Big Cock Sex Kahani – दीदी के कजिन ने 9 इंची लंड से पेला

बिग कॉक सेक्स कहानी मेरी चूत की बड़े लंड से चुदाई की है. मैंने अपने मामा की बेटी के साथ उसके मौसेरे भाई से अपनी गर्म चूत में बड़ा लौड़ा लिया.

यह कहानी सुनें.


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्षिता है। मैं हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हूं।
पिछले दो वर्षों से मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूं।

मुझे आप सभी की लिखी हुई कहानियां बेहद पसंद आईं।
तो मुझे लगा कि क्यों न मैं भी अपने कुछ सच्चे अनुभव आप लोगों के साथ साझा करूं।

बिग कॉक सेक्स कहानी में सबसे पहले मैं पहले आपको अपने बारे में बता दूं तो बेहतर होगा ताकि आप मेरी कहानी का आनंद ले सकें।
मेरी उम्र 28 वर्ष है और रंग बिल्कुल गोरा है।
मेरे काले घने बाल हैं जो मीडियम लंबाई के हैं।

फिगर की बात करूं तो 34बी-28-36 की है।

और सबसे जरूरी चीज़ जिसके बारे में आप सभी को जानने की जिज्ञासा होगी, वो है मेरी फुद्दी!
तो मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरी फुद्दी बिल्कुल गुलाबी रंग की है जिसे देखकर हर मर्द के मुंह से पानी टपकने लगे।
मैं पिछले 5 साल से देहरादून में जॉब करती हूँ।

मेरे पिताजी फौज में थे और जब मैं 3-4 वर्ष की थी तभी कश्मीर में वो शहीद हो गए।
उसके बाद से मुझे मेरी माँ ने ही पाला।

मैं एक अच्छे घर से हूं लेकिन मैंने काफी छोटी उम्र से ही अपनी मम्मी की चुदाई देखी है इसलिए चुदाई के नाम से मेरा दिल मचल उठता है।

जैसी चुदक्कड़ मेरी मम्मी है, मैं भी वैसी ही चुदक्कड़ हूं।
मेरी मम्मी मेरी दोस्त की तरह हो गई है वो जिससे भी चुदती है, सब मुझे बताती है।
मैं भी अपनी चुदाई की दास्तान उनको बताती हूं।
हम दोनों में खूब जमती है।

तो यह बात पिछले लॉकडाउन के समय की है जब मैं अपने ऑफिस के काम से दिल्ली गयी थी।
मैं वहाँ एक होटल में रुकी थी।

ऑफिस का काम निपटा कर मुझे एक हफ्ते बाद लौटना था.
लेकिन तभी कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
मैं वहीं फंस गई।

मेरे मामा की बेटी सौम्या दिल्ली में ही रहती थी तो मैं मजबूरी में उसके पास रहने के लिए चली गई।

सौम्या मेरी ही उम्र की थी तो हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती थी।
वो दिखने में काफी गोरी और खूबसूरत भी है।

जब मैं उसके फ्लैट पर पहुंची तो वहां पर पहले से कोई लड़का था।
मेरा परिचय भी उस लड़के से उसने करवाया।

वो उसकी मौसी का बेटा था। वो दिल्ली में ही अपना ट्रैवल का बिजनेस करता था।

मैंने उसके बारे में सौम्या से एक दो बार सुना तो था लेकिन मिलना पहली बार हो रहा था।

शरीर से वो हट्टा-कट्टा और काफी तगड़ा था। उसकी उम्र 30-32 के करीब थी।

सौम्या ने बताया कि वो भैया उनके साथ ही रहते हैं।

फिर उन्होंने मेरे सामान को रूम में रखवा दिया।
उसके रूम में एक ब़ड़ा सा बेड था जिस पर 3-4 लोग आराम से सो सकते थे।

जब रात हुई तो हमने खाना खाया और तब भैया बोले- तुम दोनो अंदर आराम से सो जाओ और अगर किसी चीज की जरूरत हो तो आवाज लगा देना।
उनका बात करने का ढंग बेहद नम्रता वाला था।

वो बाहर हॉल मे गद्दा लगा कर सो गए और हम दोनों अंदर कमरे में आ गईं।
सौम्या ने एसी चालू करके कमरे को मानो शिमला ही बना दिया था।

