसकारियाँ बता रही थी कि उसे दर्द हो रहा था, पर मीठा दर्द !धीरे धीरे लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा। पुरे कमरे में पच पच पच की आवाज आ रही थी मैं शेहनाज को स्पिड में चोद रहा था।फिर दस मिनट के बाद शेहनाज ने मुझे जोर से पकड़ लिया. वो झडऩे वाली थी. मैं भी झडऩे वाला हूं कहा निकालू.शेहनाज ने कहा अंदर ही छोड़ दो शेहनाज को जोर से पकड़ के १५-२० जोरदार धक्कों से मैन भी पाच पिचकारी शेहनाज की चूत मैं छोड़ दी हम दोनों की सांसे बहुत तेज चल रही थी।

उसकी आंखों से आंसू बहाने लगे थे।हम एक दूसरे के होठों को चुंब रहे थे। अभी भी मेरा लंड उसकी चूत मे लोहे के जैसा था। मैं ने शेहनाज से पुच्छा कैसा लगा तो उसने मुझे किस्स किया और कहा बहुत आच्छा लगा मैं दो बार झड गई हूं।हम दोनो का रस निचे जा रहा है.मैंने पुच्छा कहा जा रहा है.

शेहनाज कुछ बोली नहीं. फिर से पुच्छा बताऔ ना तो शेहनाज बोली घाटी में,मैं ने फिर से पुच्छा घाटी में मतलब ,तो उसने बताया गांड में ये सुनकर मैं ने शेहनाज को किस्स किया और उसके उपर से उठने लगा तो उसने मुझे उठने नहीं दिया तो मैंने पुच्छा क्या हुआ तो शेहनाज केह ने लगी तुम्हारा वो जब मुरझा जायेगा तो उठ जाना.

मैंने पुच्छा क्या मुरझ ने के बाद उठू,तो शेहनाज ने मेरे कान मैं कहा तुम्हारा लंड और दोनों हंसने लगे,धीरे धीरे मेरा लंड शेहनाज की चूत से बाहर निकल आया तो सारा पानी चूत से बाहर निकल पड़ा शेहनाज उठाने लगी तो मैंने पुच्छा क्या हुआ शेहनाज बोली पिशाब करनी है। योगा से भोग योग तक

मैं ने कहा मुझे भी करनी है।तो हम दोनों बाथरूम में गये शेहनाज बैठ गई और जोर से पिशाब करने लगी मैं खडे खडे ही मुतना शुरू किया शेहनाज की पिशाब की शुरररररररर आवाज से मुझे बहुत मजा आया शेहनाज ने पानी से चूत को धोयी और मेरे लंड को हाथ मे लेकर पानी से धोया फिर हम वापस बेड पे आकर लेट गए मैंने शेहनाज से पुच्छा कैसा लगा तो उसने मुझे किस्स करके कहा आप ने मुझे जन्नत दिखाई,

लोग केहते है जन्नत तो उपर है,मगर औरत के उपर उसका आशिक हो और आशिक का लंड माशूका की चूत मैं हो तो उसे जन्नत नसीब होती है, और आज आपने मुझे जन्नत का सुख दिया है।शेहनाज को किस्स किया और कहा मैं रोज तुम्हें जन्नत की सैर कराउंगा… हम दोनों हसने लगे.

शेहनाज थोड़ी शरमा के मुझसे लिपट गई. उसके लिपटते ही मुझे इतनी खुशी हुई कि मैंने भी उसे अपनी बाहों में समेट लिया और अपने हाथों से उसकी पीठ सहलाने लगा

चुदाई के बाद हम दोनों ने रात को मिलने का वादा करके काम पे निकल गये,दोस्तों रात को शेहनाज कि जबरदस्त चुदाई की जो दुसरे पार्ट मैं बताऊंगा.

तो आपको ये कहानी कैसे लगी मुझे मेल कर के बाता देना
[email protected]

धन्यवाद…

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