हम दोनों ने कपड़े चेंज किए और बातें करने लगीं।
काफ़ी सालों बाद मिलने की वजह से हमारी बातें देर रात तक चलीं।

करीब 15-20 दिन सबकुछ सही चला।
फिर सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया। मैं काफी उदास हो गई थी मगर दूसरा कोई चारा भी नहीं था।

आखिरकार एक दिन ऐसा आया जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। उस रात कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से मेरी फुद्दी को बहुत बडा लंड मिला।

उस रात मैं और सौम्या हर दिन की तरह कमरे में सो रहे थे।
मैं गहरी नींद में थी।

तभी मुझे कंबल के अंदर कुछ हलचल महसूस हुई।
पहले मुझे लगा कि कोई सपना देख रही हूं।
लेकिन काफी देर तक ऐसा होता रहा जिस वजह से मेरी नींद खुल गई।

मैंने समझने की कोशिश की कि क्या चल रहा है।
कमरे में बहुत अंधेरा था, कुछ देखना मुश्किल था।

तब मुझे अहसास हुआ कि मेरे बगल में लेटी सौम्या अपनी फुद्दी चुदवा रही थी।
उसकी चुदाई इतनी तेज हो रही थी कि पूरा कमरा पच-पच की आवाजों से गूंज रहा था।

मैं समझ गई कि शरीफ सी दिखने वाली मेरी बहन इतनी भी शरीफ नहीं है।
मैंने उसका ये रूप नहीं देखा था।

वो दोनों कानाफूसी कर रहे थे और बोल रहे थे कि अब और बर्दाश्त नहीं होगा।
दोनों में खूब चुम्मा-चाटी चल रही थी।
उन दोनों को शायद लग रहा था कि मैं सो रही हूं।

काफी देर तक उसकी चुदाई हुई और फिर सब कुछ शान्त हो गया।
इसके बाद मैं भी चुपचाप सो गई।

अगली सुबह मैंने सौम्या को ये अहसास नहीं होने दिया कि मुझे उसकी चुदाई के बारे में पता चल गया है।

2-4 दिन फिर सबकुछ शान्त रहा।

फिर वो रात आ गई जब हम दोनों बहनों की चूत की चटनी बनने वाली थी।

उस रात फिर मैं सो गई लेकिन कुछ ही देर बाद मैंने दरवाजा बंद होने की आहट सुनी।

दरवाजा बंद होने की वजह से पूरा अंधेरा था, बस हलचल से ही कुछ पता चल पा रहा था।

तभी वो लोग किस करने लगे और धीरे-धीरे उन दोनों का माहौल बनने लगा।

कुछ देर बाद उस दिन फिर से सौम्या की जबरदस्त चुदाई शुरू हो गई और मुझे भी चुदवाने का मन करने लगा।
मेरी उंगली मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी फुद्दी सहलाने लगी।

बहुत मुश्किल से मैं खुद को संभाल रही थी और सोच रही थी कि कैसी है ये लड़की जो अपने भैया से चुदवा रही है!

उधर उसकी बेरहमी से चुदाई हो रही थी और इधर मेरी फुद्दी में भी आग लगी हुई थी।
दिल कह रहा था कि चुदवा लूं लेकिन दिमाग कह रहा था कि ये गलत है।

लेकिन कहते हैं ना कि जब फुद्दी में आग लगी हो तो दिमाग काम करना छोड़ देता है।
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

मैंने अपना संयम खो दिया और झट से मोबाइल का फ्लैश जला दिया।

जैसे ही मैंने मोबाइल जलाया वैसे ही सौम्या का चेहरा देखने लायक था।

घबराहट के मारे वो बस मुझे देख रही थी लेकिन भैया अब भी उसे चोदे जा रहे थे।

मैंने कहा- सौम्या, ये क्या कर रही हो?
इतना सुनते ही भैया उससे अलग हो गए और सौम्या मुझसे लिपट कर रोने लगी।

भैया ने खुद को बेडशीट से लपेट लिया और बाहर चले गए।

वो रोकर बोलने लगी- यार हर्षु … मैं जानती हूँ कि ये सब गलत है मगर मैं चाह कर भी ये रोक नहीं पाती।
मैंने उसे गले से लगाया और बोला- तू रो मत, मैं जानती हुं तुझे अच्छा लगता है। मगर भाई के साथ ये करना ठीक नहीं है।

वो बोली- भाई का हथियार इतना बड़ा है कि मेरे पास और कोई चारा ही नहीं रहता है।

यह सुनकर मेरा मन भी मचलने लगा तो मैंने पूछा- कब से चल रहा है ये?
वो बोली- करीब दो साल हो गए, भैया मुझे अक्सर चोदते हैं। कोई भी फुद्दी दीवानी हो जाए ऐसे लंड की। तू भी एक बार मरवा कर देख।

उसने मेरे मुंह की बात छीन ली।
लेकिन मैं शर्माने का नाटक करते हुए बोली- यार ऐसे कैसे चुदवा लूं? मेरा तो नीचे पूरा जंगल उग गया है। वैसे भी अगर किसी को पता चलेगा तो बहुत बदनामी होगी।

यह सुनकर सौम्या मेरा हाथ पकड़कर अपनी फुद्दी पर ले गई और बोली- देख नीचे के बालों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने भी रखे हैं, और यहाँ सिर्फ हम तीन हैं। यहां क्या हो रहा है किसी को पता नहीं चलेगा।

यह सुनकर मेरा मन भी डोल उठा और मैंने कहा- ठीक है, मगर ये सब हम लोंगो के बीच में ही रहेगा ना?

उसका मूड अब ठीक हो गया था।
वो बोली- 2 साल में केवल तुझे ही पता चला है अब तक। तू फिक्र मत कर।

इतना कहकर उसने भैया को आवाज लगाई तो कुछ देर बाद भैया कमरे में आए।
सौम्या ने लाइट जलाने को बोला और जैसे ही लाइट जली, मेरी नजरें सौम्या पर पड़ीं।
मैं उसे देखती रह गई।

क्या खूबसूरत जिस्म था उसका … बिल्कुल गोरा और मुलायम जिस्म, मानो कोई परी हो।
उसकी फुद्दी भी मेरी तरह गुलाबी थी।

सौम्या ने भैया को बुलाकर कहा- भैया आज तो आपकी लॉटरी लग गई है।
भैया- मतलब?
सौम्या- मेरे साथ हर्षिता भी चुदेगी।

मैंने शर्म से आंखें नीची कर लीं।

भैया पास आए और बोले- तो फिर नेक काम में देरी किस बात की? मैं तो मरा जा रहा हूं फुद्दी के लिए!

सौम्या ने धीरे-धीरे मेरे कपड़े निकालने शुरू कर दिए।
मैंने कोई विरोध नहीं किया।
देखते-देखते उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया।

मुझे शर्म आ रही थी तो मैंने अपने हाथ से फुद्दी को छिपा लिया।
सौम्या ने भैया को अपने पास खींचा और एक झटके में उन्हें नंगा कर दिया।

मेरी नज़र सीधे उनके लंड पर पड़ी।
इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने आजतक नहीं देखा था।

मैं सौम्या से बोली- बाप रे! कितना बड़ा लंड है! तू कैसे लेती है ये? मुझसे तो नहीं होगा।

यह कहकर मैंने अपने पांव पीछे खींच लिये।
सौम्या- साली, एक बार घुसेगा तो निकालने का नाम नहीं लेगी। अपने हुस्न का दीदार तो करा!
इतना बोलकर उसने मेरा हाथ मेरी फुद्दी से हटा दिया और मुस्करा कर बोली- तू तो सच में मेरी बहन है। भैया इसे चोदने में तो बहुत मजा आएगा आपको!

भैया पास आकर मेरी फुद्दी सहलाते हुए बोले- तुम दोनों कमाल हो। बहुत मजा आएगा तुम्हें चोदकर!

इतने में सौम्या ने मेरा सिर पकड़कर अपनी ओर खींचा और मुझे किस करने लगी।
इसी मौके का फायदा उठाकर भैया ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में अंदर पेल दिया।

मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ मगर सौम्या ने मुझे कसकर जकड़ रखा था।
अब वो धीरे-धीरे मुझे चोदने लगे। अब सौम्या ने मुझे ढीला कर दिया और मेरी दोनों बांहों को फैला दिया।

वो मेरे ऊपर चढ़कर तेजी से मुझे चोदने लगे।
अब पूरे कमरे में मेरी चुदाई की आवाज गूंजने लगी।
उनका लंड मेरी फुद्दी का कचुमर बना रहा था।
पूरा कमरा फच-फच की आवाजों से गूंज उठा था।

अब सौम्या मुझसे अलग हो गई और मोबाइल चलाने लगी।

मेरी आजतक ऐसी चुदाई किसी ने नहीं की थी।
अब तो मैं शर्म त्याग कर फुद्दी उठा उठाकर चुदवाने लगी।

भैया बार-बार बोल रहे थे कि तुम्हारी फुद्दी के सामने विदेशी चूत भी फेल है।
वो बड़े चाव से मेरी चूत को चोद रहे थे।

गुलाबी फुद्दी नसीब वालों को मिलती हैं और इनको तो दो दो मिल गई थी।

कुछ देर और चुदवाने के बाद मेरी फुद्दी ने पानी छोड़ दिया और मुझे बहुत मजा आ रहा था।

भैया अभी भी मुझे चोदे जा रहे थे और मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फिरा रहे थे।वो बोले- आज मैं तुम दोनों को नहीं छोडूंगा।

वो मुझे किस करने लगे और मैं भी मजे लेने लगी और नीचे उनका लंड मेरी फुद्दी में ताण्डव मचा रहा था।

करीब 20 मिनट से वो मुझे चोदे जा रहे थे।
मेरी हालत खराब हो चुकी थी मगर वो असली मर्द थे और बिल्कुल नहीं रुक रहे थे।

मैं थक चुकी थी और एसी में भी पूरा बदन पसीना-पसीना हो गया था।
मेरे रोकने के बावजूद वो शताब्दी एक्सप्रेस की तरह मुझे चोदते ही चले गए।

फिर मैंने सौम्या की मदद मांगी, उसे अपने पास आने का इशारा किया।
मैंने उससे कहा- मुझे थोड़ा आराम चाहिए है, इनको रोको किसी तरह!
उसने भैया से चुदाई रोकने को कहा लेकिन भैया बोल रहे थे कि नई नवेली फुद्दी आई है, इसकी खातिरदारी करने दो।

अब मेरे पास चुदवाते रहने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
वो मुझे जगह जगह से चाट रहे थे।
मुझे ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था।

किसी ने सही कहा है कि जन्नत का दरवाजा लड़की की फुद्दी से गुजरता है।
आज हम दोनों जन्नत का सुख भोग रहे थे।

फिर भैया धीमे होने लगे और रुक गए।

मैंने सोचा कि अब सौम्या की चुदाई की बारी है।
मगर अब वो मुझे उठाकर टेबल के पास ले आए और मेरी एक टांग को अपने कंधे पर टिका लिया और मेरी गांड को टेबल के सहारे टिका दिया।
अब वो खड़ी करके मेरी लेने लगे।

करीब 1 मिनट मुझे इसी पोज में चोदा और मैं फिर झड़ गई।

उसके बाद बोले- तुम बहुत स्वादिष्ट हो। तुम दोनों चुदने के लिए ही बनी हो मेरी जान … जितना चोदता हूं उतना और ज्यादा चोदने का मन करता है।
मैंने कहा- आपको रोका किसने है … ये फुद्दी अब आपकी है। जब तक मन करे तब तक इसे चोदा करना।

वो बोले- तब तो तुम्हारी खैर नहीं। देखो तुम्हारी चूत के साथ मैं क्या करता हूँ।

मैं भी पीछे हटने वाली नहीं थी, मैंने भी ठान लिया कि आज जो हो जाए इनका वीर्य अपनी फुद्दी में लेकर ही रहूंगी।

अब उनकी रफ्तार और तेज हो गई जिससे मेरी हालत और खराब होने लगी।
कुछ देर तक और चोदने के बाद भैया ने अपना गर्मा गर्म माल मेरी फुद्दी की गहराई में छोड़ दिया।
हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और किस करने लगे।

उन्होंने अपना लंड जब मेरी चूत के अंदर से निकाला तो सौम्या उनके लंड को पकड़ कर चाटने लगी।

भैया उसको देखकर बोले- जानेमन … थोड़ा रेस्ट कर लूँ, फिर तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ।
यह सुनकर सौम्या के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

मैं बिस्तर पर निढ़ाल पड़ी हुई थी।
रात के करीब डेढ़ बज गए थे।

सौम्या भी मेरे बगल में आकर लेट गई और बोली- कैसा लगा हर्षु तुझे?

मैंने कहा- बहुत मादरचोद लंड है उनका!
यह सुनकर सौम्या बोली- मादरचोद नहीं, बहनचोद लंड है उनका!
अब भैया हम दोनों के बीच लेट गए और दोनों को सहलाने लगे।

धीरे-धीरे उनका लंड फिर टाइट होने लगा और कुछ ही पल में तन कर फुंफकारने लगा।
यह देखकर सौम्या ने अपनी फुद्दी भैया को परोस दी।

भैया ने बिना किसी देरी के सौम्या के तोहफे को कुबूल कर लिया और फकाफक उसे पेलने लगे।

अब दोनों एक दूसरे में समा गए और सौम्या की बेरहम चुदाई शुरू हो गई।
पूरा कमरा चुदाई की आवाजों से गूंज उठा। काफी देर तक उसे चोदने के बाद भैया ने सारा माल सौम्या के चेहरे पर गिरा दिया।

मैंने उसके चेहरे से सारा माल चाटकर साफ कर दिया।
अब हम तीनों की कब आंख लगी, पता ही नहीं चला।

सुबह करीब नौ बजे मेरी नींद खुली तो सौम्या मेरे लिए चाय लेकर आई हुई थी।

मैं लड़खड़ाते हुए हॉल में आई और सोफे पर बैठकर चाय की चुस्की लेने लगी।

सौम्या मेरे बगल में बैठकर बोली- एक रात में ही तेरा ये हाल है हर्षु, अभी तो कई रात और हैं लॉकडाउन खत्म होने में!
मैं बोली- यार उनका लंड बहुत बड़ा है, मेरी फुद्दी की तो बैंड बजा दी यार। मगर सच बताऊं तो इतना मजा पहले कभी नहीं आया।

सौम्या- मजा तो आएगा ही … आखिर 9 इंच का जो है।
मैं- वाकई यार … मस्त लंड है इनका। मगर मुझे नहीं लगता 9 इंच का है।
सौम्या- मैंने खुद नापा है … 9 इंच से बड़ा है।

मैं– मैं नहीं मानती।
सौम्या- तू चल, मैं दिखाती हूं।
यह कहकर वो मुझे कमरे में ले गई।

भैया सोए हुए थे और उनका लंड भी आराम फरमा रहा था। मुर्झाया हुआ लंड भी बाकी मर्दों के लंड से काफी बड़ा लग रहा था।

सौम्या ने अपने भाई का लंड मुख में ले लिया. लंड धीरे धीरे खडा होने लगा.
इसी बीच भाई भी जाग गये.

उनका लंड पूरा खडा हो गया.
तब इंच टेप निकाल कर उस लंड की लंबाई नापकर मुझे दिखाया।

वाकई यह लंड काफी बड़ा था जो खड़ा होने पर 9 इंच को पार कर रहा था।
सौम्या- अब यकीन हुआ तुझे? चल अब नहा ले जाकर।

मैं नहाने चली गई और नहाते वक्त भी रात की चुदाई के बारे में सोच रही थी।
अब मैं गर्व से कह सकती थी कि किसी मर्द ने मुझे चोदा है।

इस बिग कॉक सेक्स के बाद मेरा और सौम्या का रिश्ता और गहरा हो गया।

खाने के बाद सौम्या ने मुझे दवाई दी और बोली कि अगली बार से अंदर मत गिरवाना, अगर प्रेग्नेंट हो गई तो लफड़ा हो जाएगा।

इसके बाद जब तक लॉकडाउन खत्म हुआ तब तक मैं वहीं रही और उस दौरान मैं बार बार चुदी।

अब मैं देहरादून वापस आ चुकी हूं और उस लंड को काफी मिस करती हूं।

आप सबको मेरी और सौम्या की बिग कॉक सेक्स कहानी कैसी लगी जरूर बताइयेगा।
इसके बाद अपनी फुद्दी की प्यास हमने सौम्या के मंदबुद्धि भाई से कैसे मिटवायी, यह कहानी बताऊंगी।
[email protected]

मेरी पिछली कहानी थी: मेरी मां अपने डॉक्टर यार से चुद गई

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